न्यूज डेक्स संवाददाता
करनाल। करनाल इंटरनेशनल स्कूल अपने विद्यार्थियों को भविष्य के लिए फिट और भविष्य के लिए तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह जरूरी है कि छात्रों को महानुभावों के साथ बैठक आयोजित करके उनके लिए उपलब्ध विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में मार्गदर्शन दिया जाए। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए करनाल इंटरनेशनल स्कूल के प्रांगण में स्कूल अध्यक्ष कर्नल अरुण दत्ता ने दसवीं कक्षा के छात्रों को बोर्ड की तैयारी और विभिन्न करियर विकल्पों(career counseling session) के बारे में मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्या गरिमा शर्मा जी ने भी अपनी सहभागिता देकर बच्चों को प्रेरित किया। कर्नल अरुण दत्ता ने छात्रों को एनडीए ,आईआईटी, नीट आदि प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि बोर्ड में सफलता किस तरह प्राप्त की जा सकती है और उसके पश्चात विभिन्न करियर विकल्पों में आप अपना भविष्य कैसे बना सकते हैं,इस विषय पर भी चर्चा की। उन्होंने बच्चों को सफलता के तीन मंत्र भी दिए :
1 *आत्मसम्मान* (self respect)
2 *आत्मानुशासन* (self discipline)
3 *खुद को तैयार करना(* self grooming)
इसी के साथ उन्होंने बच्चों को मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए कहा और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। अपने आप को *समर्थ* *(empower)* बनाना है यदि आप में सामर्थ्य होगा तभी आप दूसरों को समर्थ बना सकेंगे। अपने आप से प्रतिदिन बात करनी है कि मैं भविष्य के लिए तैयार हूं, मैं स्वयं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हूं, मैं यह कार्य कर सकता हूं और मैं यह कार्य करूंगा, इस दृढ़ विचार को अपने मन में लाना है। सदैव अपनी सोच को ऊंचा रखना है, बड़े सपने देखने हैं और उन सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी करनी है। सफलता के इस पथ पर करनाल इंटरनेशनल स्कूल हमेशा आपको सुअवसर और मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा। बोर्ड परीक्षा में सफलता के लिए भी सर ने कुछ बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
1* .सफलता के लिए भरसक प्रयत्न करने हैं।
2* .समय सारणी बनानी है।
3* .अपने समय को व्यवस्थित करके परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करना है। सर ने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए एक अच्छे विद्यार्थी के पांच लक्षण भी बताएं:
*काक चेष्टा:* कौवे की तरह जानने की इच्छा।
*बको ध्यान* :अपने लक्ष्य पर बगुले की भांति ध्यान करना।
*स्वान निंद्रा:* कुत्ते की तरह सोना अर्थात हर समय सजग रहना।
*अल्पाहारी* :आवश्यकता अनुसार खाने वाला।
*गृह त्यागी* :माता-पिता का मोह कम रखने वाला और अपने लक्ष्य के लिए घर का त्याग करने वाला। सत्र के अंत में आयोजित इस (career counseling session) विभिन्न करियर विकल्प के बारे में मार्गदर्शन करते हुए कर्नल अरुण दत्ता ने बच्चों को सफलता के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र बताएं।
1. *academically sound* *(शैक्षणिक रूप से सुदृढ़)* : सबसे पहले बच्चों को शैक्षणिक रूप से शक्तिशाली बनना होगा। उनको अपने भविष्य के लिए एक अच्छे विकल्प का चयन करना पड़ेगा और उस दिशा में परिश्रम करना होगा।
2. *morally honest/* *upright(नैतिक रूप से* *ईमानदार):* कर्नल द्त्ता ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें नैतिक तौर पर ईमानदार बनना होगा। रिश्वत और गलत कार्यों का सहारा नहीं लेना है और सफलता के पथ पर ईमानदारी से आगे बढ़ना होगा।
3. *Physically fit and* *mentally robust (शारीरिक* *और मानसिक रूप* से *मजबूत):* कर्नल दत्ता ने ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना। प्रतिदिन अपने लिए 15 मिनट का समय निकालना है और कोई भी व्यायाम करना है जिससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और मजबूत रहेंगे। अंत में कर्नल अरुण दत्ता ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि जिन्होंने पूर्ण समर्पण के साथ अपना कार्य किया उन्होंने ही जीवन में सफलता प्राप्त की है। अंत में प्रधानाचार्य गरिमा शर्मा ने में सर द्वारा दिए गए मूल्यवान मार्गदर्शन की सराहना की और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया।