22 विद्यार्थियों ने प्राप्त की 99 परसेंटाइल से अधिक,50 विद्यार्थियों ने प्राप्त की 98 परसेंटाइल से अधिक
न्यूज डेक्स संवाददाता
करनाल। देश इंजीनिरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा जेईई मेंस का परिणाम घोषित होने के साथ ही करनाल में खुशी की लहर दोड़ गई। करनाल ही नहीं देश और प्रदेश में प्रतिष्ठत और भरोसेमंद कोचिंग शिक्षण संस्थान जेनिसिस क्लासिस के 200 से अधिक बच्चों ने जेईई-मेंस क्वालिफाई किया। वही पर 22 बच्चों ने 99 पेरसेंटाइल से अधिक तथा, 50 विद्यार्थयों ने 98 पर्सेंटाइल से अधिक अंक प्राप्त किए। जेनिसिस के अमित सिंह ने 100 परसेंटाईल मैथ्स में, टोटल 99.9 परसेंटाइल अंक प्राप्त कर करनाल का नाम रोशन किया। वहीं पर 98 से अधिक अंक पाने वालों की संख्या भी काफी अधिक रही। इस खुशी को सैक्टर -6 मार्किट में जेनिसिस परिसर में नाच-गाकर मनाया गया। इस खुशी को जेनिसिस क्लासिस के डायरेक्टर जितेंद्र सिंह अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने विद्यार्थियों की मेहनत और जेनिसिस स्टॉफ की लग्न और सतत मार्गदर्शन को समर्पित किया।
वहीं अभिभावकों ने कहा कि जेनिसिस का जवाब नहीं। वहीं बच्चों ने कहा कि इस सफलता के असली हकदार जेनिसिस क्लासिस के टीचर्स और स्टॉफ है। जिन्होंने कभी मायूस नहीं होने दिया। पिछले 15 साल पहले जेनिसिस ही नहीं करनाल और हरियाणा में गिनती के बच्चें मेडिकल कॉलेज और इंजीनियिर कॉलेजों में प्रवेश ले पाते थे। 15 साल पहले जो सपना जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत और नवनीत कल्हण ने करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों को दिखाया था। आज जेनिसिस क्लासिस के बच्चों को एम्स, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी, प्रतिष्ठित और सरकारी इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश का प्रतिशत 70 प्रतिशत से अधिक पहुंच गया। जो देश ही नहीं उत्तर भारत में एक रिकॉर्ड है।
जानकारी देते हुए जेनिसिस क्लासिस के संस्थापक जितेंद्र अहलावत तथा नवनीत कल्हण ने बताया कि उन्होंने हौसले और मेहनत के साथ बच्चों के लेकर 14 साल पहले सफर शुरू किया था। जो बच्चों की मेहनत, शिक्षकों का मार्गदर्शन और करनाल ही नहीं उत्तर भारत के लोगों का भरोसा कारण बना। एक सफल और क्वालिटी वाईज विद्यार्थियों के कारवां। जेनिसिस क्लासिस के बच्चें आज दुनिया में देश ही नहीं विदेश में भी कार्यरत है। आज यहां के बच्चें मल्टीनेशनल कम्पनियों में करोड़ों का पैकेज ले रहे है। वहीं यहां के विद्यार्थी जो मेडिकल कॉलेजों में सलेक्ट हुए वह भी आज देश-विदेश में सफलता का इतिहास रच रहें हैं।
इन बच्चों ने अर्जित किए 99 से अधिक अंक, नाम परसेंटाईल
अमित सिंह 99.91
देवांश कुमार 99.87
मयंक गर्ग 99.81
उमंग खत्री 99.76
देव गिरधर 99.67
अनन्या 99.62
आयुष राज 99.55
कर्ण गुप्ता 99.52
गौरव राज 99.49
लवीश राज 99.45
रिक्की हैरी 99.39
पलक 99.24
आर्यन राज 99.22
मानव 99.18
जेनीश लठवाल 99.13
अदित्या कुमार 99.12
)षब कुमार 99.05
ऐमी भाटिया 99.03
लक्षय भाटिया 99.02
उत्कृष कुमार 99.02
सफलता के पीछे जेनिसिस-अमित
