भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन राममयी होगा हरियाणा
निमंत्रण के रूप में घर-घर पहुंचाए जाएंगे अयोध्या से आए अक्षत
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़। अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को प्रदेश भर में दीवाली जैसे माहौल दिखाई देगा। भगवान राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में घर-घर दीप जलाए जाएंगे और हर मंदिर में राम भजन गूंजेंगे। यानी शहर-शहर, गांव-गांव आपको दिवाली की तरह ही जगमगाता दिखाई देगा।
इस एतिहासिक खुशी में प्रदेश का हर परिवार शामिल हो, इसके लिए विश्व हिंदू परिषद ने पूरी योजना तैयार कर ली है। गांव-गांव, शहर-शहर में 23 दिसंबर से ही धार्मिक रंग बिखरने लगेगा और 22 जनवरी तक दीपावली जैसा माहौल देखने को मिलेगा। भव्य राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन कैसा माहौल होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस दिन प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण दिखाने के लिए हजारों मंदिरों में प्रबंध किए गए हैं। केवल गुरुग्राम शहर में ही 150 से अधिक मंदिरों में बड़ी स्क्रीन लगाई जाएगी और मंदिरों सजाया जाएगा। हर परिवार इस उत्सव में शामिल हों सके, इसके लिए 1 से 15 जनवरी निमंत्रण देने का कार्य किया जाएगा।
इसके लिए केवल गुरुग्राम शहर को 186 भागों में बांटा गया है, इन 186 भागों में निमंत्रण घर घर पहुंचाने वाली टीमों का गठन भी कर दिया गया है। इसी तरह प्रदेश के हर शहर और गांव में अक्षत पहुंचाने की व्यवस्था बनाई गई है। गुरुवार में इस कार्यक्रम के महानगर संयोजक यशवंत शेखावत ने बताया कि अयोध्या से पूजित अक्षत गुरुग्राम में पहुंच गए हैं। उन्हें सेक्टर 23 के शक्ति मंदिर में रखा गया है। जहां से उन्हें 23 दिसंबर को 186 कलशों में भरकर सोहना चौक स्थित सिद्धेश्वर मंदिर में लाया जाएगा। सिद्धेश्वर मंदिर से ही सभी टीमें इन अक्षतों को लेकर अपने अपने क्षेत्र में जाकर वितरित करेंगी। यशवंत शेखावत ने बताया कि गुरुग्राम में तीन लाख घरों में श्रीराम जन्म भूमि अयोध्या में पूजित अक्षत के साथ पत्रक व राम मंदिर की फोटो वितरित की जाएगी।
केवल गुरुग्राम में 9 हजार से ज्यादा स्वयं सेवक अक्षत वितरण का काम करेंगे। हर भाग में 6 से 7 टोलियां अक्षत वितरण करेंगी और हर टोली में 5 से 10 के बीच स्वंय सेवक शामिल होंगे। अक्षत वितरण से पूर्व शहर में अक्षत कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसके लिए भी तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने बताया कि शहर में अक्षत कलश यात्रा निकाले जाने की प्लानिंग बनाई गई है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के महानगर कार्यवाह एडवोकेट संजीव सैनी का कहना है कि लाइव प्रसारण के साथ मंदिरों में भजन, कीर्तन, हवन, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ व सामूहिक आरती आदि कार्यक्रम भी होगे। सेक्टर-21, नीम की प्याऊ स्थित शिव मंदिर के पुजारी आचार्य ऋतेश पांडेय ने बताया कि चावल यानि अक्षत का तात्पर्य यह है कि जिसका कभी क्षय ना हो। पूजा पाठ में अक्षत इसलिए चढ़ाया जाता है कि जो भी संकल्पित कामना हम भगवान की पूजन के लिए रखते हैं उसे वह संपूर्ण रूप से में प्राप्त हो सके और अखंडता की प्राप्ति हो। अक्षत को शुद्ध अनाज माना जाता है।
पानीपत से प्रदेश के हर जिले में पहुंचे अक्षत
जानकारी के मुताबिक अयोध्या से पूजित अक्षत निमंत्रण हेतू प्रदेश में नवंबर माह में ही आ गए थे। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी अक्षत लेकर पानीपत पहुंचे थे। जहां से इन अक्षतों को जिलों में भेजा गया , जहां इन्हें वहां के मंदिरों में रखा गया है। जानकारी के मुताबिक अब अक्षतों को दिसंबर में ही उन टीमों को सौंप दिया जाएगा, जो इन्हें निमंत्रण के रूप में भगवान राम के भव्य मंदिर की तस्वीर के साथ घरों तक पहुंचाएंगे।