अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 से पहले शुरु हुई 48 कोस कुरुक्षेत्र की सांस्कृतिक यात्रा
48 कोस के 134 तीर्थों की सांस्कृतिक यात्रा का लोग घर बैठे ले सकते है आनंद
कुरुक्षेत्र के पौराणिक किस्से-कहानियों को भी देख पाएंगे आनलाईन,
आनलाईन प्रणाली से भी होंगे गीता जीवन के दर्शन
न्यूज डेक्स हरियाणा
कुरुक्षेत्र, 9 दिसंबर। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2020 से पहले विश्व के कोने-कोने में बैठे लोग अब घर बैठे कुरुक्षेत्र 48 कोस की सांस्कृतिक यात्रा को देख पाएंगे। इस 48 कोस की सांस्कृतिक यात्रा में 134 तीर्थों के पौराणिक इतिहास को तथ्यों सहित वीडियो फिल्मों के माध्यम से देखा जा सकेगा। इतना ही नहीं आनलाईन प्रणाली से कुरुक्षेत्र के पौराणिक किस्सों-कहानियों को वीडियो फिल्मों के माध्यम से देखा जा सकेगा और आनलाईन प्रणाली से स्वामी ज्ञानानंद के प्रवचनों से श्रद्घालुओं को जानने का मौका मिलेगा कि पवित्र गं्रथ गीता में मेरे लिए क्या है और गीता विशेषज्ञों के माध्यम से गीता जीवन के भी दर्शन होंगे। उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ के इन प्रयासों से विशेष टीम द्वारा 48 कोस की सांस्कृतिक यात्रा को आनलाईन प्रणाली से शुरु कर दिया गया है। इस सांस्कृतिक यात्रा के साथ-साथ तमाम विषयों को वेबसाईट
डब्लयूडब्लयूडब्लयूडाटइंटरनेशनलगीतामहोत्सवडाटइन, डब्लयूडब्लयूडब्लयूडाटकुरुक्षेत्राडाटजीओवीडाटइन तथा डब्लयूडब्लयूडब्लयूडाट48कोसकुरुक्षेत्राडाटकॉम पर देश के किसी भी कोने में अपने घर बैठकर देखा जा सकेगा। इस सांस्कृतिक यात्रा को शब्दों और चलचित्रों में पिरोने के लिए अंडर ट्रेनिंग आईएएस अधिकारी वैशाली सिंह को जिम्मेवारी सौंपी गई और इस अधिकारी के नेतृत्व में श्रीकृष्णा संग्रहालय के क्यूरेटर राजेन्द्र राणा, कलाकार बलवान, भारत सैनी तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पत्रकारिता निदेशालय के छात्र नमन, रवि, अनूप सेमवाल, दीक्षा कटारिया काम कर रही है।
इस टीम ने अपने प्रयास शुरु कर दिए है और 48 कोस के सबसे महत्वपूर्ण ब्रहमसरोवर के पौराणिक महत्व से इस सांस्कृतिक यात्रा को शुरु कर दिया गया है। उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी को जहन में रखते हुए इस वर्ष प्रयास किए गए है कि अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव-2020 को आनलाईन प्रणाली से देश-दुनिया में महोत्सव से जुड़े श्रद्घालुओं और पर्यटकों तक पहुंचाया जाए। इस वर्ष यह भी योजना तैयार की गई कि सोशल मीडिया और आनलाईन प्रणाली से कुरुक्षेत्र 48 कोस के तीर्थों के पौराणिक इतिहास के बारे में भी जानकारी लोगों तक पहुंचाई। इस जानकारी को सहजता से लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष टीम
तैयार की गई। यह टीम तीर्थों पर जाकर वीडियो तैयार करेगी और उसके पौराणिक इतिहास के साथ-साथ उसके तमाम तथ्यों को कैमरों में कैद करेगी। इस 48 कोस की सांस्कृतिक यात्रा में 134 तीर्थों के दर्शन करवाए जाएंगे। केडीबी की तरफ से प्रयास किया जाएगा कि यह टीम लगातार काम करती रहे ताकि इस यात्रा को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस टीम ने प्रयास किया है कि गीता में मेरे लिए क्या कि जानकारी भी आनलाईन प्रणाली से लोगों तक पहुंचाई जाए, इसके लिए गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद की वीडियो रिकार्डिंग की जा रही है।
इस वीडियो रिकार्डिंग में स्वामी ज्ञानानंद ने बताने का प्रयास किया है कि पवित्र ग्रंथ गीता में युवाओं, डाक्टरों, वैज्ञानिकों तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए क्या लिखा गया है, के बारे में जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि इन वीडियोज को रोजाना नियमित रुप से वेबसाईट पर टीम द्वारा अपलोड किया जाएगा ताकि लोग घर बैठे ही पवित्र ग्रंथ गीता को जान सके। इसके साथ ही टीम के सदस्य पवित्र ग्रंथ गीता को जानने वाले विषय विशेषज्ञों की भी रिकार्डिंग करेंगे ताकि इन विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से श्रद्घालुओं को गीता जीवन दर्शन हो सके।
कुरुक्षेत्र के पौराणिक किस्से-कहानियों को भी जानने का मिलेगा अवसर
उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने कहा कि ब्रहमसरोवर के तट पर कुरुक्षेत्र के इतिहास, महाभारत और गीता उपदेशों पर आधारित 140 म्यूरल्स लगाए गए है। इस तट पर लगा प्रत्येक म्यूरल्स अपने आप कुरुक्षेत्र के पौराणिक किस्से-कहानियों को बता रहा है। इस टीम के सदस्य रोजाना 140 म्यूरल पर एक-एक करके पौराणिक इतिहास को कैमरे में कैद करेंगे। इनमें राजा कुरु, महाभारत और पौराणिक इतिहास के साथ-साथ कुरुक्षेत्र से जुड़े किस्से-कहानियों को शामिल किया जाएगा।