Wednesday, April 23, 2025
Home Kurukshetra News पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव की ट्राफी लांच पर रंगारंग समारोह के बीच रणदीप हुड्डा और अन्य कलाकार पहुंचे

पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव की ट्राफी लांच पर रंगारंग समारोह के बीच रणदीप हुड्डा और अन्य कलाकार पहुंचे

by Newz Dex
0 comment

फरवरी में होने जा रहा पांच चित्र भारती फिल्मोत्सव हरियाणा सहित देशभर के प्रतिभावान कलाकारों को देगा नए अवसर

बालीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने अपनी आने वाली बहुचर्चित फिल्म वीर सावरकर का भी किया जिक्र

भारतीय दर्शन और सामाजिक सरोकार एवं चेतना पैदा करने वाली फिल्में बने,यही भारतीय चित्र साधना का उद्देश्य-ठाकुर

राजा हरिश्चंद्र के साथ 111 वर्ष पहले सिनेमा उद्योग के पितामह दादा साहब फालके ने रखी थी नींव

भारत में सामाजिक सरोकार और चेतना पदा करने वाला सिनेमा बने,यही फालके जी को होगी सच्चा श्रद्धांजली

बालीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा व अन्य दिग्गजों ने टैगोर थिएटर में लांच की पांचवें फिल्मोत्सव की ट्राफी 

एनडी हिंदुस्तान संवाददाता

चंडीगढ़।बालीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा ने कहा कि फरवरी में होने जा रहा पांचवां चित्र भारती फिल्मोत्सव हरियाणा सहित देश के अन्य राज्यों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने का काम करेगा। इस फिल्मोत्सव से इन कलाकारों को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे। हुड्डा बुधवार को पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव की ट्राफी लांच एवं स्मारिका विमोचन के अवसर पर बतौर विशेष अतिथि पहुंचे । उन्होंने कहा कि भारतीय चित्र साधना फिल्मों में भारत का दर्शन दिखाने के लिए आग्रह कर रही है।यह एक बहुत अच्छा प्रयास है। उन्हें पूरा विश्वास है कि भारतीय चित्र साधना से जुड़ा हर व्यक्ति इस कार्य में पूरी क्षमता से जुटेगा।उन्होंने पंचकूला में 23 से 25 फरवरी को होने जा रहे तीन दिवसीय फिल्मोत्सव पर चर्चा के साथ अपनी आने वाली बहुचर्चित फिल्म स्वातंत्र्य वीर सावरकर का भी जिक्र किया।गौरतलब है कि दर्शकों को इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार है।  

बुधवार टैगोर थिएटर में फिल्म एवं म्यूजिक इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार एवं प्रबुद्ध  गणमान्य लोगों की मौजूदगी में पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव की ट्राफी लांच रंगारंग समारोह के बीच हुई।समारोह में ट्राफी के साथ आकर्षण का केंद्र सिनेमा के वीर सावरकर बालीवुड एक्टर रणदीप हुड्डा एवं पंजाब के कलाकार पम्मी बाई जैसे बड़े कलाकार रहे। इनके मंच पर पहुंचे,दर्शक दीर्घा में बैठे युवा वर्ग काफी उत्साह में दिखा और पूरी गर्मजोशी से इनका स्वागत किया।पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव के ट्राफी लांच एवं स्मारिका विमोचन समारोह दीप प्रज्वलन और वंदे मातरम से हुआ। कार्यक्रम की रंगारंग शुरुआत हरियाणा लोक कलाकार गजेंद्र फौगाट की सांस्कृतिकप्रस्तुति से हुई। गजेंद्र फौगाट ने कार्यक्रम के दौरान धूम मचाई और दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी उनकी प्रस्तुति पर काफी उत्साह में बैठे बैठे थिरकते रहे। इस अवसर पर स्मारिका विमोचन और आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कुमार ने अतिथियों का धन्यवाद किया।समारोह में विशेष अतिथि के रुप में हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता,अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर,चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता,पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल,भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो.बृजकिशोर कुठियाला,आयोजन समिति के चेयरमैन योगेंद्र चौधरी,कार्यकारी अध्यक्ष राजेश कुमार एवं अनेक गणमान्य लोग सम्मिलित हुए।