अमित ने बताया कि उसका लक्ष्य आई ए एस करना है। उसके 99.9 पर्सेंटाइल है।उसके पिता एन डी आर आई मे वैज्ञानिक है। उसने बताया कि अभी उसने तय किया कि कंप्यूटर सी एस में जाना है। उसने बताया कि उसके-पिता सरकारी सेवा में है। इसलिए वह भी सेवा को लक्ष्य बनाना चाहता है। वह आई ए एस बनना चाहता हैउसने बताया कि सफलता के पीछे जेनिसिस को अधिक श्रेय देना चाहता है। उसकी सफलता का राज नियमित पढ़ाई है। उसको जेनेसिस कोटा या अन्य से बेहतर लगा।
कभी निराश नहीं होने दिया जेनिसिस ने-उमंग खत्री
उमंग खत्री ने बताया कि उसने 99.6 पर्सेंटाइल से अधिकअंक प्राप्त किए हैं । उसने और उसकी बहन ने मेडिकल की पडाई पूरी की है। उसके पिता उसे भी इंजीनियर बनना चाहते थे। उसके माता-पिता दोनों शिक्षक है। उन्होंने बताया कि वह अपनी सफलता का श्रेय जेनिसिस क्लासिस को देते है। उसने ने बताया जब भी वह निराश हुई तो उसे आशा की किरण जेनिसिस ने दिखाई। वह सफलता के जश्न में अपने मां-बाप को भी शामिल करना चाहते थे। उसकी पसंद आई आई टी दिल्ली है। जेनिसिस क्लासिस ही नहीं करनाल में तीसरे स्थान पर रहने वाली तथा करनाल के शिक्षक माता पिता की पुत्री अनन्या ने बताया कि उसने सफलता का स्वाद कड़ी मेहनत के बाद चक्खा हैं। उसने बताया कि जेनिसिस क्लासिस ने उसे निराश नहीं होने दिया। वह एक सफल इंजीनियर बनना चाहती है। उसने बताया कि उसकी माता भी शिक्षक हैं। उसके पिता ने उसका हौसला बढ़ाया। फलस्वरूप उसने आज यह मुकाम हासिल किया।
जेनिसिस पर भरोसा करना जीवन का टर्निंग प्वांईट,अभिभावकों ने कहा! जेनिसिस का जवाब नहीं
जेनिसिस क्लासिस में बच्चों की सफलता का श्रेय अभिभावकों ने जेनिसिस को दिया। जेनिसिस का लेकर जे ई ई मेंस में टॉपर रहे अमित सिंह के पिता ने बताया कि उन्होंने तो अपने बच्चों को पूरी तरह जेनिसिस को सौंप दिया था। उनके बेटे को भी जेनिसिस का मार्गदर्शन मिला। उनके सामने देश के और भी कोचिंग संस्थानों का नाम था। लेकिन उन्होंने जेनिसिस का बेहतर परीक्षा परिणाम देखते हुए जेनिसिस को चुना। जेनेसिस कोटा और अन्य से बेहतर है। उनकों अपने चयन पर गर्व है। सफल बेटी अनन्या के पिता ने बताया कि उनके अधुरे सपने को उनकी दोनों बेटियों ने पूरा किया है। वह भी सफलता का पूरा श्रेय जेनिसिस क्लासिस को देते है। जेनिसिस के माध्यम से आज उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
तीसरे स्थान पर रहे मयंक के पिता ने बताया कि वह खुद भी व्यबसाई है। उन्होंने जेनिसिस पर भरोसा किया। वह आज से नहीं कई सालों से जेनिसिस क्लासिस के साथ जुड़े हुए है। जेनिसिस क्लासिस ने के संचालक जितेंद्र और नवनीत कल्हण के 14 साल के सफर का बढ़ी नजदीकी से देखा है। जेनिसिस क्लासिस ने शहर के कई बड़े और नामचीन डाक्टरों शिक्षकों के बच्चों को सफलता तक पहुंचाया है। पानीपत से आये अनिरुध के पिता जो व्यवसाई है। उन्होंने ने बताया कि उनकी बेटी की सफलता में जेनिसिस का बहुत बढ़ा हाथ है। उन्होंने बताया कि से यहां तक का सफर उन्होंने जेनिसिस की गुडविल के कारण दिया था। बेटे की सफलता ने उनकी कठिनाईयों को दूर कर दिया। यहां हरियाणा, यूपी, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्यों के बच्चें यहां पढ़ने आते है।