रूस,कजाकिस्तान, मंगोलिया,तिब्बत से हरियाणा के प्राकृतिक तालाबों में शीतकालीन प्रवास के लिए आते हैं प्रवासी पक्षी-डा.तरसेम
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,11 दिसंबर।
शरद ऋतु में प्राकृतिक तालाबों, जोहड़ों, नदियों व जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियां अनायास ही हमें भावविभोर कर देती हैं। प्रवासी पक्षियों का प्रव्रजन सदा से की मनुष्य के लिए शोध का विषय रहा है। प्राचीन काल से ही प्रवासी पक्षी अपने प्रजनन क्षेत्रों से शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए दुर्गम यात्राएँ करते रहे हैं। पिहोवा शहर से 12 किलोमीटर दूर स्थित थाना गांव का प्राकृतिक तालाब भी वर्षों से प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली रहा है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के जीवविज्ञान प्राध्यापक डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि थाना गाँव का प्राकृतिक तालाब जैव विविधता की दृष्टि से परिपूर्ण है। इस तालाब में सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ जैसे सामान्य टील, राजहंस, ब्राह्मणी बतख, कॉमन पोचार्ड, श्वेताक्ष पोचार्ड, पिंक शीर्ष बत्तख़, सिख पर बत्तख़, तिदारी बत्तख़, सिलेटी सवन, करछिया बगुला, चेता बत्तख़, बेखुर बत्तख़, सूचिपूछ बत्तख़ इत्यादि शीतकालीन प्रवास के भ्रमण करती हैं। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि पिछले कई वर्षों से प्रवासी पक्षियों को लुभाने वाला थाना गाँव का प्राकृतिक तालाब दिसंबर माह में भी शीतकालीन प्रवास के लिए आने वाले मेहमान परिंदों की बाट जोह रहा है। उन्होंने कहा कि हालांकि ऐसा नहीं है कि मेहमान परिंदों ने इस तालाब को बसेरा नहीं बनाया है परन्तु कुछ ही प्रजाति के पक्षी जैसे बार हैडिड गूज, ब्राह्मणी बतख, सामान्य टील, कॉमन पोचार्ड, वाइट टेल्ड लेपविंग, रिवर टर्न, कॉमन रेड शंक इत्यादि अठखेलियाँ करती दिखाई दे जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नॉर्थरन शोवलर, नॉर्थरन पिनटेल, कॉमन टील, गढ़वाल, विजियन सरीखे प्रवासी पक्षी नदारद है जिसका मुख्य कारण तालाब में जलीय पौधों की कमी है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि बार-हैडिड गूज यानि सर पट्टी सवन नामक प्रवासी पक्षी जो सामान्यतः 8-10 के समूह में पाया जाता है वहीं थाना के इस प्राकृतिक तालाब में नवनिर्मित टापुओं पर बहुतायत संख्या में बैठे दिखाई दे जायेंगे। सिर और गर्दन के पास सफेद तथा कंदरा के आर पार दो विशिष्ट चौड़ी काली पट्टी युक्त यह प्रवासी पक्षी लद्धाख, तिब्बत, कजाकिस्तान, मंगोलिया तथा रूस से हरियाणा के प्राकृतिक तालाबों में शीतकालीन प्रवास के लिए आते हैं। डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि हरियाणा सरकार थाना के प्राकृतिक तालाब को गोल्डन जुबली ब्रह्म सरोवर कम्युनिटी रिज़र्व के रूप में विकसित कर रही है ताकि प्रवासी पक्षी रूपी जैवविविधता का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने बताया कि थाना गाँव के इस प्राकृतिक तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य जारी है जिसके अंतगर्त तालाब के अंदर टापुओं का निर्माण, घाटों का निर्माण तथा विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जाने हैं। डॉ कौशिक ने कहा कि जैवविविधता से परिपूर्ण थाना गाँव के इस प्राकृतिक तालाब का जीर्णोद्धार न केवल प्रवासी पक्षियों के संरक्षण में मददगार होगा अपितु इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि थाना गांव का यह प्राकृतिक तालाब पुनः प्रवासी पक्षियों के लिए स्वर्ग बनने की क्षमता रखता है बशर्ते तालाब को उसकी मूल अवस्था में ही संरक्षित करें तथा तालाब में मछली पालन पर पूर्णतया प्रतिबंध लगे ताकि प्रवासी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियाँ जो मछली तालाब में शीतकालीन प्रवास के लिए नहीं आती वे भी भ्रमण कर सके। डॉ तरसेम कौशिक ने कहा हम हरियाणा सरकार से अपील करते हैं कि प्रदेश के अन्य तालाब जोकि अतीत में प्रवासी पक्षियों की शरणस्थली रहे हैं उन सभी प्राकृतिक तालाबों का संरक्षण व संवर्धन करें ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ प्रवासी पक्षियों के प्रव्रजन की इस नैसर्गिक प्रक्रिया के विषय में जान सकें तथा भगवान के इन डाकियों को देखकर आनंद विभोर हो सकें।