प्रसिद्ध कलाकार मोरा लाला ने ब्रहमसरोवर की फिजा घोला कबीर भक्ति का रस
कलाकार निधि शर्मा ने भजनों की प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर किया मजबूर
सांध्यकालीन महाआरती में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती
प्रदेश संगठन मंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा ने की शिरकत, मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर किया सम्मानित
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने कहा कि धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र का एक पौराणिक और आध्यात्मिक इतिहास रहा है। इस धरा पर जहां भगवान श्रीकृष्ण ने मोह ग्रस्त अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया वहीं पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकों ने मानवता को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान किया है। इसके साथ-साथ अनेक महान संतों के पैर इस धरा पर पड़े। राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती मंगलवार को देर सायं ब्रहमसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में महोत्सव के गीता महाआरती कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे। इससे पहले राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, केडीबी के मानद सचिव उपेंद्र सिंघल, कुरुक्षेत्र 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य अशोक रोशा, डा. ऋषिपाल मथाना, डा. एमके मोदगिल, कैप्टन अमरजीत सिंह, युद्घिष्ठïर बहल ने पुरुषोत्तमपुरा बाग में सायं कालीन सांस्कृतिक संध्या का दीप प्रज्जवलित करके शुभारंभ किया।
इस दौरान राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने प्रसिद्ध कलाकार मोरा लाला और निधि शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस सांस्कृतिक संध्या में सुप्रसिद्घ कलाकार मोरा लाला ने संत कबीर की वाणी को अपने शब्दों में पिरोकर प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में कबीर के दोहे, समाज को दिशा दिखाने वाले शब्दों और कबीर के ज्ञान को गायन शैली के माध्यम से प्रस्तुत करके सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करने का काम किया। इस प्रस्तुति के साथ प्रसिद्ध कलाकार निधि शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण-राधा से जुड़े भजनों को प्रस्तुत करके दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इन दोनों प्रस्तुतियों की दर्शकों ने खूब सराहना की है।
राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती, प्रदेश संगठन मंत्री फणीन्द्र नाथ शर्मा, आरएसएस के प्रांत सह कार्यवाह डा. प्रीतम सिंह, जिला अध्यक्ष रवि बतान, जिला महामंत्री जसविंदर सिंह सहित अन्य गणमान्य लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर ब्रहमसरोवर की महाआरती और पूजा-अर्चना की तथा दीपशिखा प्रज्वलित कर विधिवत रुप से महाआरती का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र धरा के स्मरण मात्र से ही मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ-साथ ब्रहमसरोवर का भी कुरुक्षेत्र के इतिहास में एक धार्मिक और पौराणिक इतिहास है। विभिन्न अवसरों पर इस तीर्थ के सरोवर में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। पवित्र ब्रहमसरोवर की महाआरती से कर्म करने की शक्ति मिलती है, इस शक्ति से समाज सेवा में अपना योगदान दिया जा सकता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को कर्म करने का संदेश लेने के लिए कुरुक्षेत्र की भूमि पर जरुर आना चाहिए और पवित्र ग्रंथ गीता के संदेशों को अपने जीवन में धारण करके उनका अनुसरण करना चाहिए। इस महाआरती का गुणगान पंडित बलराम गौतम, पंडित सोमनाथ शर्मा, गोपाल कृष्ण गौतम, अनिल व रुद्र ने किया। केडीबी की तरफ से सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।