प्रदर्शन में शामिल हुई देश के विभिन्न राज्यों के संगठनों की महिला कार्यकर्ता
अखिल भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर आंगनवाड़ी,आशा,मिड डे मील व एनएचएम कर्मियों की मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन
न्यूज डेक्स संवाददाता
दिल्ली। दिल्ली के जंतर मंतर पर सोमवार को अखिल भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर देश के विभिन्न राज्यों से पहुंची अलग अलग संगठनों की महिला कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय स्वास्थ्य एवं एचएम कर्मचारी महासंघ, अखिल भारतीय मिड डे मील वर्कर्स समन्वय समिति द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन के दौरान सरकार से मांगे पूरे करने का आह्वान किया।
आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील तथा एनएचएम कर्मियो का भारतीय मजदूर संघ के तत्वाधान में सोमवार को को जंतर-मंतर नई दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया। भारतीय मजदूर संघ के आह्वान पर आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील तथा एनएचएम कर्मी अपने मांगों के समर्थन में यहां हजारों कार्यकर्ता रैली तथा प्रदर्शन करते हुए पहुंचे और शोषण एवं अत्याचार के खिलाफ आवाज बुलंद की। रैली उपरांत अपनी जायज मांगों का ज्ञापन पत्र संबंधित मंत्रालय को प्रतिनिधि मंडल ने सौंपा।
आंगनवाड़ी-देश में आंगनवाड़ी कर्मियों की संख्या लगभग 27 लाख है जो आंगनवाड़ी केंद्रों में अपने कार्यों का संचालन करती है। वर्ष 1975 से भारत में “समेकित बाल विकास योजना” का संचालन हो रहा है। इसके अन्तर्गत आंगनवाड़ी कर्मी, जिनमें आंगनवाड़ी सेविका, मिनी आंगनवाड़ी सेविका तथा सहायिका (हेल्पर) शामिल हैं जो इस योजना को सफलीभूत कर रही है। केन्द्र सरकार की इस योजना में इन ऑगनवाड़ी कर्मियों को छः प्रमुख कार्यों को करना संदर्भित है जिनमें अनुपूरक पोषण, बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण शिक्षा तथा रेफर सेवाएँ शामिल हैं। किन्तु राज्य सरकारों द्वारा इन कार्यों के अलावे बीएलओ, जनगणना, पल्सपोलियो, फाईलेरिया, राशन कार्ड, सत्यापन आदि-आदि कार्य कराये जाते हैं। इस प्रकार औसतन 8 घंटे कार्य करने के उपरांत भी आंगनवाड़ी कर्मियों को आज पर्यन्त न्यूनतम वेतन नसीब नहीं हो सका है। अल्पमान धन पर ये सभी कार्य कर रही है। इन्हें किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं दिया जा रहा है। पदोन्नति की कोई स्पष्ट नीति भी नहीं है।
आशा वर्कर इसी प्रकार देश में लगभग 12 लाख आशा वर्कर कार्यरत हैं। स्वास्थ्य से संबंधित कार्यों जैसे ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में लोगों को उनके स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी देने, प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने, आवश्यक सेवाओं के प्रयोग के लिये परामर्श एवं व्यवस्था देने, जटिल प्रकरण को संदर्भित करने तथा स्वास्थ्य सेवा केन्द्र तक पहुंचाने, साफ-सफाई व स्वच्छता का महत्व बताने आदि कार्यों का निर्वहन करती है। आँकड़े यह बताते हैं कि जबसे आशा वर्कर ने देश में कार्य करना प्रारम्भ किया है जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर कम हुई है। “करोना काल” में भी आशा वर्कर ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का कार्य किया है जिसकी सराहना भारत सरकार के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी की है। किन्तु आलम यह है कि इन आशा कर्मियों को आज पर्यन्त मानधन या वेतन नसीब नहीं हो सका है। केवल कार्य एवं गतिविधि आधारित प्रोत्साहन राशि (इन्सेन्टिव्ह) पर ही सभी कार्य कर रही हैं। इन्हें किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं दिया जा रहा है।
मिड डे मील देश के प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में मिड डे मील जिसका वर्तमान में नवीन नाम “पीएम पोषण योजना” है। इसमें देश के लगभग 28 लाख मिड डे मिल वर्कर (रसोईया) कार्यरत हैं के तहत देश के 11.5 लाख प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में 12 करोड़ विद्यार्थियों को गर्म भोजन पकाकर खिलाने का कार्य करते हैं। इस कार्य के एवज में इन्हें अल्पमान धन दिया जाता है। भोजन पकाते वक्त दुर्घटना होने पर ईलाज भी इन्हे मुहैय्या नहीं होता है। इन्हें किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा नहीं दिया जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं एनएचएम देश के सभी राज्यों में एनएचएम के मातहत स्वास्थ्य से सम्बंधित स्कीम व प्रोग्राम संचालित होते हैं जिनमें चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, 102 एवं 108 एम्बुलेंश ड्राईवर, डाटा इन्ट्री ऑपरेटर, नर्सिंग ऑफीसर, एएनएम, लैब टेक्निशियन, पब्लिक हेल्थ कैडर स्टाफ, आदि-आदि कार्य करते हैं, जिनकी संख्या लगभग 3.5 लाख है। किन्तु आज पर्यन्त इन्हें अल्प वेतन पर ही कार्य कराया जा रहा है। अधिकांश कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का सामाजिक सुरक्षा नहीं दिया जा रहा है। वहीं इनके समरूप कार्य करने वाला एक दूसरा वर्ग-स्थाई कर्मचारी मोटी तनख्वा तथा सभी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा का हकदार है।
