सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तकनीकी टीम ने लिए रेत के सैंपल
गांव में 10 एकड़ में बनने वाले सरस्वती सरोवर से पानी रिचार्ज
हरियाणा सरस्वती धरोहर बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने स्थल का किया निरीक्षण
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि गांव गढ़ी रोड़ान में सरस्वती सरोवर की खुदाई के दौरान महाभारत कालीन प्राचीन समय के रेत मिला है। इस साइट से सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की टीम ने रेत के सैंपल एकत्रित किए है। इन सैंपलों को लैब में भेजा गया है। इसकी रिपोर्ट से खुलासा होगा है कि यह कितना पुराना है। अहम पहलू यह है कि यह रेत सरस्वती खुदाई में आदि बद्री मुगलवाली, मरचेहड़ी व बिहोली गांव में मिले रेत जैसा प्रतीत हो रहा है।
उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच वीरवार को गांव गढ़ी रोड़ान में 10 एकड़ में बनने वाले सरस्वती सरोवर का निरीक्षण करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे। इससे पहले उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने गांव में मिले प्राचीन रेत को देखा तो वह आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने तुरंत इस रेत के नमूने लेने के लिए सरस्वती बोर्ड के अधिकारियों को मौके पर बुलाया। बोर्ड की टीम ने रेत के नमूने एकत्रित करके रेत की डेटिंग करने के लिए लैब में भेज दिए है। उपाध्यक्ष ने कहा कि कुरुक्षेत्र के लिए यह एक अच्छी खबर है कि सरस्वती सरोवर की खुदाई के दौरान प्राचीन समय का रेत मिला है। यह रेत संभवत: महाभारत कालीन सरस्वती नदी के समय का रेत है, क्योंकि इससे पहले इस प्रकार का रेत आदि बद्री उदगम स्थल मुगलवाली, मरचेहड़ी और बिहोली में भी मिल चुका है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही रेत की प्राचीनता का पता लग पाएगा।
उन्होंने कहा कि गांव गढ़ी रोड़ान में बनने वाले सरस्वती सरोवर से करोड़ों लीटर पानी का रिचार्ज होगा। इससे पहले भी बोर्ड द्वारा कई गांवों में पानी के रिर्चाज के सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस जिले को डार्क जोन से निकालने के लिए सरस्वती चैनल के नजदीक बन रहे सरस्वती सरोवर वरदान साबित होंगे। इस समय इस क्षेत्र का वाटर लेवल लगभग 150 मीटर नीचे है और उन्हें उम्मीद है कि इन सरोवरों से भूजल स्तर में सुधार होगा।