न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 3 दिसंबर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र व डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन के संयुक्त तत्वाधान में चलाए जा रहे प्रथम ऑनलाइन गुरु दक्षता फैकेल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के दौरान गुरूवार को प्रातः कालीन सत्र में डॉ. मदन मोहन गोयल ने उत्तर महामारी काल में बदलते परिदृश्य में अध्यापक के लिए उत्कृष्टता प्रतिरूप विषय पर बहुत ही रोचक और ज्ञानप्रद व्याख्यान प्रस्तुत किया ।
इस व्याख्यान में उन्होंने अध्यापक वर्ग को सभी तरह की परिस्थितियों में बिना दबाव और चिंता के अपने कर्तव्य का निर्वाहन करने के लिए प्रेरित किया । एक अध्यापक को हमेशा एक अच्छा अध्यापक बनने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए । इसके लिए उन्होंने विभिन्न व्यवहारिक और ज्ञानप्रद प्रतिरूप भी बताएं । डॉ. गोयल ने भगवद् गीता की विभिन्न शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और योग को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अंत में उन्होंने जोर डालकर कहा कि अध्यापक वर्ग को बदलते आर्थिक परिदृश्य में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए अपना श्रेष्ठ देने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए ।
गुरु जंभेश्वर विज्ञान व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार से प्रो. नीरज दिलबागी ने शोध प्रस्ताव का प्रारूप तैयार करें के बारे में बताया । प्रत्येक शोध कार्य एक निश्चित रूपरेखा के साथ तैयार होना चाहिए और वह सामाजिक प्रासंगिकता से जुड़ा होना चाहिए । शोध में नैनो टेक्नोलॉजी का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि आज नैनो प्रौद्योगिकी ने विश्व के हर क्षेत्र को अपने दायरे में ले लिया है जैसे ऊर्जा भंडारण , उत्पादन और वितरण, कृषि, जल उपचार, रोग निदान, दवा वितरण प्रणाली, खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण, वायु प्रदूषण और बचाव, स्वास्थ्य और निगरानी आदि कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं रहा है। प्रत्येक शोध का उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए और समाज को उसकी उपयोगिता होगी यह भी साफ होना चाहिए शोध के क्षेत्र में कहां कहां से फेलोशिप ले सकते हैं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
प्रोफेसर दिलबाग ने आत्मनिर्भर भारत के प्रति संकटों को अवसरों में कैसे बदला जा सकता है के बारे में भी ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया । अंतिम सत्र में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के डॉ. भारत ने सूचना का अधिकार से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह आम नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और नागरिकों को सशक्त करता है. इसके अंतर्गत आवेदन से सम्बंधित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक डॉ. राजवीर सिंह व सह संयोजक डॉ. आनंद कुमार मौजूद रहे।