19.71 लाख मतदाताओं के साथ अंबाला ( आरक्षित) लोकसभा हलका प्रदेश में चौथे स्थान पर
अप्रैल – मई 2024 में निर्धारित 18 वीं लोकसभा आम चुनावों के मतदान से पूर्व मतदाता संख्या में और हो सकती है बढोत्तरी – एडवोकेट हेमंत
न्यूज डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ ) द्वारा प्रदेश के सभी 22 ज़िलों में कुल पंजीकृत मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया जिसका फाइनल प्रकाशन गत माह 22 जनवरी 2024 को किया गया है. ताजा मतदाता सूचियों के अनुसार हरियाणा में अब कुल 1 करोड़ 97 लाख 25 हजार 257 रजिस्टर्ड मतदाता है जबकि गत वर्ष यह संख्या 1 करोड़ 96 लाख 58 हजार 234 थी।
बहरहाल, इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने भारतीय चुनाव आयोग से आधिकारिक आंकड़े प्राप्त कर उनका अध्ययन और विश्लेषण कर बताया कि जहाँ तक प्रदेश के 10 लोकसभा हलकों का विषय है, तो इस आधार पर गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र मतदाताओं की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा हलका है जहाँ कुल मतदाता 24 लाख 94 हज़ार 44 अर्थात करीब 25 लाख हैं।
हेमंत ने बताया कि हालांकि गुरुग्राम जिले का नाम वर्ष 2016 में बदलकर गुरुग्राम कर दिया गया था, परन्तु लोकसभा और विधानसभा हलके के सन्दर्भ में आज भी इसे गुड़गांव ही कहा जाता है एवं अगली परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही इसका नाम बदलकर गुरुग्राम किया जा सकता है. बहरहाल, गुरुग्राम लोकसभा हलके में वर्तमान गुरुग्राम जिले के चारों विधानसभा हलके – गुरुग्राम, सोहना, बादशाहपुर और पटौदी, रेवाड़ी जिले के अंतर्गत बावल और रेवाड़ी विधानसभा हलका और मेवात जिले की तीनों विधानसभा सीटें – नूहं, फिरोजपुर झिरका और पुनहाना मतदाता शामिल हैं।
गुड़गांव के बाद मतदाताओ की दृष्टि से प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा लोकसभा हलका फरीदाबाद है जहां 23 लाख 54 हज़ार 666 मतदाता है। फरीदाबाद लोकसभा सीट पर फरीदाबाद जिले के 6 विधानसभा हलके — पृथला, फरीदाबाद एन.आई.टी., बड़खल, बल्लभगढ़,फरीदाबाद और तिगांव ए्वं पलवल जिले के तीन विधानसभा हलके – हथीन, होडल और पलवल पड़ते हैं।
फरीदाबाद के बाद तीसरा सबसे बड़ा लोकसभा हलका करनाल है जहां 20 लाख 73 हज़ार 329 मतदाता है. करनाल लोकसभा सीट में करनाल जिले के पांच विधानसभा हलके- करनाल, नीलोखेड़ी, इंद्री, घरौंडा और असंध जबकि पानीपत जिले के चार विधानसभा हलके – पानीपत शहरी, पानीपत ग्रामीण, इसराना और समालखा शामिल है।
करनाल के बाद मतदाताओं के आधार पर अम्बाला लोकसभा हलका चौथा सबसे बड़ा है जहां 19 लाख 71 हज़ार 584 मतदाता है. अम्बाला लोकसभा हलके में अम्बाला जिले के चार विधानसभा हलको – अम्बाला शहर, अम्बाला कैंट, नारायणगढ़ और मुलाना एवं पंचकूला जिले के दो- कालका और पंचकूला तथा यमुनानगर जिले के जगाधरी, यमुनानगर,साढौरा हलके शामिल है।
अम्बाला के बाद सबसे बड़ा सिरसा लोकसभा हलका है जहां 19 लाख 20 हज़ार 742 मतदाता है. इस हलके में सिरसा जिले के पाचों विधानसभा हलके – कालांवाली, डबवाली, रानियां, सिरसा और ऐलनाबाद, फतेहाबाद जिले के तीन — रतिया, टोहाना और फतेहाबाद और जींद जिले का नरवाना विधानसभा हलका शामिल है।
सिरसा के बाद रोहतक लोकसभा हलका पड़ता है जहाँ 18 लाख 63 हज़ार 973 मतदाता हैं. इस हलके में रोहतक जिले के चारों विधानसभा हलके – महम, गढ़ी सांपला किलोई, रोहतक और कलानौर हलके, झज्जर जिले के चार – बहादुरगढ़, बादली,झज्जर और बेरी हलके एवं रेवाड़ी जिले का कोसली विधानसभा हलका शामिल है।
उसके बाद प्रदेश में कुरुक्षेत्र लोकसभा हलका है जहां 17 लाख 75 हज़ार 529 मतदाता हैं. इस हलके में कुरुक्षेत्र जिले के चारों विधानसभा हलके – लाडवा, शाहबाद, थानेसर और पेहोवा एवं कैथल जिले के चारों हलके – गुहला, कलायत, कैथल और पूंडरी एवं यमुनानगर जिले का रादौर हलका शामिल है।
उसके बाद भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा हलका है जहाँ 17 लाख 70 हजार 362 मतदाता है. इस हलके में भिवानी जिले के तीन — लोहारु, भिवानी और तोशाम, चरखी दादरी के दो – बाढ़डा और दादरी एवं महेंद्रगढ़ जिले के चार – अटेली, महेंद्रगढ़, नारनौल और नांगल चौधरी विधानसभा हलके शामिल है।
उसके बाद हिसार लोकसभा हलका है जहाँ 17 लाख 63 हज़ार 715 मतदाता है. इस हलके में हिसार जिले के सात लोकसभा हलकों — आदमपुर, उकलाना, नारनौंद, हांसी, बरवाला, हिसार और नलवा एवं जींद जिले का उचाना कलां और भिवानी जिले का बवानी खेड़ा विधानसभा हलका शामिल है।
सबसे कम मतदाता सोनीपत लोकसभा हलके में 17 लाख 37 हज़ार 313 है. इस हलके में सोनीपत जिले के चारों विधानसभा हलके –गनौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरोदा जबकि जींद जिले के तीन- जुलाना, सफीदों और जींद विधानसभा हलका शामिल है।
हेमंत ने यह भी बताया कि हालांकि दिसम्बर, 2021 में देश की संसद द्वारा निर्वाचन विधि (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे 29 दिसंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी।हालांकि उक्त कानून को 1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया. इसके द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं, बल्कि 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है जिससे आगामी तीन माह अर्थात अप्रैल-मई 2024 में निर्धारित 18 वीं लोकसभा आम चुनावों के मतदान से पूर्व मतदाता संख्या में और बढोत्तरी हो सकती है।