न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। मोबाइल और इंटरनेट के युग में लोगों का ध्यान पुस्तकों की ओर आकर्षित करने हेतु आज गीता निकेतन आवासीय विद्यालय में दो दिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। मेले का उद्घाटन श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान एवं मानव रचना विश्वविद्यालय हिमाचल के पूर्व कुलपति डॉ. ओम प्रकाश अरोड़ा ने दीप प्रज्वलन कर किया। सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य नारायण सिंह ने अतिथि महानुभावों का परिचय करवाया।
तत्पश्चात मुख्य अतिथि ने पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकें हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। पुस्तकें ज्ञान का भंडार एवं मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं। ये सच्चे पथ प्रदर्शक का काम करती हैं, जो हमें गलत राह पर चलने से सदैव रोकती हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने गीता ज्ञान की महत्ता बताते हुए कहा कि गीता का ज्ञान मनुष्य को जीवन जीने की कला एवं निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ. घनश्याम शर्मा ने स्मृति चिह्न भेंट करके अतिथि महानुभावों का सत्कार किया। पुस्तक मेले में 15 से अधिक संस्थाओं एवं प्रकाशकों ने मुख्य रूप से हिन्दी एवं अंग्रेजी उपन्यास, प्रेरक पुस्तकें, संदर्भ पुस्तकें, प्रेरक-प्रसंग, बाल- शिक्षा, शब्दकोश, प्रेरक वाक्य, प्रतियोगी पुस्तकें, धार्मिक एवं आध्यात्मिक पुस्तकें, वेद, श्रीमद्भवगदगीता, रामायण एवं उपनिषद् ,शारीरिक एवं बौद्धिक क्षमता संवर्धन संबंधित पुस्तकें एवं साहित्य इत्यादि विभिन्न विषयों पर अपनी पुस्तकें उपलब्ध कराई। पुस्तक मेले के पहले दिन विभिन्न स्कूलों के लगभग 2000
छात्रों ने पुस्तकों का अवलोकन करते हुए मेले का भरपूर आनंद उठाया। विद्यालय प्राचार्य नारायण सिंह जी ने सभी आगंतुकों से आह्वान करते हुए कहा कि यह पुस्तक मेला रविवार को भी यथावत चलेगा। अतः कल भी इस मेले का भ्रमण कर इसका लाभ लें। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के प्रबंधक श्री पवन गुप्ता, कोषाध्यक्ष श्री रमेश गुलाटी, डॉक्टर रामेंद्र सिंह (निदेशक, अखिल भारतीय संस्कृति शिक्षा संस्थान), डॉक्टर जितेंद्र (अस्सिटेंट रजिस्ट्रार, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय), प्रोफेसर रणवीर सिंह (राजकीय महाविद्यालय, इंद्री), विद्यालय की पूर्व छात्रा ऋतु बजाज ( पूर्व रजिस्ट्रार, विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी), कुरुक्षेत्र के डी.एस.पी. की माता जी अर्चना सिंह इत्यादि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।