प्रदेश डीजीपी, डीजी जेल, एडीजीपी होम गार्ड, एडीजीपी क्राइम ब्रांच, एडीजीपी सीआईडी और एडीजीपी टेलीकॉम आईटी भी बी.टेक. डिग्री प्राप्त
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। ऐसा पढ़ने और सुनने में भले ही आश्चर्यजनक और रोचक प्रतीत हो हालांकि सत्य यही है कि मौजूदा तौर पर हरियाणा में पुलिस के आला पदों पर तैनात अधिकतर आईपीएस ( भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों की शैक्षणिक योग्यता इंजीनियरिंग डिग्री अर्थात बीई /बीटेक ( बैचलर आफ इंजीनियरिंग / बैचलर आफ टेक्नोलॉजी) है।
हरियाणा में कुल 22 राजस्व ज़िले हैं हालांकि हिसार ज़िले में हांसी सब-डिवीज़न ( उपमंडल) और सिरसा जिले में डबवाली सब-डिवीजन को हरियाणा पुलिस कानून, 2007 के अंतर्गत विशेष तौर पर पुलिस जिला बनाया गया है जहाँ पर आईपीएस या एचपीएस ( हरियाणा पुलिस सेवा) कैडर के वरिष्ठ अधिकारी की एस.पी. (सुपरिन्टेन्डेन्ट ऑफ़ पुलिस -पुलिस अधीक्षक ) पद पर तैनाती की जाती है।
बहरहाल, हरियाणा में डीजीपी/ एडीजीपी/ रेंज आईजी के अहम पदों पर मौजूदा तैनात और ज़िलों के वर्तमान पुलिस कमिश्नर/ पुलिस अधीक्षक के पदो पर तैनात आईपीएस अधिकारियों के शैक्षणिक रिकॉर्ड सम्बन्धी जानकारी एकत्रित कर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि
दो माह पूर्व हरियाणा के डीजीपी पद पर तैनात 1990 बैच के आईपीएस शत्रुजीत सिंह कपूर, 1989 बैच के आईपीएस और प्रदेश के जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील, 1991 बैच के आईपीएस और होमगार्ड के एडीजीपी एसके जैन, 1992 बैच के आईपीएस और प्रदेश की क्राईम ब्रांच ( हरियाणा) के एडीजीपी अजय सिंघल, 1993 बैच के आईपीएस और प्रदेश सीआईडी के एडीजीपी आलोक मित्तल और उन्हीं के 1993 बैचमेट और हरियाणा स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो और टेलीकॉम के एडीजीपी एएस चावला सभी इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं जोकि निश्चित तौर पर एक अदभुत संयोग है। इसके अतिरिक्त 1994 बैच के आईपीएस और वर्तमान में हिसार पुलिस रेंज के एडीजीपी पद पर तैनात श्रीकांत जाधव के पास भी इंजीनियरिंग की डिग्री है।
हेमंत ने आगे बताया कि प्रदेश में चार ज़िलों- गुरूग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और सोनीपत में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था हैं इसलिए वहाँ पर जिला एसपी की बजाये आईजी या एडीजीपी रैंक के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को पुलिस कमिश्नर तैनात किया जाता हैं। वर्तमान में गुरूग्राम के पुलिस कमिश्नर 1998 बैच के आईपीएस विकास अरोड़ा और 1999 बैच के आईपीएस और अंबाला पुलिस रेंज के आईजी सीबास कबिराज, जिनके पास पंचकूला पुलिस कमिश्नरेट का अतिरिक्त कार्यभार है और 2004 बैच के आईपीएस और करनाल पुलिस रेंज के आईजी सतेन्द्र कुमार गुप्ता की शैक्षणिक योग्यता भी इंजीनियरिंग डिग्री है।
इसी प्रकार हेमंत ने बताया कि प्रदेश के वर्तमान 11 ज़िलों में एस.पी. के पदों पर तैनात पुलिस अधिकारियों के पास भी बीई/ बीटेक की डिग्री है जिसमें अंबाला जिले में एसपी पद पर तैनात 2012 बैच के आईपीएस जशनदीप रंधावा, 2013 बैच की आईपीएस और फतेहाबाद जिले की एसपी आस्था मोदी, उन्हीं के 2013 बैच के है आईपीएस और रोहतक जिले के एसपी हिमांशु गर्ग, 2015 बैच के आईपीएस और सीएम सिटी करनाल जिले के एसपी शशांक कुमार सावन, उन्हीं के 2015 बैच के आईपीएस और हिसार जिले के एसपी मोहित हांडा और 2015 बैच के आईपीएस और नूंह जिले के एसपी नरेंद्र बिजरनिया, 2016 बैच के आईपीएस और हांसी पुलिस जिला एसपी मकसूद अहमद, 2017 बैच के आईपीएस और भिवानी जिले के एसपी वरूण सिंगला, उन्हीं के 2017 बैच के आईपीएस और महेन्द्रगढ़ जिले के एसपी नीतीश अग्रवाल, 2017 बैच के आईपीएस और पानीपत जिले के एसपी अजीत सिंह शेखावत और 2017 बैच के आईपीएस और सिरसा जिले के एसपी विक्रांत भूषण सभी इंजिनियरिंग ग्रेजुएट हैं. वहीं 2014 बैच के 3 आईपीएस एमबीबीएस ग्रेजुएट हैं जिनमें डा.अंशु सिंगला पलवल की एसपी, डा. नितिका गहलोत चरखी दादरी की एसपी और डा. अर्पित जैन झज्जर के एसपी पद पर तैनात हैं।
हेमंत ने बताया कि अम्बाला जिले में गत 2 वर्ष से एस.पी. पद पर तैनात जश्नदीप सिंह रंधावा की शैक्षणिक योग्यता को संभवतः भूलवश या लिपिकीय त्रुटि कारण केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष प्रकाशित आईपीएस सिविल लिस्ट 2023 में बीसीए ( बैचलर आफ कंप्यूटर एप्लिकेशन) दर्शाया जा रहा है। हालांकि वास्तव में एवं हरियाणा सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी की जाने वाले प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारियों की आधिकारिक ग्रेडेशन लिस्ट में रंधावा की शेक्षणिक योग्यता बी.ई. ( बैचलर आफ इंजीनियरिंग) है। हेमंत ने केन्द्र सरकार को गत माह एक ज्ञापन भेजकर उपरोक्त गलती में तत्काल सुधार करने की अपील की है।