आयुर्वेदिक ओपीडी में 120, होम्योपैथिक में 56 और यूनानी में 20 मरीजों ने जांच करवाकर ली दवा
मंदिर कमेटी ने पुष्प वर्षा करके व चंदन का तिलक लगाया चिकित्सकों को
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर तट स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर में मौनी अमावस्या के उपलक्ष्य में विशाल स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, जिसमें 196 मरीजों ने जांच करवाई। शिविर में इंस्टीट्यूट फोर आयुर्वेद स्टडीज एंड रिसर्च महाविद्यालय एवं अस्पताल के 12 विशेषज्ञों की टीम ने मरीजों की जांच की। मौके ही शुगर व बीपी की भी जांच की गई। शिविर की अध्यक्षता डीएमएस डा. सुरेंद्र सहरावत ने चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र चौधरी के मार्गदर्शन में की। शिविर में आने वाले चिकित्सक व स्टाफ को मंदिर की कमेटी की ओर से चंदन तिलक लगाकर और पुष्पों की वर्षा करके स्वागत किया गया।
शिविर में बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुधीर मलिक, यूनानी चिकित्सा सेंटर के सीनियर कंसलटेंट हकीम असरार अहमद, होम्योपैथी जूनियर कंसलटेंट डा. रिया शर्मा, पीजी स्कालर डा. सुधी, पंचकर्म से डा. नरेंद्र, शालाक्य तंत्रद्ध से डा. लखविंद्र ने मरीजों की जांच की, जबकि स्टाफ नर्स हरप्रीत कौर ने मरीजों की बीपी की जांच की। वहीं फार्मासिस्ट संदीप बूरा और प्रवीण कुमार ने मरीजों को दवा वितरित की। लैब तकनीशियन अमरजीत ने 100 से ज्यादा मरीजों की शुगर जांच की। इसके अलावा कई मरीजों को उनका एचबी भी जांच करके बताया। टीम के साथ आए दीपक और अजय कुमार ने व्यवस्था बनाने में चिकित्सकों की मदद की।
शिविर में श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत इंस्टीट्यूट फोर आयुर्वेद स्टडीज एंड रिसर्च अस्पताल के आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने 120 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। वहीं जूनियर होम्योपैथिक कंसलटेंट डा. रिया शर्मा ने होम्योपैथी में 56 मरीजों को इलाज दिया। यूनानी चिकित्सा सेंटर के सीनियर कंसलटेंट हकीम असरार अहमद ने 20 मरीजों की नब्ज जांच करके निशुल्क दवा दीं। प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर के प्रधान पंडित तुषार कौशिक ने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय से संबंधित इंस्टीट्यूट फोर आयुर्वेद स्टडीज एंड रिसर्च महाविद्यालय एवं अस्पताल के प्राचार्य डा. देवेंद्र खुराना, चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेंद्र चौधरी और डीएमएस डा. सुरेंद्र सहरावत व उनकी टीम का आभार जताया। पंडित तुषार कौशिक ने कहा कि मोनी अमावस्या का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। भगवान विष्णु जगत के पालनकर्ता हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जो व्यक्ति जरूरतमंद की सेवा करता है भगवान विष्णु उससे प्रसन्न होते हैं। बीमार व्यक्ति का सेवा करना भी विशेष माना गया है। इसी उद्देश्य से मंदिर की ओर से शिविर लगाया गया है। मंदिर कमेटी के पदाधिकारी नीलकंठ शर्मा ने कहा कि अमावस्या पर हर कोई व्यक्ति अपने तरीके से लोगों की सेवा करने का प्रयास करता है। मंदिर की ओर से अमावस्या के उपलक्ष्य में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कभी भंडारा लगाकर प्रसाद वितरण करने की सेवा की जाती है तो कभी स्वास्थ्य जांच करके जरूरतमंदों का उपचार किया जाता है।