महायज्ञ में बिल्वपत्र की समिधा का किया जाएगा प्रयोग-प्रतिदिन नौ बार सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का किया जाएगा पाठ
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर तट स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर में नवरात्रि महोत्सव पर इस बार ऋग्वेद में दिए गए श्रीसूक्त जी से मंदिर में वैदिक अनुष्ठान किया जाएगा। नवरात्रि में नौ के नौ दिन नियमित रूप से श्रीसूक्त की ऋचाओं से महायज्ञ किया जाएगा। इसमें भी खास बात यह होगी कि हवन में बिल्वपत्र की लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा, जबकि हवन में गन्ने के रस की आहुति दी जाएगी, जो मां लक्ष्मी जी को अति प्रिय है। इतना ही नहीं मंदिर में प्रतिदिन नौ बार सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का पाठ किया जाएगा।
प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर संचालक पंडित तुषार कौशिक और पंडित अभिषेक शर्मा ने बताया कि इस बार मंदिर में नवरात्रि महोत्सव खास तरीके से मनाया जाएगा। मंदिर में श्रीसूक्त की ऋचाओं से महायज्ञ किया जाएगा। ऋग्वेद में श्रीसूक्त जी की 16 ऋचाओं का वर्णन मिलता है। यह अपने आप में सिद्ध हैं। इन ऋचाओं से नियमित रूप से महायज्ञ किया जाएगा। इस हवन में बिल्वपत्र की समिधा यानी लकड़ी का प्रयोग किया जाएगा। बिल्वपत्र के वृक्ष को सबसे पवित्र वृक्ष माना गया है। कहा जाता है कि इसमें मां लक्ष्मी जी का वास होता है। इसलिए हस पवित्र लकड़ी का प्रयोग हवन में किया जाएगा। साथ ही महायज्ञ में गन्ने के रस से आहुति दी जाएगी, जो मां लक्ष्मी जी को अतिप्रिय है।
पंडित तुषार कौशिक और पंडित अभिषेक शर्मा ने बताया कि मंदिर में घट स्थापना के बाद श्रीसूक्त जी का महायज्ञ आरंभ हो जाएगा, जो प्रथम नवरात्रि से आरंभ होगा और नवमी तक चलेगा। नवमी के दिन अनुष्ठान किया जाएगा। पंडित तुषार कौशिक ने बताया कि नौ के नौ दिन सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् का पाठ भी मंदिर में किया जाएगा। मंदिर में रोजाना नौ बार स्तोत्रम् का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही सुबह और सायं को महाआरती की जाएगी। नवरात्रि में नौ माताओं की आराधना की जाएगी।