“जेनेसिस क्लासेज” में “सफलता मंत्र” के दूसरे स्थापना दिवस पर संगोष्ठी में बोले शिक्षाविद्
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। गुदगुदी जंक्शन समूह द्वारा संचालित करियर ग्रुप “सफलता मंत्र” के दूसरे स्थापना दिवस पर शनिवार सायं पिपली रोड स्थित शिक्षण संस्थान “जेनेसिस क्लासेज” में संगोष्ठी आयोजित की गई। जानकारी देते हुए ग्रुप प्रभारी अमरजीत पांचाल ने बताया कि वात्सल्य वाटिका संचालक स्वामी हरिओम दास परिव्राजक के सान्निध्य में “विद्यार्थी जीवन की चुनौतियां व समाधान” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई जिसमें धर्मजीवी बीएड कालेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डा.मीनाक्षी शर्मा मुख्य वक्ता रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थापक अध्यक्ष चन्द्रमौलि गौड़ ने की। संगोष्ठी में कई स्कूलों के प्रतिनिधि एवं शिक्षाविदों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम में आमंत्रित सभी आगन्तुकों को तिलक लगाया लगा।
व्यवस्थापक सूबेदार रविन्द्र कौशिक टीम ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। शिक्षाविदों के परिचय उपरांत संगोष्ठी आरंभ हुई जिसमें मुख्य वक्ताओं संग समूह संरक्षक जितेन्द्र बंसल,सचिव सुनील अंगीरस,मार्गदर्शक मंडल सदस्य राजेश शांडिल्य व भूषण पाल मंगला,कुलदीप सिंह मोर व सूबे सिंह सुजान आदि शामिल हुए। स्वामी हरिओम दास परिव्राजक ने अपने संबोधन में कहा कि आधुनिक युग में युवा वर्ग विदेशों की ओर जा रहा है। इसके लिए अभिभावक व बच्चे हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन कई बार आशानुकूल परिणाम नहीं मिलते और बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। इस विषय पर विदेश भेजने वाले निजी संस्थान पूर्व में ही बच्चों की काऊंसलिंग या अध्यात्म में अभ्यास करवाएं जिससे उनका मनोबल बढ़ेगा और वे हौंसले से हार को भी जीत में बदल देंगे। मुख्य वक्ता डा.मीनाक्षी शर्मा ने विद्यार्थियों को अपनी
इच्छाशक्ति,दृढ़ निश्चय,समर्पण और अनुशासन के बूते पर आगे बढ़ने को कहा। उन्होंने कहा कि जीवन में वही असफल होता है,जो हालात से हताश होकर हार स्वीकार कर ले। जो लोग नैतिक मूल्यों और उचित मार्ग दर्शन में निरंतर प्रयासरत रहते हैं, वही सफलता के ध्वजवाहक बनते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जीवन में जरुरी है कि वे स्वयं का मूल्यांकन करें,खुद को प्रेरित करें और एकाग्रता से अपने कार्य पर फोकस रखें। डा.मीनाक्षी शर्मा ने कहा कि अपने मन को मजबूत बनाएं,उससे दोस्ती करें,ताकि वो आपको सशक्त बनाने में मददगार हो। जीवन में समस्याओं का आवागमन होता रहता है,इससे घबरा कर कदम पीछे ना खीचें। लक्ष्य बड़ा है,तो प्रयास भी उसी स्तर का होना बेहद जरूरी है। उन्होनें रामायण के साथ महाकवि कालिदास प्रसंग के माध्यम से विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन और धैर्य का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि भटकाव और धैर्य की कमी लक्ष्य प्राप्ति में बाधक हो सकते हैं। उन्होंने युवा पीढ़ी से धैर्य रखने और अपने मुकाम को हासिल करने के लिए एक योद्धा की भांति रणनीति बनाने और आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा हासिल करने का मतलब यह नहीं है कि हम इसे हासिल कर अहंकार का भाव अपना लें,शिक्षा जन सेवा और राष्ट्र निर्माण के साथ समाज को जागृत करने का सशक्त माध्यम है। वहीं अच्छी शिक्षा हमें असुरक्षा की भावना से मुक्त करती है। डा.मीनाक्षी शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के सुविचारों पर भी प्रकाश डाला।
मार्गदर्शक मंडल सदस्य राजेश शांडिल्य ने कहा कि संस्कारों के अभाव में ही आज केवल धन अर्जित करने के लिए पढ़े लिखे नौजवान विदेशों की ओर मुख मोड़ रहे हैं। संस्थानों को चाहिए कि वे नौजवानों और उनके परिवार के हालातों के बारे अवगत करवाएं। सूबेदार रविन्द्र कौशिक ने बताया कि सफलता मंत्र ग्रुप पूरी तरह से अपने नाम के अनुरूप समाज हित में कार्य कर रहा है। आज के बच्चे शिक्षा तो बहुत ग्रहण करते हैं लेकिन उनमें संस्कारों का बहुत अभाव है। राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कुलदीप सिंह मोर ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के साथ संस्कार का होना भी अति आवश्यक है। दूसरे,बच्चों को जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना चाहिए जो हर विषय को पढ़ने की बजाय समझने और उसे जीवन में लागू करने का प्रयत्न करें। विद्यार्थी जितना जिज्ञासु होगा उसमें सफल होने के उतने ही गुण होंगे। शिक्षक सूबे सिंह सुजान ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में कई बार आशा के अनुरूप परिणाम नहीं आता जिससे विद्यार्थी मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं जिस पर ध्यान देना ज़रूरी है। संगोष्ठी में शिक्षक सहदेव शर्मा ने गीतों के माध्यम से विद्यार्थियों में जोश भरा। समूह पदाधिकारियों द्वारा वक्ताओं को स्मृति चिह्न प्रदान किया। कार्यक्रम में जेनेसिस क्लासेस केंद्र प्रमुख रॉबिन सिंह,शिक्षक प्रमुख विपिन कुमार,आचार्य पवन त्रिपाठी,छात्रावास प्रमुख राजीव कुमार,शिखा शर्मा,मुख्य शिक्षक बलजीत सिंह,जन सहयोग संस्था अध्यक्ष जितेंद्र जीतू ,दर्शन अरोड़ा,नरेश फूले,पवन कुमार,जगदीश लाल गुप्ता,अनिल पाल,लव्य पांचाल,सुमन बंसल,पूनम पांचाल,महक,सुषमा शर्मा,निशा गोयल,सारिका मेहंदीरत्ता,पूनम अरोड़ा,अनु शर्मा,रजनी गर्ग और अनिता सैनी सहित अन्य शामिल रहे।