न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। माँ भद्रकाली मंदिर में आज षष्टी को माँ कात्यायनी जी की विशेष पूजा की गई। पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि कात्यायन ऋषि के घर पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम कात्यायनी पड़ा । शिक्षा प्राप्ति के क्षेत्र में प्रयासरत भक्तों को माँ की उपासना जरूर करनी चाहिए । पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था।आज के कार्यक्रमोंनुसार मंदिर मुख्य भवन में प्रातः कालीन मंगला आरती नेहा शर्मा धर्मपत्नी शैलेंद्र कुमार द्वारा संपन्न की गई। षोडशोपचार पूजा में माँ को अति प्रिय शहद ,लाल गुलाब और कमल के फूल अर्पित किए गए। माँ भद्रकाली जी को ही माँ कात्यायनी स्वरूप मानकर चंदन और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई। उसके पश्चात आज माँ भद्रकाली महिला मंडल ने संकीर्तन किया जिसमें मंदिर से जुड़ी सभी सेविकाओं ने महामाई के भजन सुनाए।
प्रतिदिन की तरह ही मंदिर में नवरात्रि व्रत भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें आज के मुख्य यजमान इंदु वधवा,मनोज कुमार वधवा थे, इसके साथ ही प्रातः 9:00 बजे डॉ नितिन गुप्ता जी व दोपहर 12:00 बजे सुभाष कोडा द्वारा नवरात्रि अन्नपूर्णा भंडारा किया गया।गौरतलब है कि पूरे वर्ष ही माँ भद्रकाली शक्तिपीठ में माँ के भक्त भंडारा ग्रहण करते हैं । जन्मदिवस, वर्षगांठ, विवाह,नौकरी कोई भी शुभ कार्य मनोकामना पूर्ण एवं मन की इच्छा पूर्ण हेतु भक्त मां के दरबार में भंडारे का आयोजन करवाते हैं। पूरे वर्ष प्रत्येक शनिवार व रविवार को भी भंडारा प्रसाद वितरित किया जाता है जिसमें दूर-दूर से भक्त माँ को भोग लगे हुए कड़ी ,चावल ,पूरी ,आलू ,कद्दू ,सफेद चने, हल्वा इत्यादि भंडारे प्रसाद को ग्रहण कर माँ का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं ।
मां भद्रकाली जी के तालाब व भंडारा हाल में हजारों की संख्या में भक्त माँ का भंडारा ग्रहण करने आते हैं । प्रत्येक नवरात्रि में व्रतधारीयों के लिए नवरात्रि व्रत भंडारे का भी आयोजन किया जाता है जिसमें जिसमें सामकी की खीर , कुट्टू के आटे के पकोड़े, आलू भाजी ,दही , फल, चिलाई के लड्डू आदी वितरित किया जाता हैं । दोपहर बाद 4:00 बजे भजन संध्या में अशोक कौशिक हरियाणवी ने प्रस्तुति दी जिसमें मुख्य अतिथि पवन बंसल रहे, जिन्होंने कन्या श्लोका पंडित के पूजन के बाद महाआरती में भाग लिया । मंदिर में कल होने वाले इच्छापूर्ति हवन यज्ञ की भी तैयारियां शुरू हो चुकी है, ये हवन 15 अप्रैल , सप्तमी प्रातः 10:00 बजे प्रारंभ होगा । सभी भक्त मंदिर परिसर में या ऑनलाइन इसमें अपनी हाजिरी जरूर लगाएं।
पीठाध्यक्ष ने बताया कि मंदिर के सभी कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण फेसबुक पर किया जा रहा है और भक्तों की सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है । पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा ने बताया कि श्रद्धा , विश्वास व धार्मिक आस्था के साथ-साथ व्यवस्था बनाना भी शक्तिपीठ का मुख्य ध्येय है और जिस प्रकार नवरात्रि में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए, उसके उत्थान के लिए, सनातन की जागृति के लिए बड़े बड़े धार्मिक कार्यक्रम मंदिर में आयोजित किये जाते है, ऐसे हरियाणा के किसी भी दूसरे मंदिर में नही मनाए जाते ।
आज मंदिर कार्य्रकम आयोजक मंडल की एक अंतिम मीटिंग 16 अप्रैल को होने वाले श्री दुर्गाष्टमी जागरण को लेकर भी हुई, जिसमें सभी व्यवस्थाओं को पुनः विचार किया गया, एक रिहर्सल करवाई गई । पीठाध्यक्ष ने भक्तों से निवेदन किया कि वे माँ के सेवकों का सहयोग करें और जागरण में व्यवस्थानुसार ही अपनी जगह पर बैठे । इस मौके पर देवेंद्र गर्ग ,शिमला देवी , स्नेहिल शर्मा, जीवन मौदगिल, एम के मौदगिल, निकुंज शर्मा , हाकम चौधरी, संजीव मित्तल, आशीष इत्यादि सेवक उपस्थित रहे ।