न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरूक्षेत्र। अर्थशास्त्र विभाग ने कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र पूर्व छात्र संघ के सहयोग से द्वितीय पी.सी. जैन स्मृति व्याख्यान सीनेट हॉल में आयोजित किया गया। अध्यक्षीय भाषण देते हुए पूर्व कुलपति प्रो मदन मोहन गोयल ने कहा कि मौद्रिक नीति (शून्य ब्याज दर पर पर्याप्त ऋण), राजकोषीय नीति (न्यूनतम सब्सिडी), विनिर्माण नीति (नवीनतम तकनीक के साथ आधुनिकीकरण) एवं विदेश व्यापार नीति (प्रौद्योगिकी का कोई सेकेंड-हैंड आयात नहीं)के बीच समन्वय की तत्काल विकसित भारत के लिए आवश्यकता है। अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. अशोक चौहान ने स्वागत भाषण दिया और इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का परिचय दिया। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की प्रो पम्मी दुआ “भारतीय मौद्रिक नीति: एक वैश्विक परिप्रेक्ष्य” विषय पर मुख्य वक्ता थीं। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगदीश मित्तल थे।
इस अवसर की शोभा बढ़ाने के लिए प्रो. पी.सी.जैन के पुत्र अक्षय जैन अपनी पत्नी के साथ यूएसए से आए। प्रोफेसर पामी दुआ ने कहा कि भारत की मौद्रिक नीति ढांचे के विकास को पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में चिह्नित किया गया है, जो बदलती आर्थिक वास्तविकताओं को अनुकूलित करने के निरंतर प्रयास को दर्शाता है। प्रोफेसर पामी दुआ की अंतर्दृष्टि ने मौद्रिक नीति निर्माण और कार्यान्वयन की जटिलताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें व्यापक आर्थिक स्थिरता और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में केंद्रीय बैंकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया है। प्रो. प्रेम चंद जैन जी के प्रति कृतज्ञता के भाव के साथ श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु प्रो. एम.एम.गोयल ने कहा कि हमें महान नहीं तो अच्छा बनने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। प्रोफेसर गोयल ने कहा कि नीडो-बैंकिंग, नीडो-फाइनेंस, नीडो-एक्सपोर्ट, नीडो-उद्यमिता सहित गीता-आधारित नीडोनोमिक्स 2047 की ओर विकसित भारत बनने के लिए आवश्यक और पर्याप्त शर्त है।
कार्यक्रम की मेजबानी डॉ. अर्चना चौधरी ने की और डॉ. निधि बागरिया ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त करते हुए, कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा का उनके समर्थन एवं सहयोग के लिए हार्दिक धन्यवाद किया। प्रोफेसर संजीव बंसल ने कहा कि अर्थशास्त्र विभाग इस आयोजन की सफलता में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करता है, बौद्धिक प्रवचन को बढ़ावा देने और प्रोफेसर पीसी जैन जैसे सम्मानित विद्वानों की विरासत का सम्मान करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में प्रोफेसर दारा सिंह, डॉ. प्रिया शर्मा, डॉ. निधि बागरिया, डॉ. किरण लांबा, डॉ. हेमलता शर्मा, प्रोफेसर आर के सूदन , प्रोफेसर आर के राणा, डॉ बलजीत कौर, डॉ. ईशु गर्ग और डॉ. मनोज कुमार, सभी शोधार्थी शामिल थे जिनकी उपस्थिति ने इस कार्यक्रम में और अधिक शैक्षणिक प्रतिष्ठा जोड़ दी। इसके अतिरिक्त, सैकड़ों उत्साही छात्र उपस्थित थे, जो व्याख्यान के दौरान साझा की गई गहन अंतर्दृष्टि से जुड़ने के लिए उत्सुक थे।