मई, 1990 में अम्बाला कैंट से उपचुनाव जीत पहली बार बने थे विधायक
गत साढ़े 9 वर्षों में प्रदेश के सर्वाधिक लोकप्रिय कैबिनेट मंत्री के रूप में बनाई विशिष्ट पहचान
एनडी हिंदुस्तान संवाददाता
चंडीगढ़।आज 15 मार्च 2024 अम्बाला कैंट विधानसभा हलके से वरिष्ठ भाजपा विधायक एवं विगत दिनों तक हरियाणा सरकार में गृह, स्वास्थ्य, आयुष, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान कुल चार विभागों के कैबिनेट मंत्री रहे अनिल विज 71 वर्ष के हो गए हैं। अक्तूबर, 2019 में हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में लगातार तीसरी बार और कुल छठी बार अम्बाला कैंट सीट से विजयी होकर विज विधायक बने।
इसी सप्ताह मंगलवार 12 मार्च को प्रदेश सरकार में हुए आकस्मिक नेतृत्व परिवर्तन, जिसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को बदलकर पार्टी हाईकमान द्वारा नायब सिंह सैनी को राज्य सरकार की कमान सौंपी गयी, की शपथ ग्रहण में पांच अन्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ किन्हीं कारणों से अनिल विज को शामिल नहीं जा सका हालांकि ऐसी प्रबल सम्भावना है कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में विज को मुख्यमंत्री के बाद दूसरे वरिष्ठतम कैबिनेट मंत्री (संभवत: उपमुख्यमंत्री) के तौर पर शामिल किया जाएगा।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने
बताया कि करीब 34 वर्ष पूर्व मई,1990 में तत्कालीन सातवीं हरियाणा विधानसभा की दो रिक्त सीटों के लिए उपचुनाव कराया गया जिसमें सिरसा जिले के तत्कालीन दरबा-कलां विधानसभा हलके से जनता दल के टिकट पर पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और अम्बाला जिले के कैंट विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अनिल कुमार (विज) निर्वाचित हुए थे.. विज जो तब केवल 37 वर्ष आयु के थे, ने स्टेट बैंक की सरकारी नौकरी छोड़कर अम्बाला कैंट से उक्त उपचुनाव लड़ा था।
हेमंत ने भारतीय चुनाव आयोग से अम्बाला कैंट विधानसभा हलके के आधिकारिक आंकड़े प्राप्त कर बताया कि सवा 57 वर्ष पूर्व संयुक्त पंजाब से अलग होने के बाद जब 1 नवंबर, 1966 को हरियाणा अलग राज्य बना, तो आज तक हुए 13 विधानसभा चुनावो और एक उपचुनाव में अम्बाला कैंट हलके में 7 बार भाजपा ( जनता पार्टी और भारतीय जन संघ मिलाकर) और 5 बार कांग्रेस पार्टी ने विजय हासिल की है जबकि दो बार यहाँ से निर्दलयी उम्मीदवार जीता है और वह दोनों बार अनिल विज ही थे। सबसे पहले वर्ष 1967 में हुए प्रदेश के पहले विधानसभा चुनावो में कांग्रेस के उम्मीदवार देव राज आनंद ने भारतीय जनसंघ के पी.नाथ को हराकर अम्बाला कैंट के पहले विधायक बने।
उन्होंने आगे आगे बताया कि आज तक इस सीट से लगातार छ: बार विधायक बनने का रिकॉर्ड अनिल विज के ही नाम है जो सबसे पहली बार मई, 1990 में अम्बाला कैंट पर हुए उपचुनाव में विधायक बने. लिखने योग्य है कि इस हलके से तत्कालीन भाजपा से महिला विधायक, दिवंगत सुषमा स्वराज, जो उस समय हरियाणा में देवी लाल की जनता दल-भाजपा गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं, के अप्रैल, 1990 में हरियाणा से राज्य सभा के लिए निर्वाचित होने के बाद उन्होंने अंबाला कैंट विधानसभा सीट के विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया जिसके फलस्वरूप हुए उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर विज ने चुनाव लड़ा और विजयी हुए.
हालांकि इसके मात्र एक वर्ष के भीतर ही अप्रैल, 1991 में सातवीं हरियाणा विधानसभा समय पूर्व ही भंग हो गई एवं जून, 1991 विधानसभा आम चुनावों में कांग्रेस के बृज आनंद ने भाजपा से दोबारा चुनाव लड़ रहे अनिल विज को पराजित कर दिया था.
इसके कुछ वर्ष बाद 1995 में पार्टी से कुछ मतभेद होने के फलस्वरूप विज को भाजपा छोड़नी पड़ी एवं वर्ष 1996 और 2000 लगातार दो हरियाणा विधानसभा आम चुनावों में विज निर्दलयी के तौर पर लड़ते हुए लगातार दो बार कैंट से विधायक बने. हालांकि वर्ष 2005 विधानसभा आम चुनावो में कांग्रेसी प्रत्याशी एडवोकेट देवेन्द्र बंसल ने विज को मात्र 615 वोटो से पराजित कर दिया।
इसके बाद वर्ष 2007 में उन्होंने विकास परिषद के नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी भारतीय चुनाव आयोग से पंजीकृत करवाई हालांकि 2009 हरियाणा विधानसभा आम चुनावों से ठीक पहले वह फिर भाजपा में शामिल हो गए एवं 2009, 2014 और 2019 विधानसभा चुनावों में लगातार तीन बार अर्थात हैट्रिक लगातार अम्बाला कैंट से विधायक निर्वाचित हुए. ज्ञात रहे कि इसी सीट से दो बार भाजपा की दिवंगत वरिष्ठ नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज विधायक बनी पहले वर्ष 1977 में जनता पार्टी से और वर्ष 1987 में भाजपा के टिकट पर. इनके अलावा भारतीय जन संघ ने यह सीट सर्वप्रथम वर्ष 1968 में जीती जब उसके उसके उम्मीदवार भगवान दास सहगल ने कांग्रेस के देव राज आनंद को पराजित किया. इसके बाद 1972 के चुनावो में कांग्रेस के हंस राज सूरी ने हालांकि भगवान दास को हराया. तत्पश्चात वर्ष 1982 में कांग्रेस के राम दास धमीजा ने जनता पार्टी के स्वामी अग्निवेश एवं भाजपा के सोम प्रकाश को हराया।
हेमंत ने बताया कि अक्टूबर, 2019 के चुनावो में अम्बाला कैंट में कुल मतदाता 1 लाख 96 हज़ार 870 थे जिसमे से 1 लाख 21 हज़ार 735 वोटरों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. विज को सर्वाधिक 64 हज़ार 571 वोट अर्थात 53.04 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे जो की आज तक मिले उनको सर्वाधिक वोट हैं. उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय चित्रा सरवारा को 20165 वोटों से हराया. चित्रा प्रदेश के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की पुत्री हैं।विज ने इससे पहले इसी सीट से निर्मल सिंह को भी लगातार दो बार वर्ष 2009 और 2014 के विधानसभा आम चुनावों में पराजित किया था. ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अम्बाला कैंट विधानसभा सीट पर मतदाताओ की संख्या अब 1 लाख 98 हज़ार 426 जबकि गत वर्ष यह संख्या 2 लाख 8 हजार 99 है. इस प्रकार पिछले एक वर्ष में कैंट हलके में 9 हजार 673 मतदाता घटे हैं।