मनोहर लाल पर बोल गए तीसरी बार उन्हें सीएम के पद पर फिट करना है तो जेजेपी से तोड़ लो गठबंधन
मंच से वीरेंद्र का ये व्यवहार,मगर भाजपा इतनी लाचार क्यों,ये सवाल उठने लाजिमी
जींद के मंच पर रीति नीति और अनुशासन की सीमा को लांघ गए वीरेंद्र सिंह
बीरेंद्र सिंह के कटाक्ष,कहीं अगली ठोर की तलाश तो नहीं
वीरेंद्र मंच से बोले वैसे तो मुझे पता है की बीजेपी के फैसले कहां से होते हैं
दर्द भी छलका,बोले दस साल हो गए बीजेपी में आए आज भी हमें बाहरी बोलते हैं
राजेश शांडिल्य/ एनडी हिंदुस्तान
चंडीगढ़। हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग वीरेंद्र सिंह जींद में नवनियुक्त भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी के स्वागत समारोह के मंच पर भड़ास के साथ लाफिंग गैस छोड़ते रहे।वैसे उनके भाषण के अंदाज में मर्ज पुराना होता,जिसके वशीभूत वे कई बार पार्टी लाइन छोड़कर अधिकतर पैनल्टी कार्नर तक जाते हैं। वह भी यह भूल कर की जिस पार्टी में उन्होंने चार दशक से ज्यादा दिए थे उसमें और जिस राजनीतिक दल से करीब एक दशक से जुड़े हैं, उसकी रीति और नीति में क्या अंतर है ?
वीरेंद्र सिंह कहां क्या बोल गए और कितनी हद पार की इससे ज्यादा चमत्कृत यह बात कर रही है कि वीरेंद्र सिंह की इस तरह की बातों पर भाजपा चुप्पी साध जाती है। वरना इससे कम पर तो ओपी धनखड़ सरीखे कई पुराने भाजपाइयों के निपटने और निपटाने के चर्चे आए दिन सुर्खियों में दिखते हैं। यानी फलां ने यह बोला थो उसे निपटा दिया,फलां ने सार्वजनिक तौर पर ये कर दिया तो उसके साथ ये हुआ। तभी यह सवाल भी उठता है कि चौधरी वीरेंद्र सिंह मामले में भाजपा का अनुशासन,मर्यादा का पाठ और पार्टी परंपरा तोड़ने पर भी इतनी लाचारी क्यों ? वो भी तब जब वे भाजपा के फैसलों पर भाजपा के मंच पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के समक्ष बेधड़क अंदाज में सवाल उठा रहे हों। जींद में एक बार फिर वीरेंद्र सिंह भाजपा में दूसरे दलों को छोड़ कर आए नेताओं को मंच से ही उकसाते नजर आए थे। इतना ही नहीं वे दो बार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को फिट करने जैसी बात चबा कह गए, खैर।
जींद में भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी का वीरेंद्र सिंह ने पूरी गर्मजोशी से स्वागत तो किया,मगर चिरपरिचित अंदाज में आइना दिखाने की झलक भी दिखाई। वीरेंद्र सिंह ने तो अपने संबोधन की शुरुआत ही यहां से की कि मैं तो 1985 में महज 39 साल की उम्र में ही कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष बन गया था और आप तो खैर 53 साल में बने हो। वे प्रदेशाध्यक्ष को जता रहे थे कि उन्हें कम ना आंकने की भूल ना करे कोई।
यहां हमने बात की थी मंच से वीरेंद्र सिंह द्वारा लाफिंग गैस छोड़ने की क्योंकि कटाक्ष पर लगातार हंसी की फुहारे भी छूटती रही। लाफिंग गैस यानी नाइट्रस ऑक्साइड और इस गैस में और वीरेंद्र सिंह में एक समानता कह सकते हैं। जैसे लाफिंग गैस रंगहीन और गंधहीन होती है,वैसे ही चौधरी वीरेंद्र सिंह का राजनीतिक कैरियर है। वीरेंद्र सिंह अपनी बात देधड़क करते हुए अक्सर पार्टी के रंग से ज्यादा आत्म मुग्ध वाली उमंग में ज्यादा नजर आते हैं। वहीं राजनीति की दलदल में रहते हुए भी उनमें भ्रष्टाचार की गंध अभी तक उजागर नहीं हुई। और इसी के दम पर वे काफी खुलकर बोलने की छूट भी पाते हैं। पिछले दो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ और वर्तमान नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी दोनों ही मंच पर उनके पांव छूकर आशीर्वाद लेते नजर आ चुके हैं।
