सांध्यकालीन महाआरती में मॉरिशिस के प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव डा. नीति सागर रामबरन ने की शिरकत
भजन संध्या का हुआ आयोजन
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । मॉरिशिस के प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव डा. नीति सागर रामबरन ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोह ग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोंको ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े। कई महान संत व गुरु इस धरा पर पहुंचे है। इसलिए इस धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ ब्रहमसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
पूर्व सचिव डा. नीति सागर रामबरन शनिवार को देर सायं ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले मॉरिशिस के प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव डा. नीति सागर रामबरन व उनकी धर्मपत्नी निरवाना देवी, सेंट पीटसबर्ग इंडिया-रशिया कल्चरल सोसायटी के निदेशक मंगलम दूबे, नीफा के चेयरमैन प्रीतपाल सिंह पन्नू, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, केडीबी के पूर्व सदस्य सौरभ चौधरी, डा. सुखदेव शर्मा रावा सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रह्मसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल एवं केडीबी पूर्व सदस्य सौरभ चौधरी ने मेहमानों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम के अंत में केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।