धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के कई संगठन नौजवान सभा के अध्यक्ष अशोक शर्मा के नेतृत्व में कर रहे थे थीम पार्क में जमीन देने की योजना का कर रहे थे विरोध
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के आफिस के बाहर दिया जा रहा था धरना,मांग पूरी होने पर प्रदर्शनकारियों में दिखा उत्साह
कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर बनेगा प्रदेश का पहला सिख संग्रहालय और धरोहर केन्द्र:सुधा
जीटी रोड पर संग्रहालय बनाने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार ने प्रोजेक्ट को दी हरी झंडी, कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर सिखों के 7 गुरुओं ने रखे अपने चरण
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। नगर के थीम पार्क में नहीं अब जीटी रोड पर बनेगा सिख संग्रहालय इस बारे में थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि पहला सिख संग्रहालय और धरोहर केन्द्र बनाने की इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है। यह सिख संग्रहालय जीटी रोड पर बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए प्रशासन की तरफ से उपयुक्त जगह को जल्द ही चिन्हित कर लिया जाएगा। अहम पहलू यह है कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर सिखों के 7 गुरुओं ने अपने चरण रखे और इस भूमि को पवित्र किया। जाहिर है कि सरकार ने नगर के थीम पार्क में छठी पातशाही गुरुद्वारा के समीप यह पहला सिख संग्रहालय बनाने की घोषणा की गई थी,लेकिन नगर की अनेक संस्थाओं ने इसका पुरजोर विरोध किया था। पिछले कुछ दिनों से कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के आफिस के बाहर भारतीय नौजवान सभा के अध्यक्ष अशोक शर्मा पहलवान के नेतृत्व में यह धरना जारी था। विधायक द्वारा आज उपरोक्त जानकारी साझा किए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने इसे संघर्ष की जीत बताया है। पहलवान ने कहा कि यह जीत धर्मनगरी की संस्थाओं के संघर्ष की जीत है। वे किसी सिखों के गुरुओं के प्रति यह सभी संगठन गहरी आस्था रखते हैं। उनका विरोध संग्रहालय बनाने की परियोजना का नहीं था,उनका विरोध इसके लिए जो जगह अलाट की गई थी उसके लिए था। उन्होंने सरकार और विधायक का भी आभार जताया है।
इधर विधायक सुभाष सुधा ने शुक्रवार को केडीबी के सभागार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हरियाणा प्रदेश के सिख समुदाय की लम्बे अरसे से बहुत बडी मांग रही कि कुरुक्षेत्र की धरा पर सिख संग्रहालय का निर्माण किया जाए। इस पावन धरा पर सिखों के पहले गुरु जगत गुरु श्री गुरु नानक देव जी महाराज पहली उदासी के दौरान 1558 बैसाख की आमावस सूर्यग्रहण के समय पहुंचे, सिखों के तीसरे गुरु, गुरु अमरदास जी महाराज सन 1560 सूर्य ग्रहण के समय परिवार सहित कुरुक्षेत्र पधारे, सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद साहिब सन 1620 मई के महीने में कुरुक्षेत्र पहुंचे और एक मिट्टी के टीले पर बैठे जहां आज छठी पातशाही का महान स्थान है। सिखों के सातवें गुरु, गुरु हरिराय साहिब 10 मार्च 1656 ई0 आमावस वाले दिन कुरुक्षेत्र पहुंचे, उसी स्थान जहां पहले गुरु अमरदास जी ने अपने चरण डाले थे।
विधायक ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर 8वीं पातशाही गुरु हरि कृष्ण साहिब ई0में पहुंचे और सिख धर्म के नौवें गुरु पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी 1665 में अपने मालवा दौरे के दौरान कुरुक्षेत्र पहुंचे और यहां पर उन्होंने संगत और संतों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया था। सिखों के 10वें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज 1688-86 में सूर्य ग्रहण के समय कुरुक्षेत्र पहुंचे। इससे स्पष्ट होता है कि कुरुक्षेत्र ही एक ऐसी पावन धरा है जहां पर सिखों के 7 गुरुओं ने अपने चरण रखे और इस पावन धरा को पवित्र किया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने लाखों सिखों की मांग को पूरा करते हुए कुरुक्षेत्र जीटी रोड पर भव्य, सुंदर, ऐतिहासिक और यादगार सिख संग्रहालय और धरोहर केन्द्र बनाने की योजना को स्वीकृति दी है। इस संग्रहालय में सिख गुरुओं के इतिहास को संजोया जाएगा। इससे युवा पीढ़ी को सिख गुरुओं के इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा। इस संग्रहालय के निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कुरुक्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से विश्व के मानचित्र पर और अधिक विकसित होगा और देश विदेश के सिख श्रद्धालु इस संग्रहालय को देखने के लिए पहुंचेंगे। यह परियोजना एक बहुत बडा प्रोजेक्ट पर और इस प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपए का बजट भी खर्च किया जाएगा।