ज्योतिसर से शुरू किया सरस्वती की गाद निकालने का कार्य, बरसात के सीजन से पहले सरस्वती की गहराई को बढ़ाने का किया जाएगा काम
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने कहा कि ज्योतिसर से पिहोवा तीर्थ तक सरस्वती कॉरिडोर का कार्य शुरु कर दिया गया है। इसके तहत सबसे पहले सरस्वती चैनल से ज्योतिसर से गाद निकालने का कार्य शुरु कर दिया गया है। इसके साथ-साथ बीच में आते है मूर्तजापुर घाट, भोर सैयदां तीर्थ, अरुणाये संगमेश्वर मंदिर, अरुणा वरुणा संगम घाट आदि, इन सभी को जोड़ा जाएगा। बोर्ड उपाध्यक्ष धुमन सिंह बुधवार को ज्योतिसर सरस्वती चैनल से गाद निकालने के कार्य का शुभारंभ करने के उपरांत बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरस्वती चैनल के बीच से गाद निकालने का शुभारंभ ज्योतिसर से किया गया जोकि से पहले ही मुर्तजापुर पुल तक करीब 14 किलोमीटर के क्षेत्र में संपन्न होगा। इस कार्य को 3-4 महीने का समय के लिए यह कार्य शुरू किया गया ताकि जिस तरह से पिछली बार फ्लड सीजन में मारकंडा मारकंडा, टांगरी, चौटंग अन्य नदियों का पानी सरस्वती में आ गया। जिससे सरस्वती ओवरफ्लो होने के बावजूद भी सारा पानी लेकर सिरसा ओ टू हेड तक पहुंची। सरस्वती की गहराई बढ़ाने के निमत यह गाद निकालने का कार्य आज शुभारंभ किया गया। इस प्रथम चरण के कार्यालय करीब 4 महीने लगेंगे और गाद जो वर्षों से जमी पड़ी है, वो निकालकर दोनों तरफ की पटरियों पर डाली जाएगी ताकि फ्लड से पहले पानी का रास्ता बन सके और दोनों तरफ आने जाने का रास्ता भी बन सके वह लोगों को सहूलियत प्रदान हो सके।
उन्होंने कहा कि इस सरस्वती बीबीपुर झील के अंदर वर्षों से पानी का रिचार्जिंग एक बड़ा क्षेत्र रहा है। अब इस गाद निकालने से इस क्षेत्र में बड़ी रिचार्जिंग भी होगी और यहां के किसान को बड़ा फायदा होगा। आगामी दूसरे या तीसरे चरण में ज्योतिसर से लेकर पिहोवा तक का एक कॉरिडोर डेवलप करने की प्लानिंग के तहत शुरू किया गया ताकि जो श्रद्धालु ज्योतिसर गीता उपदेश थाली में दर्शन के लिए आए, वह सरस्वती के साथ-साथ पिहोवा में तीर्थ पर पहुंच सके, ऐसी योजना लेकर सरस्वती बोर्ड ने यह कार्य शुरू किया है मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी इस कार्य में जल्द ही करना सम्पन्न करने के निर्देश दिए है। इस मौके पर सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के अधीक्षक अभियंता अरविंद कौशिक, एक्सईन मनीष बब्बर, सरपंच ओमप्रकाश आदि मौजूद थे।