न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 4 दिसंबर। यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की प्रोफेसर डॉ. निर्मला चौधरी ने कहा है कि अध्यापक को चाहिए कि वह अलग-अलग विषय पर अपने कौशल को बढ़ाएं ताकि शिक्षण प्रभावशाली बन सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यतः संख्यात्मक कौशल, तकनीकी कौशल और मानव कौशल प्रमुख हैं। वे शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूजीसी मानव संसाधन विकास केन्द्र व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित गुरु दक्षता फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के प्रथम सत्र बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि शिक्षण को प्रभावशाली बनाने में अध्यापक का व्यवहार विषय पर विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर चौधरी ने समझाया कि कैसे अध्यापक छात्रों के सीखने के कौशल को बढ़ाने में अपना योगदान दे सकता है । दूसरे सत्र में विषय विशेषज्ञ डॉ. दीपक द्वारा साइबर वर्ल्ड अवेयरनेस एंड सिक्योरिटी विषय पर वक्तव्य दिया। उन्होंने बताया कि आजकल इंटरनेट के माध्यम से बहुत सारे धोखे हो रहे हैं। आज ऐसी-ऐसी टेक्नालॉजी है जिनसे आपके फोन को प्रयोग किए बिना, किसी दूसरे को आपके नंबर से कॉल कर सकता है, आपकी मेल से मेल कर सकता है। आपको इन सब की खबर भी नह होगी कि आपका डाटा कोई प्रयोग कर रहा है। इन सभी इंटरनेट फ्रॉड से कैसे बचा जा सकता है यह हमारे लिए चुनौती है।
उन्होंने बताया कि हम सोशल मीडिया पर जो भी सूचना शेयर करते हैं उन सभी पर हैकर नज़र रख रहा होता है। उन्होंने बड़े अच्छे तरीके से नेट पर फ्रॉड से बचने संबंधित समाधानों के बारे में बताया। मोबाइल में व्हाट्सएप, जियो, फेसबुक, गूगल कोई भी फ्री नहीं है, यह सभी आपकी सूचना का इस्तेमाल कर रही होती हैं। दोपहर बाद के सत्र में प्रतिभागियों द्वारा अपने अपने विषय पर प्रस्तुतियां दी, जिनका मूल्यांकन प्रो. फकीरचंद ने किया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक डॉ. राजवीर, सह संयोजक आनंद कुमार, प्रतिभागी वीणा, स्वाति, नीतू, अमित, प्रभजोत, सतबीर, दीपक, सोनिया, सुनैना, सुमन, निधि, राजकुमार आदि ने हिस्सा लिया।