साइबर क्राइम और उससे कैसे बचा जा सकता है,इन उपायों की दी गई जानकारी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। साइबर धोखाधड़ी से बचाव पर धर्मजीवी बीएड कालेज बगथला में साइबर क्राइम और उससे कैसे बचा जा सकता है,उन उपायों की जानकारी दी गई। कॉलेज में आयोजित व्याख्यान में पूर्व प्रोफेसर वीरेंद्र जोशी ने युवाओं का साहित्य से सॉफ्टवेयर की तरफ झुकाव पर तथा डॉक्टर रघुवीर तगेजा, सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट , डाइट पलवल ने साइबर क्राइम और उससे बचने के उपाय पर जानकारी दी। डॉ. जोशी ने बताया कि प्रौद्योगिकी ने हमें अधिक कुशल बनने में बहुत मदद की है जिससे हमारी उत्पादकता बढ़ी है। इससे हमें समय और धन जैसे कई संसाधनों को बचाने में भी काफी मदद मिली है और इस प्रगति को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग ने साहित्यिक जगत पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से गहरा प्रभाव डाला है।
कुछ नकारात्मक प्रभाव जैसे पढ़ने में गिरावट: डिजिटल उपकरणों और इंटरनेट के बढ़ने के साथ, लोग स्क्रीन पर अधिक समय बिता रहे हैं और किताबें पढ़ने में कम समय बिता रहे हैं, जिससे पढ़ने की आदतों में गिरावट आ रही है। प्रौद्योगिकी ने लोगों के लिए पुस्तकों तक पहुंच आसान बना दी है और लेखकों के लिए नए अवसर पैदा किए हैं, इसने साहित्यिक दुनिया पर कई नकारात्मक प्रभाव भी डाले हैं, जिससे पढ़ने और साहित्य के भविष्य के बारे में चिंताएं पैदा हो रही हैं।इसके साथ ही डॉक्टर रघुवीर तगेजा ने साइबर क्राइम और उससे बचाव के उपायों पर भविष्य के शिक्षकों को समझाया कि किस तरह वे अपने जीवन में या दूसरों को बताकर कोई अनहोनी होने से बचा सकते हैं ।
हम जितनी तेज़ी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं, ठीक उतनी ही तेज़ी से साइबर अपराध की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है, उसी गति से मनुष्य की इंटरनेट पर निर्भरता भी बढ़ी है। हमारी ऑनलाइन उपस्थिति दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। चाहे वह ऑनलाइन कपड़ों की खरीदारी हो या किसी स्टोर पर किराने का सामान खरीदना हो,जिसका ऑनलाइन अपराधी हमेशा फायदा उठाने की फिराक में रहते हैं। साइबर स्पेस पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके की गई अवैध गतिविधियों को साइबर क्राइम कह सकते हैं।इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ, वैश्विक स्तर पर साइबर अपराधों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।जब कोई साइबर अपराधी सोशल मीडिया अकाउंट, ओटीपी, पिन कोड, व्यक्तिगत चित्र या वीडियो जैसी व्यक्तिगत जानकारी अपने पास इक्कठ्ठा कर लेता है तो आप सामाजिक या आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाते हैं। आज के समय में सभी के लिए इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करते समय साइबर अपराध के प्रकारों और रोकथाम के बारे में जागरूक होना आवश्यक है है। डॉक्टर टुगेजा ने बताया कि हम इसे कुछ सावधानियां रखकर अपना बचाव कर सकते हैं जैसे अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें। अपडेटेड सॉफ्टवेयर्स का इस्तेमाल करें। मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें बदलते रहें।
अलग-अलग प्लेटफॉर्म के लिए कभी भी एक ही पासवर्ड का इस्तेमाल न करें। स्पैम ईमेल में अटैचमेंट/यूआरएल खोलने से बचें। ऐसे लिंक न खोलें जिनका सोर्स अज्ञात हो।मजबूत पासवर्ड का प्रयोग करें और उन्हें बदलते रहें। जब कोई व्यक्ति दुर्भावनापूर्ण तरीके से इंटरनेट पर आपसे संपर्क करता है, तो बिना देर किए साइबर अपराध की शिकायत दर्ज करें। इस तरह से जागरूक होकर हम साइबर क्राइम से बच सकते हैं और दूसरों को भी बचा सकते हैं। कॉलेज सचिन शशि सभरवाल ने डॉक्टर रघुवीर तगेजा और प्रोफेसर वीरेंद्र जोशी जी का इन महत्वपूर्ण विषयों पर बच्चों का ज्ञानवर्धन करने पर धन्यवाद किया इस अवसर पर कॉलेज प्रेसिडेंट विजय सभरवाल एवं कॉलेज का स्टाफ मौजूद था।