न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 16 दिसंबर। श्री अकाल उस्तत सेवा ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के चेयरमैन एवं अंतर्राष्ट्रीय गुरबाणी कथावाचक ज्ञानी तेजपाल सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को नाम सिमरन करना चाहिए। धर्म चाहे कोई भी हो, वह व्यक्ति को अकाल पुरुख से जोड़ता है। नाम सिमरन से न सिर्फ मानव के दुख दूर होते हैं, बल्कि उसे आत्मिक सुख भी मिलता है। वे गुरुद्वारा बैकुंठधाम सेक्टर-8 में संक्रांति के शुभ अवसर पर आयोजित धार्मिक समागम में बोल रहे थे। इस दौरान धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों की चढदी कला के लिए गुरु चरणों में अरदास भी की गई।
ज्ञानी तेजपाल सिंह ने कहा कि प्रभु भक्ति करने वाले जीव को दोनों जहान की खुशियां मिलती हैं। उन्होंने कहा कि जो जीव परमात्मा के प्रति समर्पित होता है, उसकी शोभा सभी स्थानों पर बढ़ती है। उन्होंने चेताया कि जो जीव परमात्मा का सिमरन नहीं करते, वे खुशियों से वंचित रह जाते हैं। इसलिए हमें ज्यादा से ज्यादा समय परमात्मा के नाम सिमरन पर लगाना चाहिए। कार्यक्रम में गुरुद्वारा नीलधारी संप्रदाय पिपली साहिब के हजूरी रागी भाई अर्जुन सिंह परवाना के जत्थे ने रसमयी गुरबाणी कीर्तन कर संगत को निहाल किया।
कार्यक्रम में हरियाणा सिख परिवार के प्रदेशाध्यक्ष कवलजीत सिंह अजराना, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा महिला विंग की प्रदेशाध्यक्षा बीबी रविंदर कौर, लोकल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी शाहाबाद के पूर्व मैंबर जत्थेदार जरनैल सिंह अजराना ने हजूरी रागी को सिरोपा भेंट कर उनका अभिनंदन किया। गुरुद्वारा साहिब के हैड ग्रंथी भाई गुलजार सिंह ने सरबत के भले की गुरु चरणों में अरदास की। समागम में श्री बैकुंठ धाम सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन लखविंदर सिंह संधू, कोषाध्यक्ष सुरिन्दर सिंह सिद्दू, उप प्रधान हरपिंदर सिंह विर्क, प्रताप सिंह चीमा, गुरबचन सिंह विर्क, हरविंदर सिंह चीमा, मोहिंदर सिंह सरां, सोहन सिंह नागी, विक्रम सिंह विर्क, हरचरण सिंह चन्नी, सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट कुरुक्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष प्रधान सिंह कांग, रतन सिंह, सुखचैन सिंह, पूर्ण सिंह, कुलबीर सिंह ढिल्लो, तजिंदर सिंह मक्कड़, सूबा सिंह वड़ैच शाहाबाद सहित संगत मौजूद रही। आई हुई संगत के लिए गुरु के लंगर की विशेष व्यवस्था की गई।