पहले बासमती चावल का एमईपी बढ़ाकर निर्यात किया बंद, जब किसानों ने अपनी बासमती चावल की फसल को औने-पौने दामों पर बेच दिया तो एमईपी घटा कर शुरू किया निर्यात
बासमती चावल का निर्यात रुकने के कारण किसानों को अपनी बासमती चावल की फसल को औने-पौने दामों पर 500 से 800 रूपये कम पर बेचने के लिए होना पड़ा मजबूर, जिससे किसानों को 10-15 हजार रूपये प्रति एकड़ का नुकसान हुआ
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। इनेलो के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी है और साहूकारों के हक मे सरकारी नीतियां बनाती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है जिसका एक और ताजा उदाहरण सामने आया है। जब किसानों की बासमती धान की फसल मंडियों में बिकने के लिए आई तो केंद्र की भाजपा सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए एमईपी (मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस) को 1200 डॉलर प्रति टन कर दिया।
इनेलो नेता ने कहा कि बासमती चावल के व्यापारियों ने एमईपी बढ़ाने के विरोध में हड़ताल कर दी और बासमती चावल का निर्यात रुक गया जिसके कारण किसानों को अपनी बासमती चावल की फसल साहूकारों को औने-पौने दामों पर 500 से 800 रूपए कम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। कम कीमत पर बासमती चावल बेचने से पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों को 10-15 हजार रूपए प्रति एकड़ का भारी नुकसान झेलना पड़ा है। अब जब किसान अपनी बासमती धान की फसल औने-पौने दामों में साहूकारों को बेच चुका है, तो केंद्र की भाजपा सरकार ने एमईपी को कम करके 950 डॉलर प्रति टन कर निर्यात खोल दिया है। इससे साफ हो गया है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने जानबूझ कर किसानों को लूटने और साहूकारों को भारी मुनाफा कमाने के लिए ही यह सब किया। उल्लेखनीय है कि देश में बासमती धान के कुल उत्पादन का आधे से ज्यादा हिस्सा केवल हरियाणा के किसान करते हैं।