वहीं कार्य के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि सिनेमा में भारतीय दर्शन,सामाजिक सरोकार,चेतना एवं प्रेरणा के साथ धर्म संस्कृति और नैतिक मूल्यों की झलक होनी चाहिए।भारतीय चित्र साधना इसी उद्देश्य को लेकर इस तरह के आयोन कर रही है।वे टैगोर थिएटर चंडीगढ़ में आयोजित पांचवें चित्र भारती फिल्म समारोह की ट्राफी लांच एवं स्मारिका विमोचन समारोह में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल को भारतीय सिनेमा 111 वर्ष का होगा। इन वर्षों में भारतीय सिनेमा ने अनेक करवट ली। भारत का जो सिनेमा सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र नाम पहली फिल्म से शुरु हुआ था,वह आज आधुनिकता के नाम पर फूहड़ता परोसने और नैतिक मूल्यों के ह्रास तक पहुंचा है।यह भी स्वीकार है कि बीच बीच में कई प्रेरक और अच्छी फिल्में बनती रही हैं और उन्हें खूब पसंद भी किया गया,मगर संख्या कम है।पिछले दशकों में भारतीय सिनेमा के माध्यम से भारतीय दर्शन पर प्रहार के लिए एक नैरेटिव भी खड़ा किया गया।इसी सोच के साथ भारतीय परंपराओं से पाश्चात्य संस्कृति और बाजारवाद को बढ़ावा दिया गया।एक खास वर्ग को आकर्षित करने के लिए निम्न स्तर के कंटेंट वाली फिल्में और गीत संगीत परोसा गया। इसका सीधा दुष्प्रभाव पूरे समाज विशेषकर युवा शक्ति पर पड़ा है। उन्होंने भारतीय चित्र साधना का लक्ष्य है कि भारत में एक उच्च स्तरीय सिनेमा का दर्शन हो,जिसमें महिला सशक्तिकरण,रोजगार सृजन,समरसता,पर्यावरण के प्रति जागरूकता,भविष्य का भारत,जनजातीय समाज,ग्राम विकास,नवाचार,नैतिक शिक्षा की झलक हो।अगर भारत में मनोरंजन के लिए ही सिनेमा होता तो फिल्म उद्योग के पितामह कहे जाने वाले दादा साहब फालके इसकी नींव राजा हरिश्चंद्र जैसी फिल्म फिल्म से ना रखते।उन्होंने भारतीय चित्र साधना की टीम को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें समाज को साथ लेकर इस विषय को आगे बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखना चाहिए।

भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने 23 से 25 फरवरी 2024 को होने वाले पांचवें फिल्म फेस्टिवल और इससे पूर्व में भारत के अलग अलग राज्यों में हुए फिल्म समारोह की जानकारी दी।शिक्षा नीति विशेषज्ञ  भारतीय चित्र साधना केअध्यक्ष ने कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि चित्र साधना का उद्देश्य है कि भारत के नवोत्थान के लिए युवा वर्ग फ़िल्मों केमाध्यम से भी योगदान कर। फ़िल्में  केवल समाज का दर्पण होती है बल्कि फ़िल्मों के माध्यम से सपनों के बनाने  साकार करने कीप्रेरणा भी दी जा सकती है। प्रोकुठियाला ने बताया कि भारतीय चित्र साधना के तत्वावधान मे सभी प्रांतों में फ़िल्म निर्माण कीकार्यशालाएं की जाती हैं जहां युवाओं को अभिनयकैमराप्रकाशसाउंडपटकथा लेखन आदि के अतिरिक्त फ़िल्मों के वितरण प्रदर्शन प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जाता है। साधना के सभी कार्यों मे मुम्बई के अतिरिक्त अन्य फ़िल्म निर्माण के केंद्रों से भीकलाकार  फ़िल्मकार सक्रिय हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की की कि भारतीय चित्र साधना फ़िल्मोत्सवों के माध्यम से फ़िल्म निर्माताओंकी ऐसी पीढ़ी तैयार होगी जिसे पूरे विश्व में कुशलता  विशेषज्ञता होने का सम्मान मिलेगा। प्रो• कुठियाला ने कहा कि जिस प्रकारआज भारतीयों ने आई टीयोगआयुर्वेद  वैज्ञानिक अनुसंधान आदि क्षेत्रों मे नेतृत्व का स्थान बना लिया है उसी प्रकार शीघ्र हीविश्व के प्रमुख फ़िल्म निर्माण केंद्रों में भारतीयों का वर्चस्व होगा। प्रो• कुठियाला ने घोषणा की कि वह दिन दूर नहीं है जब भारतभूमि पर कैन से अधिक सम्मानित फ़िल्मोत्सव होगा और आस्कर के मुक़ाबले के ही सम्मान भारत के महापुरुषों के नाम से विश्व मेंविख्यात होंगे। उन्होंने कहा कि यह भी प्रयास किए जा रहे हैं कि अधिक से अधिक विश्वविद्यालयों  कालेजों ने वीडियो  फ़िल्मनिर्माण के पाठ्यक्रम चलाए जाएं और विद्यार्थियों के पास अपनी पढ़ाई के साथ फ़िल्म निर्माण का शिल्प  कला सीखने का भीअवसर हो। उन्होंने ट्राफ़ी अनावरण के पर सभी को पांचवें चित्र भारती फिल्मोत्सव में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
    -
    00:00
    00:00