न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र सोमवार को भाकियू(चढ़ूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढ़ूनी द्वारा जाट धर्मशाला(कुरुक्षेत्र) में एक प्रेस कांफ्रेंस की गई। इस मौके पर किसानों के दिल्ली चलो आंदोलन को लेकर मौजूदा स्थिति पर पत्रकारों से वार्ता की गई और सरकार द्वारा 18 फ़रवरी को आंदोलनरत किसान संगठनों से मीटिंग के दौरान MSP के दिए आगे प्रपोजल की समीक्षा कर सरकार व आंदोलनरत किसानों को निम्न सुझाव दिए गए।
1. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए MSP के लिए दिए गए परपोजल में कपास,मक्का व दालो के साथ साथ आयल सीड (सरसों,सूरजमुखी,तोरिया इत्यादि) व बाजरा को भी शामिल किया जाए।क्योंकि हरियाणा में मुख्यतः यही फसले उगाई जाती है और इससे फसल विविधीकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।
2. आयल सीड (सरसों,सूरजमुखी) फ़सलों पर गारंटी य MSP(न्यूनतम समर्थन मूल्य) मिलने से देश खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनेगा और और इसके साथ ही खाद्य तेलों व आयल सीड फसलों का आयात बंद करना चाहिए क्योंकि आयात बंद होने से देश के किसानों की फसल MSP से ऊपर लाभकारी मूल्य पर बिकेगी।
3. इसके इलावा चल रहे आंदोलन के दौरान हरियाणा में बहुत से किसानों पर 307 के मुक़दमे दर्ज किए गए है और काफ़ी किसानो को गिरफ़्तार कर जेल में बंद भी किया गया है उक्त किसानो पर दर्ज नाजायज़ मुक़द्दमे तुरंत प्रभाव से रद्द किए जाए व गिरफ़्तार किसानो को तुरंत रिहा किया जाए।
4. भाकियू(चढ़ूनी) व हरियाणा के किसान चल रहे आंदोलन व सरकार के रवैया पर निरंतर नज़र बनाए हुए है अगर सरकार उक्त मांगों को नहीं मानती तो तो 21 फ़रवरी को आंदोलनकारी संगठनों व केंद्र सरकार के बीच होने वाली मीटिंग के बाद भाकियू(चढ़ूनी) हरियाणा के किसानो को साथ लेकर आगामी रणनीति बनाएगी।
5. हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया में दिए गया ब्यान “हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हरियाणा में 14 फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही हैं” को लेकर पत्र लिखकर पूछ कितनी फसले न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही है ।
इस प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह मथाना,मीडिया प्रभारी राकेश बैंस व प्रदेश प्रवक्ता प्रिंस वड़ैच मौजूद रहे।
स्त्रोतः (भाकियू (चढुनी) ग्रुप द्वारा जारी विज्ञप्ति