सरकार के इस शोषण, दमनकारी नीति के शिकार उक्त सभी स्कीम वर्कर उपर्युक्तानुसार अपनी आवाज को बुलंद करते हुए सरकार का ध्यान निम्नलिखित माँगों की ओर आकृष्ट करेंगें – वेतन
1) सभी स्कीम वर्कर को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जावे।
2) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 18000 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 15000 रुपये, आशा वर्कर को 18000 रुपये, आशा सहयोगिनी को 24000 रुपये, ब्लाक कोर्डिनेटर को 24000 रुपये,मिड डे मील वर्कर को 18000 रुपये, एनएचएम के स्कीम एवं प्रोग्राम में संविदा व ठेका में कार्यरत कामगारों को राज्य के अस्पताल में कार्यरत स्थाई कर्मचारियों के समतुल्य प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जाये।
सामाजिक सुरक्षा
3) 45वें एवं 46वें “भारतीय श्रम सम्मेलन” (आईएलसी-इंडियन लेबर कान्फ्रेंस) की शिफारिस को लागू किया जावे जिसके अन्तर्गत (क) स्कीम वर्कर को श्रमिक का दर्जा दिया (ख) न्यूनत्तम वेतन व सामाजिक सुरक्षा के तहत ईपीएफ, ईएसआई का कवरेज दिया जावे। ग्रेच्यूटी एवं पेंशन भी लागूकिया जाये।
पदोन्नति
1) नई शिक्षा नीति-2020 के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों को प्री-प्राईमेरी स्कूल में परिवर्तित करने की दशा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को प्री-प्राईमेरी टीचर तथा सहायिका को चिल्ड्रन केयर टेकर का नवीन पदनाम देकर उचित श्रेणी / वर्ग में समायोजित किया जाये।
2) आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से सुपरवाइजर तथा आंगनवाड़ी सहायिका से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता पद पर पदोन्नति हेतु पात्रता के लिये उम्र का बंधन हटाया जावे तथा पूरे देश में पदोन्नति हेतु एक समान नीति बनाया जाये।
3) आशा वर्कर की योग्यतानुसार आशा फेसीलीटेटर एवं एएनएम के पद पर पदोन्नति दिया जावे। 4) एनएचएम में कार्यरत संविदा एवं ठेका कर्मियों को भी निश्चित समय पर योग्यतानुसार क्रमोन्नति (अपग्रेडेशन) दिया जाये।
5) आंगनवाडी कर्मियों, आशा कर्मियों, मिड डे मील कर्मियों तथा एनएचएम कर्मियों को सेवानिवृत्ति लाभ (रिटायरमेंट बेनिफीट) के रूप में दस लाख रुपये एक मुश्त दिये जाये।
6) सभी स्कीम वर्कर की सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष किया जाये।
अन्य सुविधाएं देने की भी रखी मांग
1) आशा तथा मिड डे मील कर्मियों को वर्ष में 2 बार गणवेश (यूनिफार्म) दिया जावे तथा धुलाई भत्ता
(वासिंग एलाऊंस) दिया जावे। 2) दुर्घटना अथवा मृत्यु होने पर स्कीम वर्कर को दस लाख रुपये दुर्घटना हितलाभ परिवार के निकट आश्रित को दिया जाये।
3) सभी स्कीम वर्कर को सरकारी अवकाश तथा अन्य प्रचलित अवकाश, आकस्मिक अवकाश (केजूअल लीव), चिकित्सा अवकाश (सीक लीव) की सुविधा दिया जाये।
4) असंगठित कामगार हेतु लागू “श्रम योगी मानधन योजना” में लाभार्थी प्रवेश आयु की सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 50 वर्ष किया जाये। इस प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए भारतीय मजदूर संघ के प्रमुख अखिल भारतीय पदाधिकारी, क्षेत्र संगठन मंत्री, सम्बंधित समस्त फेडरेशन के पदाधिकारी तथा संबंधित संगठनों के पदधिकारियों सहित सभी राज्यों के हजारों सदस्य उपस्थित थे। सभा की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघस के अखिल भारतीय अध्यक्ष हिरण्मय पाण्ड्या ने की। रविन्द्र हिमते अखिल भारतीय महामंत्री बी सुरेंद्रन, अखिल भारतीय संगठन मंत्री सुरेंद्र पांडेय, अखिल भारतीय उप महामंत्री गणेश मिश्र, अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री नीता चौबे, अखिल भारतीय उपाध्यक्ष अंजली पटेल, अखिल भारतीय मंत्री जयंती लाल, असंगठित क्षेत्र सेक्टर प्रभारी पवन कुमार अनुपम, सोहन लाल क्षेत्र संगठन मंत्री एसके राठौर, कोषाध्यक्ष अनीस मिश्र, सह कोषाध्यक्ष साजीनारायण, विरजेश, शीतल करोल, अध्यक्ष, आंगनवाड़ी महासंघ, अनूपा विश्वकर्मा अध्यक्ष,गीता कटरे, अध्यक्ष आशा महासंघ), रमेश कुमार अध्यक्ष, विश्वाराध्य एच.यामोजी महामंत्री, दिनेश कुमार कौशिक कोषाध्यक्ष (स्वास्थ्य एनएचएम महासंघ) तथा लीला नागपुरे, अध्यक्ष, मिड डे मील कोर्डिनेशन कमेटी एवं अन्य मंच पर उपस्थित थे। सभा को अंजली पटेल, शरमिष्ठा, हेमलता आदि ने संबोधित किया। सभा का सुत्र संचालन सुरेंद्र कुमार पांडे एवं गिरजा आचार्य ने किया।