कुवि के शिक्षा विभाग के इंडक्शन कार्यक्रम में शिक्षक एवं शिक्षण पर हुई चर्चा
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 5 दिसम्बर। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र व शिक्षा विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऑनलाइन गुरु दक्षता फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में विषय विशेषज्ञ के रूप में शनिवार को मदुरई कामराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. कृष्णन, राजस्थान विश्वविद्यालय के डॉ. रमेश अरोड़ा और डॉ. अवनीश भटनागर ने अपना उदबोधन दिया।
डॉ. कृष्णन ने भारत में उच्चतर शिक्षा प्रणाली की समस्याओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि हमारी उच्च शिक्षा प्रणाली गांव के लोगों को जोड़ नहीं पा रही है। भारतीय शिक्षण संस्थाएं अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं की श्रेणी में पिछड़ रही हैं। उच्च शिक्षा में हुए अविष्कारों का व्यवहारिक उपयोग न होना एक बड़ी समस्या है। शिक्षण संस्थाओं को नई शिक्षा पद्धति को अपनाना चाहिए। विद्यार्थियों को किसी कला में निपुण करना ही हमारा शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
डॉ. रमेश अरोड़ा ने समझाया कि शिक्षण अन्य सभी व्यवसायों की जननी है। शिक्षक को महान शिक्षक बनने के लिए और जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मीलों तक जाना होगा। शिक्षक को अपने आपको विकसित करने, पुनर्निवेश करने, पुनः बनाने, उसे पुनर्जीवित करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। शिक्षक को प्रबुद्ध बनने के लिए छह बुनियादी ज्ञानक्षेत्र सामाजिक, शारीरिक, भावनात्मक, आध्यात्मिक, मानसिक और पेशेवर में सुधार करना होगा।
डॉ. अवनीश भटनागर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में साक्षरता की तरह रचनात्मकता भी समान रूप से महत्वपूर्ण है । पहले शिक्षक दबाव डालते थे, अब सीखने की सुविधा मुहैया कराते हैं। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में संयोजक डॉ. राजवीर सिंह, सहसंयोजक डॉ. आनंद कुमार, प्रतिभागी सुमन, कुलदीप, उदय भान, शिवकांत, सीमा, सुखविंदर, कुणाल, समिता आदि मौजूद रहे।