Friday, November 22, 2024
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हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि केंद्र और किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत से पूरी उम्मीद

by Newz Dex
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सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल कर अन्नदाता के हित में ही फैसला करेगी-दलाल

न्यूज डेक्स हरियाणा

चंडीगढ़, 6 दिसंबर। तीन कृषि कानून के विरोध में किसान भारत बंद की तैयारी कर चुके हैं और इसी बीच हरियाणा के कृषि तथा किसान कल्याण मंत्री जय प्रकाश दलाल ने उम्मीद जाहिर की है कि केंद्र सरकार कोई ना कोई रास्ता निकालकर अन्नदाता के हित में फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और उन्हें पूरी उम्मीद है कि सरकार कोई न कोई रास्ता निकाल कर अन्नदाता के हित में ही फैसला करेगी। दोनों पक्षों के बीच बिंदुवार चर्चा हुई है और कुछ बिंदुओं पर सहमति भी बनी है। कृषि मंत्री आज गुरुग्राम में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा किसान हित में लागू किये गए निर्णयों के बारे में विस्तार से बताया।

दलाल ने किसान आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों, संगठनों तथा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से समर्थन करने वालों से अनुरोध किया है कि वे अपनी मांगों में यह भी लिखवा दें कि हरियाणा के लिए एसवाईएल नहर बननी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसान के लिए इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा सिंचाई के लिए पानी का है, बाकी सारे मुद्दे उसके बाद आते हैं। उन्होंने कहा कि किसान के नाम पर सभी अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं लेकिन किसान के बेटे होने के नाते हम किसान हितैषी फैसले लेते रहेंगे। अन्नदाता के सहयोग से उसके हित की जो भी बात करनी होगी, वो करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां भी किसान की बात आती है, हर आदमी की भावना किसान से जुड़ी रहती है। हर व्यक्ति कहता है कि वह किसान के साथ है। यहां तक कि मैं भी कहता हूं कि मैं पहले किसान हूं, फिर मंत्री हूं और मैं भी किसान के साथ हूँ। लेकिन हरियाणा के किसान के लिए इस समय सबसे बड़ा मुद्दा पानी का है।


कृषि मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के सात-आठ जिलों में हालात ये हैं कि भूमिगत जलस्तर 400 से 800 फुट नीचे चला गया है और कई इलाकों में तो पानी खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र लोहारू में कुछ गांवों में तो पीने का पानी भी नहीं बचा है, सिंचाई तो दूर की बात है। उन्होंने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि जब पानी ही नहीं होगा तो फसल कैसे होगी। इसलिए वे आंदोलन में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों, समर्थन करने वालों, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जो लोग भागीदार हैं, उन सभी से एक ही अनुरोध कर रहे हैं कि वे अपने मांग-पत्र में यह भी लिखवा दें कि हरियाणा के किसानों के लिए एसवाईएल का निर्माण होना चाहिए ताकि जब बातचीत हो और केंद्र सरकार के मंत्री व अधिकारी तथा किसान नेता आमने-सामने बैठें तो इस विषय पर भी चर्चा हो।

उन्होंने कहा कि हरियाणा सर्वोच्च न्यायालय में केस जीत चुका है और प्रदेश के लिए जीवन रेखा कही जाने वाली एसवाईएल नहर, जिसका निर्माण पिछले 40 वर्षों से लटका हुआ है, बननी चाहिए।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानी बचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं और टपका सिंचाई प्रणाली अपनाने वाले किसानों को 85 से 100 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। विपक्षी पार्टियों पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि हमारे विरोधी प्रचार करते हैं कि मंडियों को खत्म किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि नाबार्ड की सहायता से 5000 करोड़ रुपए की लागत से जिला सोनीपत के गन्नौर में बड़ी मंडी बनेगी, जिला पंचकूला के पिंजौर में लगभग डेढ़ सौ एकड़ में सेब मंडी और गुरुग्राम में फूलों की मंडी विकसित की जाएगी।

दलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही मायने में किसान हितैषी हैं। किसानों के हक में जितने फैसले उन्होंने लिए हैं, उतने फैसले विपक्षी पार्टियों की सरकारों के के कार्यकाल में कभी नहीं लिए गए। उन्होंने बताया कि किसान हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है, सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए गए हैं, फसल बोने से पहले फसलों का भाव निश्चित किया गया है और एमएसपी पर फसलों की खरीद की जा रही है।

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