जीपीएस तकनीकि से अगले 5 वर्षों में टोल संग्रहण बढ़कर होगा 1.34 लाख करोड़ रुपये तक
न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली,17 दिसंबर। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने देश भर में वाहनों के निर्बाध आवागमन के लिए टोल संग्रहण हेतु जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) को लागू किए जाने को अंतिम रूप दे दिया है। उन्होंने कहा कि इससे भारत को अगले दो वर्षों में टोल बूथ मुक्त किया जाना सुनिश्चित किया जा सकेगा।
आज यहाँ एसोचैम के स्थापना सप्ताह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के जुड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए “राष्ट्रीय बुनियादी पाइपलाइन” पर अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए कहा कि टोल के लिए वसूला जाने वाला शुल्क वाहनों के परिचालन के आधार पर सीधे बैंक खातों से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब सभी वाणिज्यिक वाहनों में पहले से ही वाहन ट्रैकिंग प्रणाली लग कर आ रही है,पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम लगाए जाने के लिए सरकार जल्द ही कोई योजना लेकर आएगी।
केंद्रीय मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आगामी मार्च तक टोल संग्रहण 34,000 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है। गडकरी ने सूचित किया कि टोल संग्रहण के लिए जीपीएस तकनीकि के इस्तेमाल से आगामी 5 वर्षों में टोल से होने वाली आय बढ़ते हुए 1,34,000 करोड़ रुपये तक पहुँच सकती है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास भारत में गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन की कुंजी है। हालांकि इस समय भारत में उद्योग शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकृत हैं, जिसके विकेन्द्रीकरण की आवश्यकता है अन्यथा बढ़ते शहरीकरण के चलते दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता तथा अन्य शहरों के समक्ष जैसी चुनौतियां बाकी शहरों में भी पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि बुनियादी विकास में सरकारी-निजी भागीदारी के मॉडल को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जो परियोजनाएं आर्थिक रूप से व्यवहार्य नहीं होंगी उनमें सरकार पूरा सहयोग देगी।