Thursday, November 21, 2024
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भारतीय ज्ञान प्रणाली वर्तमान युग की सांसारिक समस्याओं का समाधान प्रदान करती है:  प्रो. एम एम गोयल

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स उत्तर प्रदेश

ग्रेटर नोएडा। “गीता आधारित नीडोनॉमिक्स सहित भारतीय ज्ञान प्रणाली वर्तमान युग की सांसारिक समस्याओं का समाधान प्रदान करती है ।” ये शब्द   प्रो. मदन मोहन गोयल पूर्व कुलपति एवं संस्थापक नीडोनॉमिक्स स्कूल ऑफ थॉट जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त हुए  ने कहे । वे आज यहां शारदा स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज, शारदा विश्वविद्यालय द्वारा समकालीन विश्व में सतत विकास के लिए भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन भाषण दे रहे थे। डॉ. पूजा व्यास निदेशक, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, लखनऊ और प्रो. ओ बुडारिना इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमैनिटीज प्रमुख, इम्मानुएल कांत बाल्टिक फेडरल यूनिवर्सिटी, कलिनिनग्राद ने भी समापन समारोह में संबोधित किया ।    प्रो (डॉ) अन्विति गुप्ता डीन, एसएसएचएसएस और सम्मेलन अध्यक्ष ने स्वागत भाषण दिया। सम्मेलन संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार ने कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत की और धन्यवाद ज्ञापन कियाI  कार्यक्रम में भाग लेने वालों को प्रमाण पत्र दिये गये।

प्रो. गोयल का मानना है कि दर्शन, आध्यात्मिकता और संस्कृति पर आधारित भारतीय ज्ञान प्रणाली  प्राचीन ज्ञान और समसामयिक मुद्दों के बीच तालमेल बनाता है, जो सतत विकास लक्ष्य  एवं  विकसित भारत के लिए आवश्यक है।प्रो. गोयल ने समझाया  कि हमें नीडोनॉमिक्स के सिद्धांत को समग्रता में समझना और अपनाना होगा जिसमें नीडो-कंजम्पशन, नीडो-सेविंग, नीडो -प्रोडक्शन, नीडो-इन्वेस्टमेंट, नीडो-डिस्ट्रीब्यूशन, परोपकारिता, नीडो-ट्रेड  शामिल हैI प्रो गोयल ने  कहा कि भारतीय ज्ञान प्रणाली पर आधारित शैक्षिक उत्पाद की मांग पैदा करने  हेतु विपणन के  एनएडब्ल्यू    ((वस्तुओं और सेवाओं की आवश्यकता, सामर्थ्य और मूल्य) दृष्टिकोण को अपनाने की  आवश्यकता है ।प्रो. गोयल का मानना है कि समकालीन विश्व में सतत विकास  सुनिश्चित करने हेतु  सभी हितधारकों को गीता और अनु-गीता से आध्यात्मिक इनपुट के साथ स्ट्रीट स्मार्ट (सरल, नैतिक, क्रिया-उन्मुख, उत्तरदायी और पारदर्शी ) बनना होगा। 

प्रो. गोयल ने कहा कि हमें उपभोक्ताओं, उत्पादकों, वितरकों, व्यापारियों, नीति निर्माताओं और राजनेताओं के रूप में सभी हितधारकों के व्यवहार में बीमारी को संबोधित करना होगा ।प्रो. गोयल का मानना है कि   वर्तमान युग की सभी चुनौतियाँ और समस्याएँ  जैसे कि नीडो- धन, नीडो -स्वास्थ्य और नीडो -खुशी के लिए आध्यात्मिक निर्देशित भौतिकवाद (एसजीएम) रणनीति के साथ ‘नीडोनॉमिक्स’ के गीता आधारित सिद्धांत को समझने की माँग करती हैं।

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