हरियाणा सरकार खो चुकी है जनता का विश्वास : अरोड़ा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र 4 दिसंबर। पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसान आंदोलन में विदेशी फंडिंग और विदेशी हाथ होने संबंधी ब्यान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि देश का अन्नदाता दिसंबर माह की कड़कती ठंड में सड़कों पर बैठा है। अपने आपको किसान पुत्र कहने वाले जेपी दलाल एक रात भी किसानों के साथ कड़कती ठंड में धरने पर नही बैठ सकते और विदेशी फंडिंग का आरोप लगाकर देश के अन्नदाता का अपमान कर रहे हैं। उन्होने मांग की कि दलाल के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
अरोड़ा ने कहा कि जो लोग किसान के नाम पर वोट लेकर चुनाव जीते थे आज वह मुंह छिपाते विदेशों में घूम रहे हैं। यदि चौ. देवीलाल जीवित होते तो वे इस हालात में सत्ता को ठोकर मारकर किसानों के साथ धरने पर बैठते। लेकिन अपने आप को चौ. देवीलाल का अनुयायी बताने वाले जजपा के नेता सत्ता से चिपके हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के चेहरे से नकाब हट चुका है। जो अपने आप को किसानों का हमदर्द बताते हैं।
अरोड़ा ने कहा कि देश का अन्नदाता धरती माता को बचाने के लिए सड़कों पर पडा हुआ है। लेकिन सत्तारूढ़ दल के नेता कभी उन्हे खालीस्तानी तो कभी देशद्रोही बता रहे हैं। ऐसे लोगों का किसानों से कोई वास्ता नही है ये लोग धरतीपुत्र का अपमान कर रहे हैं। उन्होने सरकार से मांग करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तुरंत वापिस लिए जाएं।
विधानसभा के पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा ने मांग की कि हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए और इन काले कानूनों को निरस्त करने के लिए प्रस्ताव पास किया जाए। विधानसभा के विशेष सत्र में यह भी पता चल जाएगा कि कौन लोग किसानों के हमदर्द हैं ओर उनके साथ खड़े हैं। ऐसे लोग कौन से हैं जो किसान के नाम पर केवल राजनीति करते हैं यह भी पता चल जाएगा। उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। अरोड़ा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि प्रधनमंत्री अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं। देश के अन्नदाता को प्रधानमंत्री की बात पर कोई भरोसा नही है।
अरोड़ा ने केंद्र सरकार से मांग की कि लोकसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसान विरोधी इन तीन काले कानूनों को तुंरत रद्द किया जाए और एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनाया जाए। अरोड़ा ने कहा कि किसान आंदोलन अब तक का सबसे बडा आंदोलन है किसान शांतिपूर्वक अपना आंदोलन चला रहे हैं। सरकार कुटिल चालें चलकर किसान आंदोनल को बदनाम करने का प्रयास कर रही है। देश की जनता पूरी तरह से किसानों के साथ है। इन काले कानूनों की मार किसानों पर ही नही बल्कि आम उपभोक्ता पर भी पडे़गी।