कॉलोनी नियमितीकरण मामलों में लाएं ओर तेजी, लक्ष्य लेकर कर करें काम-अभिषेक मीणा, निगमायुक्त
डिफाल्टर किराएदारों की दुकानें करें सील, गांवो में पड़ी खाली जमीन का लगाएं पता, एक माह में दें रिपोर्ट
न्यूज डेक्स संवाददाता
करनाल।नियम पूरे करने वाली कॉलोनियों का नियमित करने, अनाधिकृत रूप से प्रदर्शित विज्ञापनो को हटाने, किराया न भरने वाले किरादारों की दुकानों को सील करने तथा निगम जमीन की निशानदेही करवाने जैसे अहम विषयों को लेकर नगर निगम आयुक्त अभिषेक मीणा ने निगम अधिकारियों के साथ गुरूवार को एक मीटिंग कर सम्बंधित अधिकारियों से रिपोर्ट ली। मीटिंग में संयुक्त आयुक्त अदिति भी मौजूद रही। कॉलोनी नियमितीकरण मामलों में लाएं तेजी- मीटिंग में निगमायुक्त ने कॉलोनियों के नियमितीकरण मामलों में ओर तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सहायक नगर योजनाकार व भवन निरीक्षक को कहा कि कॉलोनी नियमित करने के अधिक से अधिक केस तैयार कर सरकार के पास भेजें, ताकि उन्हें नियमित करवाया जा सके। मीटिंग के हवाले से उन्होंने बताया कि निगम क्षेत्र की 8 कॉलोनियां सरकार की ओर से पास कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि नियमित कॉलोनियों के वह क्षेत्र जो अनियमित रह गए थे, उन पैचिस को भी नियमित कराने की प्रक्रिया में तेजी लाएं। भवन निरीक्षक ने बताया कि ऐसे 96 पैच चिन्हित किए गए हैं, इनमें से 28 का विवरण उपलब्ध है। इनमें से 9 केस पूर्ण कर मण्डल आयुक्त के पास भेजे जा चुके हैं तथा 9 ओर केस अगले सप्ताह में भेज दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जन संवाद कार्यक्रम में 5 कॉलोनियों को नियमित करने की मांग आई थी, उन पर भी कार्रवाई की जा रही है। निगमायुक्त ने निर्देश दिए गए लक्ष्य लेकर काम को किया जाए।
विज्ञापनो पॉलिसी के तहत 15 साईटों की हुई सफल बोली
समीक्षा मीटिंग में निगमायुक्त ने जानकारी दी कि विज्ञापन पॉलिसी के तहत यूनिपोल की 87 साईट, बस क्यू शैल्टर की 12 तथा साईकिल स्टैण्ड की 13 साईटों की ई-नीलामी करवाई गई थी, जिनमें से 13 साईटों की सफल बोली करवाई जा चुकी है। सम्बंधित एजेंसी से साढे 15 लाख रुपये त्रिमासिक फीस वसूल की जा चुकी है। इसके बाद यूनिपोल व बस क्यू शैल्टर की 12 साईटों की नीलामी करवाई गई, जिसमें से 2 साईटों की सफल बोली करवाई गई। सम्बंधित एजेंसी को फीस जमा कराने को कहा गया है। निगमायुक्त ने इस काम को देख रहे जेई मनीष लालर को निर्देश दिए कि शेष साईटों के पॉलिसी के अनुसार 10 प्रतिशत रेट कम करके उन्हें दोबारा से नीलामी के लिए पोर्टल पर अपलोड किया जाए। उन्होंने बस क्यू शैल्टर व साईकिल स्टैण्ड जैसी साईटों की जल्द से जल्द नीलामी करवाने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त शहर में घरों व दुकानों के ऊपर तथा हाईवे पर प्रदर्शित अवैध विज्ञापनों को उतारें तथा सम्बंधित व्यक्ति या फर्म के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
स्वामित्व योजना की समीक्षा की
