हुडा पार्ट-2 की सड़क बनी नगर का महत्त्वपूर्ण मुद्दा
सडक़ उखाड़ने की चर्चा से गरमाया नगर का माहौल
बिना टेंडर पास हुए सड़क का शुभारंभ करना बना विधायक के गले की फांस, पल्ले से देने पड़े 6 लाख रुपए
डॉ. प्रदीप गोयल/न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। एक ओर नगर में चोरियां और गुंडागर्दी की वारदातें लगातार हो रही है। वहीं हुडा पार्ट-2 की एक मुख्य सड़क का मुद्दा नगर में गरमाया हुआ है। बिना टेंडर के बनी इस सड़क की पेमेंट ना होने के कारण अब इस सड़क को उखाड़ने की बात चर्चा में है। नगर के अनेक भागों और किशनगढ़ गांव को जोड़ने वाली सड़क को उखाड़ने की बात से नगरवासियों में चिंता की लहर व्याप्त हो गई है। बता दें कि अगस्त 2022 में स्थानीय विधायक, नपा प्रधान व अनेक पार्षदों की उपस्थिति में इस सडक का निर्माण कार्य बिना टेंडर पास हुए ही शुरू करवाया गया था। लेकिन मुहूर्त के अगले ही दिन आरटीआई कार्यकर्ता राकेश बैंस ने इस सडक के निर्माण कार्य पर अनेक सवाल खड़े कर दिए थे।
वहीं पूर्व पार्षद पति राकेश गर्ग ने न्यायालय में याचिका दायर कर यह पूछा था कि इस सडक निर्माण कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले मेटिरियल व गुणवत्ता की जांच कौन करेगा क्योंकि टेंडर पास न होने की स्थिति में यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि इस सड़क का निर्माण कार्य सरकार का कौन सा विभाग कर रहा है। जिस पर माननीय अदालत ने सड़क निर्माण के कार्य पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी। लेकिन न्यायालय की अवहेलना करते हुए भी इस सडक का निर्माण कार्य करवाया गया। जबकि माननीय अदालत में नगरपालिका, पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागों ने निर्माणाधीन सडक को बनाने की जिम्मेवारी लेने से मना कर दिया था। पूर्व पार्षद पति राकेश गर्ग ने बताया कि इस सडक का निर्माण शुरू होने के समय यह बात चर्चा में आई थी कि यह टेंडर लगभग 45 लाख रुपए का होगा जिस पर उन्हें संशय था। क्योंकि बिना टेंडर के किए जा रहे इस कार्य में उन्हें बड़ी गड़बड़ी की आशंका थी।
बीते बुधवार को नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया और इस सडक का निर्माण करवाया था वह विधायक से अपने कार्य की पेमेंट मांग रहा है और विधायक द्वारा पेमेंट न देने और ठेकेदार को सड़क उखाड़ने की बात कही गई है। जिस पर प्रतिक्रिया करते हुए पूर्व पार्षद ललित भार्गव ने कहा कि इस सारे मामले में भ्रष्टाचार की बू आ रही है। कोई ठेकेदार बिना टेंडर हुए सडक निर्माण कार्य कर रहा है तो उसकी पेमेंट कहां से की जाएगी।भार्गव ने कहा कि विधायक अब अपनी सफाई में किसी एक मौजूदा पार्षद व ठेकेदार पर सारा ठीकरा फोड़ रहे है। जबकि उस समय इस सडक निर्माण कार्य के लिए विधायक ने स्वयं नारियल फोड़ा था। वहीं विधायक रामकरण ने कहा कि एक मौजूदा पार्षद व ठेकेदार ने उन्हें कहा था कि वह स्वयं सडक निर्माण करवाकर इसकी पेमेंट नगरपालिका से ले लेंगे। उन्होंने कहा कि अब जब उस ठेकेदार को पेमेंट नहीं मिली तो वह बार-बार मुझे परेशान कर रहा था।
उन्होंने बताया कि इस सड़क के निर्माण के लिए उन्होंने अपनी जिम्मेवारी पर एक टाइल निर्माता से टाइलें दिलवाई थी। जिसकी पेमेंट ना होने पर उन्होंने अपनी जेब से 6 लाख रुपए दिए। उन्होंने बताया कि जब उक्त ठेकेदार ने उन्हें सड़क उखाड़ने की धमकी दी तो उन्होंने उसे कहा कि निर्माण हुई सड़क को कोई भी नहीं उखाड़ सकता। यदि उसमें ताकत है तो वह सड़क उखाड़ ले। बता दें कि नपा के नए बोर्ड के चयन के बाद अफरा तफरी में पब्लिक में नंबर बनाने के चक्कर में इस सड़क के निर्माण कार्य का शुभारंभ कर दिया गया था और इसका टेंडर बाद में पास करने की बात सोची गई थी। लेकिन मुद्दा गरमाने के बाद ऐसा संभव नहीं हो पाया। जिस कारण अब यह मुद्दा मुहूर्त करने वालों के गले की फांस बन गया है।