देशी व विदेशी कलाकार गायन, वादन व नृत्य से दे रहे हैं अपनी संस्कृति का परिचय
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
चण्डीगढ़ । सूरजकुंड मेले में देश व विदेश से आए सभी वर्गों के लोग एक सूत्र में बंधे अनेकता में एकता की झलक दिखा रहे हैं। देश के अलग-अलग प्रांत और विश्व के करीब 40 से अधिक देशों से आए शिल्पकार व कलाकार 37वें सूरजकुंड मेले की शान को बनाए रखने में मददगार साबित हो रहे हैं। मेले में एक ओर जहां शिल्पकार अपने हुनर को पर्यटकों के समक्ष रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अलग-अलग कलाकार भी अपने देश की समृद्ध विरासत, संस्कृति, गायन-वादन-नृत्य कला और वेशभूषा से लोगों का मन मोह रहे हैं। मेले की मुख्य व छोटी चौपाल पर अलग-अलग जगहों से आए कलाकारों ने अपनी-अपनी मन मोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
अफ्रीकी देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोंगो से आए ला-सांजा गु्रप के कलाकारों ने अपने पारंपरिक डांस फॉर्म माकूतानू की शानदार प्रस्तुति दी। थीम स्टेट गुजरात के सिद्धी समुदाय के कलाकारों ने सिद्धी धमाल नामक डांस की जोरदार पेशकश कर दर्शकों का मनोरंजन किया।
असम से आए कलाकारों ने बीहू नृत्य से दर्शकों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा चौपाल पर इथोपिया, जाम्बिया, नाइजिरिया, किर्गिस्तान, केपवर्दे, बेलारूस, सेनेगल, बोटस्वाना आदि देशों के कलाकारों ने अपने-अपने देश के लोकगीतों व पारंपरिक गायन की कला से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।