निगम आयुक्त की मीटिंग में मुख्यमंत्री शहरी स्थानीय निकाय स्वामित्व योजना के एक बिन्दू पर भी चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि सेल ऑफ शॉप पोर्टल पर 556 दुकाने पंजीकृत हैं, इनमें से 287 दुकानों के किराएदारों ने मालिकाना हक लेने के लिए आवेदन किया था। इनमें से 160 दुकाने शामलात कस्बा भूमि पर है, जिन पर सिविल कोर्ट ने स्टे लगाया हुआ है। उन्होंने बताया कि 64 दुकाने अन्य विभागों की भूमि पर बनी हुई हैं। 37 केस अनुमोदित किए जा चुके हैं तथा इनमें से 33 दुकानों की रजिस्टरी करवाई जा चुकी है। दस्तावेजों की कमी के कारण 20 केस रद्द किए गए हैं, 2 केस हाल ही में अनुमोदित किए गए हैं तथा 3 नए आवेदन आए हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन किराएदारों ने मालिकाना हक लेने के लिए आवेदन नहीं किया है, सरकार की पॉलिसी के अनुसार उनके रेंट रिवाईज किए जाएं।
किराया जमा न करवाने वाले डिफाल्टर किराएदारों की दुकानें होंगी सील
निगमायुक्त ने बताया कि निगम की दुकानों का किराया समय पर न जमा करवाने वाले किराएदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि 153 दुकानदारों को प्रथम नोटिस तथा 141 को द्वितीय तथा 68 को तृतीय नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि पिछले दिनों डिफाल्टर किराएदारों की दुकानों को सील करने की जो कार्रवाई शुरू की गई थी, उसे जारी रखें। जो किराएदार समय पर किराया जमा नहीं करवाता, उसकी दुकान को कब्जे में लेकर किसी अन्य को दे दी जाए। किराया वसूली की जानकारी देते उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक रिकॉर्ड 1 करोड़ 40 लाख 14 हजार 356 रुपये किराया वसूल किया जा चुका है।
पिंगली डेयरी स्थल पर 18 डेयरियां हुई शिफ्ट
समीक्षा मीटिंग में उन्होंने बताया कि पिंगली डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर 18 डेयरियां शिफ्ट हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 25 डेयरियों का निर्माण पूरा हो चुका है, 65 की नींव डाली जा चुकी है तथा 62 प्लॉटों में मिट्टïी भरपाई करवाई जा चुकी है। निगमायुक्त ने निर्देश दिए कि जो डेयरी संचालक प्लॉट अलॉटमेंट के बाद डेयरी निर्माण शुरू नहीं कर रहा है या जो निर्माण के बाद शिफ्ट करने में देरी कर रहा है, सम्बंधित डेयरी को सील करके पशु कब्जे में लिए जाएं। गांवो में पड़ी खाली जमीन का लगाएं पता, एक माह में दें रिपोर्ट– निगमायुक्त ने नायब तहसीलदार व कानूनगो को निर्देश दिए कि निगम के अधीन गांवो में पड़ी खाली जमीन का पता लगाएं। इसके लिए जमाबंदी, सिजरा व पंचायतों के समय का रिकॉर्ड भी चेक किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य की एक माह में रिपोर्ट सौंपी जाए। रिपोर्ट में स्पष्टï हो कि कितनी जमीन पर तारबंदी करवाई जानी है व कितनी जमीन पर कब्जा या विवाद चल रहा हैं, ताकि उसे खाली करवाया जा सके।मीटिंग में एटीपी संदीप राठी, भवन निरीक्षक विकास अरोड़ा, जेई इलैक्ट्रिक मुनीष लालर, नायब तहसीलदार राम कुमार, कानूनगो सुरेश कुमार तथा सहायक प्रदीप शर्मा, राम सिंह, रघुबीर व हरपाल सिंह मौजूद रहे।