एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़।हरियाणा में आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने के लिए फिलहाल सेवाएं ठप पड़ी है। अनेक जगह से यह रिपोर्ट मिल रही है कि आयुष्मान का पोर्टल बंद है। विपक्ष के नेता ही नहीं,खुद भाजपा के कई नेता पोर्टल के फेल होने से ठप हो रही सेवाओं का दुखड़ा रो चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तो विधानसभा में कई बार हरियाणा सरकार के पोर्टलों को लेकर विधानसभा सत्रों के दौरान भी जमकर खिंचाई कर चुके हैं। उनका तो यहां तक कहना है कि सरकार पोर्टल पोर्टल पोर्टल पोर्टल का राग अलाप कर लोगों को गुमराह कर रही है।इन पोर्टलों की वजह से लोग रोजाना परेशान होते हैं। हुड्डा तो इस सरकार को पोर्टल की सरकार तक कह चुके हैं।जिन पोर्टलों को जनता की सुविधा के लिए तैयार किया गया है,वे वास्तव में संकट की घड़ी में नाकारा साबित हो रहे हैं। संवेदनहीनता की हद यह है कि सरकार को उन जरूरतमंदों की पीड़ा दिखाई नहीं दे रही,जो रोजाना पोर्टल की वजह से परेशान होते हैं। बेशक सरकार की नीयत लोगों की समस्या को हल करने की होगी,मगर समस्या अगर हल नहीं हो रही है तो उन योजनाओं का क्या लाभ ? कुरुक्षेत्र वासी तुषार कौशिक ने बताया कि उनके पिता आयुष्मान कार्ड बना हुआ है। पिछले कई दिनों से उनका स्वास्थ्य खराब था,कुरुक्षेत्र के लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल में उन्हें दाखिल कराया गया था,लेकिन उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ।
लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के डाक्टरों ने उन्हें यह कह कर रेफर कर दिया कि उन्हें आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखना पड़ेगा और सरकारी अस्पताल में फिलहाल यह सेवा ठप पड़ी है,लिहाजा किसी एेसे अस्पताल में इलाज के लिए रेफर करा लें,जहां यह सुविधा मिल सके। उन्होंने कुरुक्षेत्र के सेक्टर-17 स्थित सिग्नस अस्पताल में उन्हें दाखिल कराया,यह प्राईवेट अस्पताल आयुष्मान कार्ड पर इलाज करने के लिए अधिकृत है। जब उन्होंने वहां कार्ड दिखाकर इलाज शुरु करने के लिए कहा तो बताया कि कैश पैसा जमा कराना होगा,तभी इलाज शुरु होगा,क्योंकि आयुष्मान कार्ड पर इलाज कराने के लिए अभी सेवाएं ठप चल रही है आयुष्मान का पोर्टल नहीं चल रहा,पोर्टल एक दिन या तीन बाद जब भी चलेगा उसके बाद ही फ्री इलाज शुरु होगा,लेकिन तब तक उन्हें नगद राशि जमाकर कर ही इलाज मिलेगा। तुषार कौशिक के मुताबिक कैश पैसा लेना लेने के बाद ही अस्पताल में इलाज शुरु किया गया।
प्राईवेट अस्पताल के स्टाफ का तर्क
प्राईवेट अस्पताल के स्टाफ के मुताबिक आयुष्मान का पोर्टल अभी अपडेट किया था,इसकी वजह से चल नहीं रहा है। दूसरा तर्क है कि किसान आंदोलन के कारण ओटीपी नहीं आ रहे,जिसकी वजह से मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा।इसी वजह से मरीजों से कैश राशि लेकर ही इलाज हो रहा है।
जिला नोडल अधिकारी ने माना की सेवाएं ठप हैं,जल्द ठीक होगी
आयुष्मान के जिला नोडल अधिकारी डिप्टी सीएमओ डा.रमेश सभ्रवाल ने माना कि फिलहाल आयुष्मान सेवाएं ठप है,जल्द यह शुरु कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं,ताकि मरीजों को इसकी सेवाओं का लाभ मिल सके।
आयुष्मान की सेवाओं को लेकर सवाल
सवाल यह उठ रहा है कि जब मरीज सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड पर इलाज के लिए अधिकृत किए गए अस्पताल में दाखिल है और सरकार ने आयुष्मान कार्ड के पात्र को पांच लाख तक के फ्री इलाज की सुविधा प्रदान की है,तो उस कार्ड के बाद कैश राशि लेकर इलाज क्यों ?
आश्चर्यजनक पहलू यह है कि आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लिए सरकार ने यह सुविधा देने की योजना तैयार की है और संकट की घड़ी में इन्हीं लोगों को इलाज के लिए भारी भरकम राशि देकर इलाज कराना पड़ रहा है।
सवाल उठता है कि यदि सरकार का यह आयुष्मान कार्ड इसके पात्रों के इलाज की गारंटी भी नहीं है तो क्या ये सिर्फ दावों और दिखावे के लिए है ?