न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 5 दिसंबर। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का स्वरूप बदल चुका है। सायंकालीन महाआरती से पहले आरती लौ के उजियारे में गीता वाणी की गूंज श्रद्धालुओं को सुनाई देगी तो सुबह के समय कार्यक्रमों का शुभारंभ वेद मंत्र के साथ होगा। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में इस बार ज्यादातर कार्यक्रम का आयोजन आनलाइन ही होगा। आनलाइन ही गीता वाणी की गूंज घर-घर सुनाई देगी। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के साथ महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल की ओर से गीता अभिनय नृत्य का आयोजन किया जाएगा तो वेदमंत्र की गूंज से प्रतिदिन के कार्यक्रमों की शुरूआत होगी।
संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से आमजन के मानसिक व व्यक्तिगत विकास के लिए सामाजिक, सांस्कृतिक व संगोष्ठी का आयोजन कराने की रूपरेखा तैयार की है। यह तमाम कार्यक्रम संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से आनलाइन प्रस्तुत किए जाएंगे। विश्वविद्यालय की ओर से 17 से 25 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले कार्यक्रम के आयोजन को लेकर कुरुक्षेत्र उपायुक्त को पत्र लिखा है। जिसमें प्रतिदिन वेदमंत्र 5 मिनट, गीतापारायणम 30 मिनट, गीता प्रश्नम् 15 मिनट, गीता अभिनय नृत्य 10 मिनट के कार्यक्रम आयोजित करवाए जाएंगे। इसके साथ ही तीन दिवसीय गीता पर विद्वानों की संगोष्ठी, गीता श्लोकोच्चारण, भाषण प्रतियोगिता, स्तोत्रपाठ प्रतियोगिता, गीता गायन प्रतियोगिता का भी आयोजन कराया जाएगा।
कुरुक्षेत्र उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव पर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से समाज को श्रीमद्भागवत गीता में वर्णित सामाजिक सौहार्द, सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का प्रदर्शन तथा श्लोकोच्चारण का आयोजन कराया जाएगा। यह सभी कार्यक्रम आनलाइन आयोजित होंगे, इससे लोगों में गीता के प्रति रूचि बढ़ेगी। केडीबी व जिला प्रशासन का उद्देश्य गीता वाणी को घर-घर तक पहुंचाना है, इसके लिए इस बार कोविड-19 को देखते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा। गीता से संबंधित सभी कार्यक्रम आनलाइन होंगे, जिसमें देश-विदेश से पर्यटक व श्रद्धालु जुड़ सकेंगे।