भाजपा के सांसदों, विधायकों व कार्यकर्ताओं ने दिया अपनी ही केंद्र सरकार के विरूद्ध धरना व रखा उपवास : अशोक अरोड़ा
बोले, प्रदेश की जनता और किसानों ने नकारा भाजपा के धरने और उपवास को
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 19 दिसंबर। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा की जनता और किसानों ने भाजपा द्वारा एसवाईएल के मुद्दे को लेकर दिए गए धरने को नकार दिया है। अपनी ही मोदी सरकार के विरूद्ध हरियाणा भाजपा और हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए इस धरने और उपवास में केवल मात्र भाजपा के सयांसद, विधायक और चंद कार्यकर्ता ही शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने किसान आंदोलन के डर से किसानों को लडवाने के लिए यह धरना और उपवास रखा था जिसमें प्रदेश के किसानों ने भाग न लेकर इसे नकार दिया है। इसके लिए प्रदेश के किसान और जनता बधाई की पात्र है
पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि एसवाईएल के मामले को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था कि पंजाब सरकार एक साल की अवधि में निर्माण करे और यदि पंजाब सरकार एक साल की आवधि में यह काम नही करती तो फिर केंद्र सरकार किसी एजेंसी के माध्यम से एसवाईएल का निर्माण करवाए। एक साल बीत जाने पर पंजाब विधानसभा में जल समझौते संबंधित प्रस्ताव लाकर पंजाब और हरियाणा के बीच हुए जल समझौते को रद्द कर दिया। जब यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास गया तो माननीय राष्ट्रपति ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भेज दिया। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में पंजाब विधानसभा द्वारा पारित इस प्रस्ताव को असवैंधानिक मानते हुए रद्द कर दिया।
पूर्व मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अब एसवाईएल नहर का निर्माण केंद्र द्वारा किसी एजेंसी से करवाया जाना है लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी प्रदेश के मुख्यमंत्री केंद्र की सरकार से नहर बनवाने के लिए कोई एजेंसी नियुक्त नही करवा पाए और न ही हरियाणा के सर्वदलीय शिष्टमंडल को प्रधानमंत्री से मिलने का समय दिलवा पाए। अरोड़ा ने कहा कि अब नहर बनवाने का कार्य केंद्र का है और केंद्र सरकार नहर नही बनवा रही इसलिए हरियाणा भाजपा और सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार के विरूद्ध ही धरना व उपवास रखकर अपनी स्थिति को हास्यस्पद बना लिया है। भाजपा का यह धरना केवल नोटंकीबाजी है। उन्होने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल विडियो के अनुसार उपवास का दावा करने वाले भाजपा नेता पकौडे खाते दिखाई दे रहे हैं। इस प्रकार इन भाजपा नेताओं ने उपवास के नाम पर अपनी ही पार्टी को धोखा दिया है।