न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि डेंगू व चिकनगुनिया पोस्ट इफेक्ट पर आयुर्वेदिक वेक्षण प्रयोगों का लाभ विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में आने वाले मरीजों को मिल रहा है। चिकित्सालय के पंचकर्म विभाग में डेंगू पोस्ट इफेक्ट मरीजों के लिए स्नेहन और स्वेंदन की सरल और सुगम सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे मरीज को शरीर के दर्द में तुरंत आराम मिलता है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में जोड़ों में दर्द के लिए स्नेहन और स्वेदन सबसे प्राचीन विधि है। दरअसल आयुर्वेद में दर्द का प्रधान कारण वात माना गया है। ये दोनों ही विधियां वात को जल्द खत्म कर देती हैं और दर्द में रोगी को तुरंत आराम मिल जाता है। इसके साथ ही चिकित्सालय में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा रोगी के स्वास्थ्य लाभ हेतु दिनचर्या अनुसार आहार-विहार की भी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति अनुसार अगर व्यक्ति अपनी दिनचर्या व आहार-विहार में थोड़ी सावधानियों का पालन करे तो डेंगू वायरस से निपटा जा सकता है डेंगू की स्थिति में हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है।
डिहाइड्रेशन की स्थिति में षडंग पानीय, धान्यादि हिम व नारियल पानी ले सकते हैं। ये शरीर में पानी की कमी को पूरा करते हैं, इसके साथ ही हल्का, पौष्टिक, गर्म और आसानी से पचने वाला भोजन लें। उचित आराम और नींद लेना बहुत आवश्यक है। अपने आस-पास स्वच्छता का ध्यान रखें, ठंडे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों, अधिक परिश्रम और चिंता व अवसाद से बचें। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव, प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, डॉ. राजेंद्र चौधरी, डॉ. निलम मौजूद रही।