मातृभूमि सेवा मिशन के नवनिर्मित समाज के असहाय एवं जरूरतमंद बच्चों को समर्पित रामायण सदन का लोकार्पण समारोह हरियाणा सरकार के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने किया
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। निस्वार्थ सेवा वह है जहां आप अपनी खुशी के बारे में सोचे बिना, दूसरे की खुशी के बारे में सोचे। जहां आप ये अपेक्षा ना रखें कि बदले में हमें भी प्यार मिलेगा या बदले मैं मुझे प्यार क्यों नहीं मिल रहा है, सेवा मानव जीवन का सर्वश्रेष्ठ धर्म है। सेवा की संस्कृति ही भारतीय संस्कृति है। इसी चिंतन एवं भावना को मातृभूमि सेवा मिशन सब प्रकार से चरितार्थ कर रहा है। यह उद्गार मातृभूमि सेवा मिशन धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र द्वारा समाज के असहाय एवं जरूतमंद बच्चों के लिए निःशुल्क संचालित मातृभूमि शिक्षा मंदिर के रामायण सदन के लोकार्पण समारोह में हरियाणा सरकार के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने मातृभूमि सेवा मिशन परिसर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि राज्यमंत्री संदीप सिंह एवं मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने भारतमाता एवं योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण, पुष्पार्चन एवं दीपप्रज्जवलन से संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में मातृभूमि शिक्षा मंदिर के बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि संदीप सिंह ने कहा कि आज के भौतिकता पूर्ण जीवन में परमार्थ द्वारा ही मानव जीवन को शांति एवं आनंद प्राप्त हो सकता है। आपने लिए तो जीवन में हम सब सबकुछ करते हैं, लेकिन दूसरों के लिए कार्य करना ही मानव जीवन की सार्थकता है। मातृभूमि सेवा मिशन परमार्थ एवं सेवा के माध्यम से लोकमंगल एवं लोकसेवा के कार्य में समर्पित होकर राष्ट्र की महत्वपूर्ण सेवा कर रहा हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. श्रीप्रकाश मिश्र ने कहा कि समाजसेवा करना संसार के सभी मनुष्यों का नैतिक उत्तरदायित्व है। मनुष्य को सेवा को अपना नैतिक कर्तव्य समझते हुए। हर समय यथा संभव परोपकार के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत प्राचीन काल से वसुधैव कुटुम्बकम का उपासक रहा है। सेवा का भाव व्यक्ति को जीवन में सर्वाधिक आत्मसंतोष प्रदान करने के साथ-साथ आत्मप्रेरणा का भाव भी जागृत करता है। मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डॉ- श्रीप्रकाश मिश्र ने राज्यमंत्री संदीप सिंह को खेल जगत में महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए एवं भारत राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए मातृभूमि गौरव सम्मान से विभूषित किया।
मिशन के सहसंयोजक एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राजेश चौहान ने मातृभूमि सेवा मिशन की समस्त गतिविधियों एवं आगामी कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। हरियाणा सरकार के राज्यमंत्री संदीप सिंह ने अपने स्वैच्छिक कोष से 5 लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की।कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव यशपाल, झांसा के सरपंच पुनीत मल जसूजा, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य सतीश कौशिक, वीरेन्द्र गोलन, कुरुक्षेत्र संस्कृत वेदविद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक, डॉ. अशुतोष वशिष्ट, गुरप्रीत सिंह, मास्टर बाबु राम, रवि पंवार, अशोक वर्मा, रमन कम्बोज सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।