यहां जींद समारोह में आए नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष को वीरेंद्र सिंह ने आशीर्वाद तो दिया,मगर हकीकत दबाने की बजाए मंच पर मुखरता से तमाम बातें कह गए। उन्होंने मंच पर भाजपा में नए, पुराने,बाहरी (यानी दूसरे दलों को छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए नेता व कार्यकर्ता)के भेदभाव को खुल कर उजागर किया। उन्होंने जींद रैली में मंच पर बैठे एक नेता का नाम लिया,जो दूसरे राजनीतिक दल को छोड़ कर भाजपा में आया था। इस नेता के नाम के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता नेता वीरेंद्र सिंह ने सही मायने में उस जैसे अन्य दूसरे दलों से भाजपा में आए तमाम नेताओं में बगावत का इशारा किया। चौधरी वीरेंद्र सिंह ने जींद के मंच पर इस नेता को जुबानी और इशारे के साथ पार्टी से अलगाव की इबारत रखने का खुला संकेत दे दिया। वीरेंद्र ने इस नेता के नाम का संबोधन करते हुए उनसे मुखातिब होकर व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यह तो म्हारी कैटेगिरी का है,बाहर से आया हुआ है।इस भाजपाई को बाहरी कहते हुए बीरेंद्र सिंह यहीं नहीं रुके और बोले तैं भी यूं ना सोच लियों कि यें भाजपा वाले तेरे जाफी पालेंगे,फिर हाथ को धकेलते हुए इशारा किया,यानी तेरे को भी दूर ही रखेंगे।
वहीं जेजेपी उनका चार साल पुराना मर्ज है,भले वह बीजेपी जेजेपी फेविकोल के मजबूत जोड़ वाले गठबंधन और सत्ता में भागीदार निभाने की बात करती हो। वीरेंद्र ने मंच से जेजेपी को फ्यूज पार्टी बताया,बोले इनके पल्ले कुछ नहीं बचा,झूठ बोलकर वोट लेने और राजनीतिक क्रप्शन जैसे शब्दों से अलंकृत किया। फिर उन्होंने वो बात भी बोल दी,जिसकी कोई भी पार्टी अपने वरिष्ठ नेता के मुखारविंद से कहे जाने की अपेक्षा नहीं करती। वीरेंद्र सिंह भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को भरे मंच से कहा कि जेजेपी से दूर करें,यानी इनसे गठबंधन तोड़ा जाए। नायब सैनी को यह सलाह देने के साथ साथ यह भी कह डाला कि वैसे तो मुझे पता है कि बीजेपी के फैसले कहां से होते हैं…।
उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत बीजेपी कार्यकर्ता चाहता है जेजेपी से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ें। अंत में उन्होंने भाजपा के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी कर दी। वे बोले मनोहर लाल जी को फिर तीसरी बार फिट करना हो तो जेजेपी को दूर करने वाली मेरी बात मान लेना। साथ ही चेतावनी दी कि अगर मनोहर लाल जी को मुख्यमंत्री के पद पर तीसरी बार फिट नहीं करना है तो, रखे रखना इन जेजेपी वालों तै,थारी 20 सीट नीं आंदी। अब किसी राजनीतिक दले के वरिष्ठ नेता के यह बोल कितने नजरंदाज करने वाले हैं यह तो भाजपा जाने।