बतौर वीसी केयू के सख्त प्रशासक से हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन पद तक का सफर
राजेश शांडिल्य/ एनडी हिंदुस्तान
चंडीगढ़। प्रख्यात शिक्षाविद् डा.कैलाश चंद्र शर्मा अब हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन होंगे। इस पद पर उनके नाम पर मुहर लग चुकी है। हालांकि काफी पहले से यह तय माना जा रहा था कि सरकार डा.केसी शर्मा की योग्यता को देखते हुए परिषद का चेयरमैन बनाने जा रही है।बहरहाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई चयन समिति की बैठक में उनका नाम फाइनल हुआ। डा.कैलाश चंद्र शर्मा को हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद का चेयरमैन बनाने पर सहमति बन चुकी है।
हरियाणा निवास में हुई बैठक में विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष डा. ज्ञानचंद गुप्ता की मौजूदगी में चयन समिति ने यह निर्णय लिया है। बता दें कि हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से परिषद के चेयरमैन पद हेतु आवेदन मांगे थे। बताया गया है कि लंबी प्रक्रिया और छंटनी उपरांत बंद लिफाफे में 20 नाम चयन कमेटी के समक्ष रखे थे,जिसके बाद कमेटी ने इस पद की कमान डा.कैलाश चंद्र शर्मा को सौंपने का निर्णय लिया।
उल्लेखनीय है कि डा.कैलाश चंद्र शर्मा हरियाणा की मदर यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के चार वर्षों तक कुलपति रहे हैं। इस दौरान कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के खाते में अनेक उपलब्धियां आई थी। पहली बार दीक्षांत समारोह में ड्रेस कोड बदलने से लेकर कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अशांत वातावरण में शांति और ए प्लस ग्रेड हासिल करने का सेहरा डा.कैलाश चंद्र शर्मा के सिर बंधा था। आज भी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाता है। अब इस पद पर रहते हुए उनके लिए हरियाणा की उच्चतर शिक्षा में और सुधार की संभावनाएं बढ़ी हैं।इधर डा.कैलाश चंद्र शर्मा को इस नियुक्ति के बाद लगातार बधाइयां देने का सिलसिला जारी है।
सख्त प्रशासक के रुप में शिक्षाविद् डा.कैलाश चंद्र शर्मा ने हासिल की कई उपलब्धियां
केयू के वीसी रहते कार्यकाल में NIRF रैकिंग में कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को देश की टॉप-100 में 59वां रैंक मिला था
मल्टी फैकल्टी स्टेट यूनिवर्सिटी में केयू को 11वां स्थान हासिल हुआ था
केयू की फैकल्टी और संस्थान में परीक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार हुए,इन्हीं सुधार के बाद महीनों परीक्षा परिणाम के इंतजार से निजात मिली
कुरुक्षेत्र में गैर शिक्षक कर्मचारी संघ की हड़ताल और उसकी वजह से काम प्रभावित रहने जैसे हालातों पर अंकुश लगा
केयू के छात्रावासों में आउट साइडरों की धमाचौकड़ी और परिसर में आपराधिक घटनाओं पर विराम लगा
उनके प्रयासों से कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को रूसा से 100 करोड़ रुपये की ग्रांट मिली थी
उनके कार्यकाल के दौरान ही तब केयू के 60 साल के इतिहास में पहली बार दीक्षांत समारोह के ड्रेस कोड में बदलाव कर इसे विशुद्ध भारतीय संस्कृति के अनुरुप रखने परंपरा शुरु हुई थी,इसके बाद यह माडल लगातार अलग अलग शिक्षण संस्थानों में अपनाया गया
डा.कैलाश चंद्र शर्मा के कार्यकाल में कुछ विवाद भी पैदा हुए, इनमें बड़ा विवाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ (कुंटिया) का रहा
वीसी कैलाश चंद्र शर्मा के कड़े अनुशासन की वजह से कुंटिया के साथ पूरे कार्यकाल के दौरान ठनी रही
यूनिवर्सिटी में राजनीतिक हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करने वाले डा.कैलाश चंद्र शर्मा को कई मामलों में अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा
अनके अडिग और सख्त अनुशासन की वजह से उन्हें अनेक बार अलग अलग मोर्चों पर विरोध झेलना पड़ा,मगर इन सबके बीच उन्होंने अपने कार्यकाल को कुरुक्षेत्र में कई मामलों में ऐतिहासिक बनाया