मैं नचना श्याम दे नाल भजन पर झूमें आयुष विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं।
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय में रंगोत्सव होली त्यौहार की पूर्व संध्या पर होली स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति एवं गौशाला की भजन मंडली ने श्याम के भजनों के माध्यम से विश्वविद्यालय के सम्पूर्ण वातावरण को कृष्णमय बना दिया। मैं नचना श्याम दे नाल भजन पर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं खूब झूमें। इसके साथ ही सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अबीर-गुलाल और फूलों के संग होली की शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने विश्वविद्यालय परिवार को होली एवं वसंतोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रंगों का त्योहार होली वसंत ऋतु में मनाया जाता है जो मूल रूप से आहार-विहार सम्बन्धी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। इसके साथ ही वसंत ही एक ऐसी ऋतु है जो आयुर्वेद में उमंग और मन को प्रसन्न करने वाली ऋतु कही गई है। इसलिए होली उत्सव में हास-परिहास का विशेष महत्व दिया गया है। उन्होंने कहा कि वसंत का मौसम कफ का नाश करने वाला होता है, अगर व्यक्ति अनुशासित रहकर आहार-विहार और शारीरिक श्रम करता है, तो व्यक्ति सम्पूर्ण वर्ष निरोगी बना रहता है। इसके साथ ही होली और दिवाली ऐसे त्यौहार है जिसके करीब ही नवरात्र पड़ते है जिनमें व्रत उपवास और सात्विक भोजन को महत्व दिया जाता है। इन सबका मूल यही है कि सात्विक आहार का सेवन कर हम शरीर को विकारमुक्त बना सकते हैं। मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता बहन शकुंतला देवी ने सभी को होली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संसार का निर्माण युगल जोड़े द्वारा होता है। जो सृष्टि का निर्माण तो करते ही है देश और दुनिया को दिशा भी देते हैं। इसके साथ ही आज देखा जाए तो 21वीं सदी महिलाओं की है मगर पुरुष महिलाओं के संसार का आधार हैं। वह आधार एक पिता, एक बेटा, एक भाई किसी भी रूप में हो सकता है। उन्होंने कहा कि नारी सृष्टि निर्माणकर्ता और विध्वंसक दोनो हैं। इसलिए नारी के बिना संसार अधूरा है। इस संसार में मनुष्य के जीवन का अन्तिम लक्ष्य सुख की प्राप्त करना है। जीवन का यह सुख परिवार इकाई के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। इसलिए जितना हो परिवार को समय दें और सहयोग दे। कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने कहा कि होली उत्सव सभी मतभेदों को भुलाकर दिलों की दूरियां कम करता है। इसलिए इस दिन सब लोग आनन्दातिरेक होकर नाचते-गाते है। इसके साथ ही पुराने वर्ष का धुआं उड़ाने के साथ ही नये संवत्सर का शुभागमन होता है, जो अपने साथ मस्ती, उन्माद एवं हर्षोल्लास की बहार लेकर आता है। अतः सब खुश रहें, स्वस्थ रहें और मदमस्त होकर जीवन व्यतीत करें। कार्यक्रम के अन्त में श्रीकृष्ण कृपा समिति एवं गौशाला की भजन मंडली को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अन्त में रोग निदान की विभागाध्यक्ष डॉ. विदुषी त्यागी ने आयोजक कमेटी और गणमान्यों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, पूर्व प्राचार्य डॉ. उषा दत्त, डॉ. बीएस अग्रवाल, डॉ. आरके पारीक, डॉ. नारायण सिंह, डॉ. एमसी शर्मा, डॉ. आरडी शर्मा, डॉ. बलबीर संधू, डॉ. अनिल शर्मा अन्य अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थित रहे।