डा प्रदीप गोयल/ न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। अंर्तराष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ के तत्त्वाधान में इस्कॉन प्रचार समिति द्वारा श्रीमद् देवी भगवती बाला सुंदरी मंदिर धर्मशाला में चल रही श्रीमद् भागवत कथामृत के तीसरे दिन बुधवार को कथाव्यास साक्षी गोपालदास ने श्रद्धालुओं पर ज्ञान वर्षा करते हुए कहा कि गोवर्धन पर्वत की कहानी से हर कोई परिचित है। जो भगवान की प्रचलित लीलाओं में से एक है। इंद्र देव भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं से अंजान थे और उन्होंने क्रोध में आकर गांव में बहुत तेज वर्षा कर दी। गांव वालों को बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया और सभी मथुरावासियों को पर्वत के नीचे शरण दी। सात दिन तक बिना कुछ खाए भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को उठाए खड़े रहे और आठवें दिन वर्षा रुकने पर गांववासियों को बाहर निकाला। कार्तिक मास में अन्नकुट की पूजा भी भगवान श्री कृष्ण ने ही आरंभ कराई थी।
साक्षी गोपालदास ने कहा कि भगवान के धाम को पाने का सबसे अच्छा मार्ग हरि संकीर्तन है। भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को बताते हैं कि जो व्यक्ति गीता के परम रहस्य भक्तों को बताता है। वह शुद्ध भक्ति को प्राप्त करता है और वह अंत में मेरे ही पास आता है। मंच का संचालन उमेश गर्ग ने किया। समिति की ओर से मुख्यातिथि डा. दीपक शर्मा, आरडी गुप्ता, पार्षद ईशा व कमित सचदेवा को स्मृति चिंह भेंट किए गए। इस अवसर पर प्रधान परमानंद दास, डा. नरेश गर्ग, धीरज गुप्ता, प्रवीण गोयल, अनिल अग्रवाल, नित्यानंद निमाईदास, पवन गुप्ता, वेद प्रकाश भाटिया, संजीव दुआ, श्रीमोहनदास, बलराम दास, सुरजीत राणा सहित श्रद्धालु उपस्थित थे।