Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News गीता ज्ञान संस्थानम में चिकित्सा के क्षेत्र में गीता की उपयोगिता पर आयोजित हुआ सेमिनार

गीता ज्ञान संस्थानम में चिकित्सा के क्षेत्र में गीता की उपयोगिता पर आयोजित हुआ सेमिनार

by Newz Dex
0 comment


गीता दुनिया का एकमात्र ग्रंथ जिसने विषाद को योग तक पहुंचाया : स्वामी ज्ञानानंद

चिकित्सा के क्षेत्र में गीता अदभूत विषय : एसीएस राजीव अरोड़ा

गीता और चिकित्सा पर शोध किया है पद्मविभूषण डा. त्रेहन ने

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 20 दिसंबर। भगवद गीता विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसने विषाद यानि डिप्रेशन को भी योग अर्थात आनंद तक पहुंचाया। जब महाभारत के यद्ध से पूर्व दोनो सेनाओं के मध्य में खडे अर्जुन विषादग्रस्त हो गया तो भगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश देकर उसे विषाद मुक्त करके योग तक पहुंचाया। यह विचार गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गीता जयंती के उपलक्ष्य में गीता ज्ञान संस्थानम में चिकित्सा के क्षेत्र में गीता की उपयोगिता विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

स्वामी जी ने कहा कि गीता विषाद को मुस्कुराहट में बदलना सीखाती है। रोगियों को मानसिक शांति देती है। उन्होनेे सेमिनार में आए चिकित्सकों को कहा कि अपनी क्षमताओं का प्रयोग परहित में करना चाहिए। क्षमताओं को दूसरों के लिए प्रयोग करने से मानसिक शांति मिलती है। चिकित्सकों को निष्काम भाव से सेवा करनी चाहिए। गीता मुस्कुराहट देती है और किसी को मुस्कान देने से आलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। चिकित्सा व्यवसाय को केवल व्यवसाय नही बल्कि सेवा का माध्यम बनाने का संदेश स्वामी जी ने दिया। करनाल से आई छोटी बच्ची सौम्य मित्तल जिसे पूरी गीता संस्कृ त में कंठस्थ है ने 18 गीता के श्लोक सुनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।


सेमिनार में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ऑनलाईन जुडे और उन्होने कहा कि वास्तव में गीता चिकित्सा के क्षेत्र में किस तरह से भूमिका निभा सकती है यह एक बहुत ही अद्भुत विषय है। आगामी दिनों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों को जोड़कर एक वेबिनार आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्वामी ज्ञानानंद महाराज के मार्गदर्शन में गीता जी की स्वास्थ्य क्षेत्र में भूमिका पर चर्चा की जाएगी। विभाग द्वारा गीता मनीषी के मार्गदर्शन में इस विषय को लेकर कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी।


श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बलदेव धीमान ने कहा कि गीता जी हर क्षेत्र के व्यक्ति को रास्ता दिखाने और समस्या का समाधान बताती है। भारतीय साहित्य पूरी दुनिया में प्रचलित है। ऋग्वेद लिखित में एकमात्र वेद है। दर्शन के समकालीन वेदों से पुराणों तक ऋग्वेद में आयुर्वेद पर चिंतन किया गया, जिसमें 24 तत्वों से शरीर मिलकर बनने के बारे में लिखा गया है। यही गीता जी के पांचवें अध्याय के 13वें श्लोक में लिखा हुआ मिलता है। इसमें भी छह तत्वों को महत्वपूर्ण माना गया है। इनमें से आत्मा धातु को प्रमुख माना गया है।


मेदांता अस्पताल के निदेशक एवं एवं प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ पद्मभूषण डा. नरेश त्रेहन ने ऑनलाइन वीडियो मेे बताया कि एक बार जब स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने उन्हें गीता और चिकित्सा विषय पर बोलने के लिए कहा तो उन्होंने इस पर काफी रिसर्च की, जिससे समझ में आया कि जब एक हृदय रोगी अपना इलाज कराने के लिए हमारे पास आता है तो वह केवल बीमारी नहीं बल्कि अपने सिर पर काफी बोझ लेकर आता है। गीता पढऩे के बाद जब मैंने उन मरीजों की बीमारी के साथ-साथ उसके परिवार, कार्यक्षेत्र और दूसरी समस्याओं को भी सुना तो मरीज को लगने लगा कि चिकित्सक ने न केवल उसकी बीमारी बल्कि उसकी पीड़ा को भी समझ लिया है। इसके बाद मेरे खुद के व्यवहार में काफी बदलाव आया है।


प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. अमिता बिडला जो लोकसभा के स्पीकर ओम बिडला की धर्मपत्नी है, ने अपने संबोधन में कहा कि वे लंबे समय से जीओ गीता से जुडी हुई हैं और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी की प्रेरणा से उन्होने गीता से प्रेरणा ली है। कोरोना महामारी के बीच उनके पति आम बिडला भी गीता से प्रेरणा लेते रहे हैं वे भविष्य में भी जीओ गीता से जुडी रहेंगी और गीता को लोगों की प्रेरणा बनाएंगी। प्रसिद्ध नेत्र रोग चिकित्सक एवं गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डा. मारकंडेय आहुजा जोकि जीओ गीता के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं ने अपने संबोधन में कहा कि धर्म के अनुसार कर्म करना ही गीता का संदेश है। 2020 में आई कोरोना महामारी के दिनों में अनेक धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं ने महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होने कहा कि हर एक प्रश्न का उत्तर गीता में है। गीता नाकारात्मक से साकारात्मक की खूबशूरत यात्रा है।


मेदांता अस्पताल के विशेषज्ञ डा. विकास देसवाल ने कहा कि जब देश में कोविड-19 आया तो किसी को भी इसके बारे में ज्यादा नहीं पता था। वे भी अपने परिवार को लेकर चिंता में थे। तब उनके पास अस्पताल में 14 इटेलियन कोरोना पॉजिटिव मरीज दाखिल हुए थे। उस वक्त मैं भी एक बार चिंता में फंस गया था कि कर्म और परिवार में से किसको महत्व दूं तो गीता जी का श्लोक पढ़ा जिसमें निष्काम कर्म का संदेश दिया गया है। सच में गीता जी के हर शब्द में अद्भुत ओझ है। इसके अतिरिक्त जींद के विधायक कृष्ण मिढा, डा. सुदर्शन चुघ, जाओ गीता के राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप मित्तल, स्वामी रामस्वरूप दास, स्वामी छविराम दास , डा. सुरेंद्र मैहता, सचिन जैन, डा. एनके झांब सहित अनेक चिकित्सकों ने अपने विचार रखे और गीता जी को पुष्पांजलि अर्पित की। मंच संचालन डा. सुदर्शन चुघ ने किया। कार्यक्रम में चिराग नर्सिंग होम संचालक डा. मनीष कुकरैजा ने मधुर बांसुरी से सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में गीता मनीषी ने कोविड महामारी के बीच उल्लेखनीय कार्य करने पर अनेक डॉक्टरों को सम्मानित किया।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00