Friday, November 22, 2024
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लाल किले में पराक्रम दिवस समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ

by Newz Dex
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एनडी हिंदुस्तान संवाददाता

दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में आयोजित पराक्रम दिवस कार्यक्रम में संबोधित करते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस जन्मजयंती पर बधाई देते हुए नेताजी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आजाद हिंद फौज के क्रांतिवीरों के सामर्थ्य का साक्षी रहा ये लाल किला, आज फिर नई ऊर्जा से जगमगा रहा है। अमृतकाल के शुरुआती वर्ष…पूरे देश में संकल्प से सिद्धि का उत्साह…ये पल वाकई अभूतपूर्व है। कल ही पूरा विश्व, भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक ऐतिहासिक पड़ाव का साक्षी बना है। भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की ऊर्जा को, उन भावनाओं को, पूरे विश्व ने, पूरी मानवता ने अनुभव किया है। और आज हम नेता श्री सुभाषचंद्र बोस की जन्म-जयंति का उत्सव मना रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा है कि जब से 23 जनवरी को पराक्रम दिवस घोषित किया गया, गणतंत्र दिवस का महापर्व 23 जनवरी से बापू की पुण्य तिथि, 30 जनवरी तक चलता है। गणतंत्र के इस महापर्व में अब 22 जनवरी का आस्था का भी महापर्व जुड़ गया है। जनवरी महीने के ये अंतिम कुछ दिन हमारी आस्था, हमारी सांस्कृतिक चेतना, हमारे गणतंत्र और हमारी राष्ट्रभक्ति के लिए बहुत प्रेरक बन रहे हैं। मैं आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं…बधाई देता हूं।

आज यहां नेताजी के जीवन को दर्शाने वाली प्रदर्शनी लगी है। कलाकारों ने एक ही कैनवस पर नेताजी के जीवन को चित्रित भी किया है। मैं इस प्रयास से जुड़े सभी कलाकारों की सराहना करता हूं। कुछ देर पहले मेरी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पुरस्कृत युवा साथियों से भी बातचीत हुई है। इतनी कम उम्र में उनका हौसला, उनका हुनर अचंभित करने वाला है। भारत की युवाशक्ति से जितनी बार मिलने का अवसर मुझे मिलता है, विकसित भारत का मेरा विश्वास उतना ही मजबूत होता है। देश की ऐसी समर्थ अमृत पीढ़ी के लिए नेताजी सुभाषचंद्र बोस बड़ा रोल मॉडल हैं। 

आज पराक्रम दिवस पर लाल किले से भारत पर्व का भी आरंभ हो रहा है। अगले 9 दिनों में भारत पर्व में गणतंत्र दिवस की झांकियां, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा देश की विविधता का प्रदर्शन किया जाएगा। भारत पर्व में सुभाष चंद्र बोस के आदर्शों का प्रतिबिंब है। ये पर्व है वोकल फॉर लोकल को अपनाने का। ये पर्व है पर्यटन को बढ़ावा देने का। ये पर्व है विविधता के सम्मान का। ये पर्व है एक भारत श्रेष्ठ भारत को नई ऊंचाई देने का। मैं सभी से आह्वान करूंगा कि हम सब इस पर्व से जुड़कर देश की डायवर्सिटीज को सेलिब्रेट करें। केंद्रीय मंत्री जीकृष्ण रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल, मीनाक्षी लेखी, अजय भट्ट, ब्रिगेडियर आर एस चिकारा, लेफ्टिनेंट आर माधवन,सहित देश के सैंकड़ों स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के सदस्य एवं कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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