श्रीमद्भगवद्गीता का परम दिव्य उपदेश सम्पूर्ण विश्व के मानवीय समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी है – मॉरीशस गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम सी.एस.के.
अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता 2023 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित ‘‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में श्रीमदभगद्गीता की प्रसांगिकता’’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरूक्षेत्र । श्रीमद्भगवद्गीता में आत्म कल्याण तथा विश्व शांति अटल के शाश्वत सिद्धांत तथा मानवीय जीवन की हर संभव तथा असंभव जटिलताओं का समाधान हमें प्राप्त होता है जिसका अनुसरण कर मानव जीवन में कल्याण निश्चित है।श्रीमद्भगवद्गीता का परम दिव्य उपदेश सम्पूर्ण विश्व के मानवीय समाज के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी है। यह विचार अंतर्राष्ट्रीय श्रीमद्भगवद्गीता 2023 के उपलक्ष्य में मातृभूमि सेवा मिशन द्वारा आयोजित अठारह दिवसीय कार्यक्रम के चतुर्थ दिवस ‘‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में श्रीमदभगवदगीता प्रासंगिकता ’’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में मॉरीशस गणराज्य के उच्चायुक्त महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम सी.एस.के.ने बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महामहिम श्री हेमॅडॉयल सी.एस.के., कार्यक्रम के अध्यक्ष थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र, श्री श्री 1008 स्वामी विप्रदास जी महाराज, सैनसन पेपर प्राइवेट प्रा.लि.के प्रबंध निदेशक व समाजसेवी प्रदीप सैनी एवं प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाजसेवी मातृभूमि सेवा मिशन के नवनिर्मित श्रीमदभगवदगीता सदन का लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारम्भ दीपप्रज्वलन और योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण के चित्र पर माल्यार्पण व पुर्ष्पाचन से हुआ। मुख्यातिथि एवं समस्त अतिथियों का मातृभूमि सेवा मिशन परिसर परिसर पहुंचने पर वैदिक ब्रह्मचारियों ने तिलक लगाकर एवं शंख ध्वनि के साथ वैदिक परम्परा से स्वागत एवं अभिनंदन किया।
मुख्यातिथि महामहिम श्री हेमॅडॉयल डिलम सी.एस.के. ने कहा कि संपूर्ण विश्व को समस्त ज्ञान-विज्ञान भारत वर्ष से ही प्राप्त हुआ है। मॉरीशस की धरती पर कण-कण में भारत एवं भारतीयता विद्यमान है। संपूर्ण मारीशस के जन-जन के लिए भारत उसके अभिभावक स्वरूप है। मॉरीशस में श्रीमद्भगवद्गीता एवं रामायण का बहुत प्रचलित है। भारत आदिकाल से एक सम्पन्न समृद्ध राष्ट्र रहा है। आज पुनः भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने के लिए एवं विश्व का नेतृत्व करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता की शिक्षाओं को आत्मसात करना होगा।
कार्यक्रम की अधयक्षता करते हुए थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन के समाज के असहाय एवं जरूतरमंद बच्चों के निःस्वार्थ एवं निष्काम भाव से सेवा करके श्रीमदभगद्गीता की शिक्षाओं का यथार्थ रूप से पालन कर रहा है। आज गीता जयंती का पर्व धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र की पावन धरा से विश्वव्यापी हो गया हैं। आत्मनिर्भर के निर्माण के आज मातृभूमि सेवा मिशन जैसी सामाजिक संस्थाओं की जरूरत है। विधयाक सुभाष सुधा ने मातृभूमि सेवा मिशन के सेवा प्रकल्पों के निमित्त पांच लाख रुपये के अनुदान की घोषणा की। मातृभूमि सेवा मिशन के संस्थापक डा. श्रीप्रकाश मिश्र ने आए हुए समस्त अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि श्रीभगवद्गीता का निष्काम कर्मयोग सदैव हर देश, काल, परिस्थिति में प्रासंगिक रहा है। श्रीभगवद्गीता जीवन निर्माण का ग्रंथ है। कार्यक्रम को अतिथि सैनसन पेपर प्राइवेट प्रा.लि-.के प्रबंध निदेशक प्रदीप सैनी, समाजसेवी एवं उद्योगपति संदीप गर्ग, कुवि के पूर्व डीन प्राचीन विद्या संकाय डॉ. राजेश्वर मिश्र, भागवत रत्न महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास जी महाराज ने बतौर अति विशिष्ट अतिथि संबोधित किया। हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के निदेशक डॉ. सी.डी.एस. कौशल ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मनुष्य को हर प्रकार से नेतृत्व करने के लिए तैयार करती है।श्रीमद्भगवद्गीता हमें प्रेरणा देती है कि हम समाज एवं राष्ट्र की सेवा किस प्रकार से कर सकते हैं। श्रीमदभगद्गीता मनुष्य में कर्तव्य बोध का जागरण करती है। भारत एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बने इसके लिए आवश्यक है कि भारत का जन-जन इसमें सहभागी बने। श्रीमदभगद्गीता की शिक्षाएं भारत को एक आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने का मार्ग प्रशस्त करती है। परमपूज्य स्वामी श्री श्री 1008 विप्रदास जी महाराज ने आभार ज्ञापन किया। कार्यक्रम में थानेसर विधायक सुभाष सुधाा को सामाजिक, धाार्मिक क्षेत्र में विशेष कार्य के लिए मातृभूमि समाज गौरव सम्मान, मॉरीशस के उच्चायुक्त श्री हेमॅडॉयल डिलम को सनातन धर्म एवं विश्व मानवता के कार्य करने के लिए मातृभूमि गौरव सम्मान, भारतीय सनातन धर्म क्षेत्र में विशेष कार्य करने के लिए बाबा बिहारी चेरिटेबल ट्रस्ट के अधिष्ठाता परमपूज्य स्वामी श्री श्री 1008 विप्रदास जी महाराज को मातृभूमि गीता गौरव सम्मान से विभूषित किया गया।