माँ भद्रकाली शक्तिपीठ में मनोकामना पूर्ण हवन से हुई महासप्तमी की शुरुआत
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। आज चैत्र नवरात्र का सातवां दिन माँ भद्रकाली मंदिर में माँ कालरात्रि की पूजा से शुरू किया गया । पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा ने बताया कि भक्तों का हमेशा कल्याण करने के कारण ही माँ कालरात्रि को शुभंकरी भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि माँ कालरात्रि जी व्यक्ति के सर्वोच्च चक्र सहस्रार को नियंत्रित करती हैं । सुबह मंदिर के कपाट खुलते ही, मुख्य पुजारिन श्रीमती शिमला देवी ने आरती में मुख्य रूप में माँ को प्रिय गुड़ का भोग लगाया और लौंग चढ़ाते हुए 108 बार ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै, ऊं कालरात्रि दैव्ये नम: मंत्र का जाप किया और “नवपत्रिका पूजा” की गई जिसमें 9 तरह के पेड़ पौधों जिसमें तुलसी ,आम ,पान, पीपल ,अनार ,बढ़, नींबू , नीम और कमल से मिलाकर बनाए गए गुच्छे से माँ दुर्गा , माँ भद्रकाली और माँ कालरात्रि जी का आह्वान किया गया।
पीठाध्यक्ष ने बताया कि देश में नवरात्रि के सातवें दिन से महापूजा शुरू होती है इसलिए इसे महासप्तमी भी कहा जाता है ।आज मंगला आरती के मुख्य अतिथि श्रीमती मेघा व विपुल बंसल रहे। मंगला आरती के पश्चात मंदिर में प्रातः 10:00 बजे मनोकामना पूर्ण हवन यज्ञ किया गया जिसमें मुख्य यजमान के रूप में एस. के गोयल ,कैथल ने सपरिवार शिरकत की । हवन में सर्वप्रथम सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया गया और हवन कुंड में आम की लकड़ी पर अग्नि प्रज्ज्वलित की गई । अग्नि प्रज्ज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में सामग्री जैसे धूप, जौ, नारियल, गुग्गुल, मखाना, काजू, किसमिस, छुहारा, मूंगफली, बेलपत्र, शहद, घी, सुगंध, अक्षत, शहद , घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति दी गई ।
भद्रकाली महाकाली किल-किल फट स्वाहा मंत्र की 21 बार आहुति दी गई , गणेश मंत्र , विष्णु मंत्र ,महामृत्युंजय मंत्र इत्यादि मंत्रों के साथ स्वाहा की गूंज से दिव्य वातावरण का अनुभव भक्तों को महसूस हुआ । पीठाध्यक्ष ने बताया कि हवन हमारे सनातन धर्म द्वारा दिया गया ऐसा धार्मिक क्रियाकलाप है, जिसका सिर्फ आध्यात्मिक महत्त्व हीं नहीं, अपितु चिकित्सीय व प्रकृति को भी लाभ है । इसलिए हवन को सिर्फ धर्म से ही ना जोड़े, ये समस्त मानव जाति के लिए हितकारी है । मंत्रोचारण के बाद आरती से पूर्णाहुती मुख्य पुजारिन श्रीमती शिमला देवी द्वारा दी गई। आज दोपहर 12:00 बजे व्रत भंडारे में मुख्य यजमान महेश वर्मा रहे व दोपहर 12:00 बजे अन्नपूर्णा भंडारा में दिनेश गोयल मुख्य यजमान रहे ।
भजन संध्या में सचिन मदान एंड पार्टी ने महामाई का गुणगान किया, जिसमें धर्मपाल गोंदर मुख्य अतिथि रहे । इसके बाद 505 ज्योत महाआरती की गई। आज मंदिर में 11 देशों के पुष्प – फल इत्यादि सज्जा का सामान भी दोबारा से मंदिर में पहुंच चुका है और मंदिर को एक बार फिर से एमिल पुष्प श्रृंगार की टीम द्वारा दुल्हन की तरह सजाया जाएगा, पुष्प डिज़ाइन में धार्मिक महत्त्व के प्रतीक बनाए जाएंगे । गौरतलब है कि एमिल पुष्प श्रृंगार की टीम में कलकत्ता व मुम्बई के कारीगर शामिल है और ये वैष्णों देवी भवन के साथ साथ देश के प्रमुख मंदिरों में भी पुष्प सज्जा करते है और बॉलीवुड फिल्मों में भी सजावट करते है ।
मौसमी देसी और विदेशी फूलों से माँ भद्रकाली दरबार की भव्य सजावट और श्री दुर्गाष्टमी पर विशेष पान के पत्तों से माँ के भवन की सजावट की जाएगी । पीठाध्यक्ष ने बताया कि जो पुष्प भारत देश मे मिलते है जैसे कि 9 तरह के गुलाब, कमल, कलकत्ता गेंदा, रजनीगंधा , रात की रानी , चमेली इत्यादि के अलावा विदेशी पुष्प जरबेरा, एनथुरियम,ऑर्किड, लिली, बर्ड ऑफ पैराडाइस, ट्यूलिप, डेहलिया,सीलोसिया ,हैडरेन्जिया , करनिशियन जैसे फूलों के इंद्रधनुषी रंग माँ के मंदिर में खूब रंगत बिखेर रहे हैं। इन देसी- विदेशी फूलों की महक माँ भद्रकाली जी के दरबार में चार चांद लगा रही हैं ।
पीठाध्यक्ष ने बताया कि ये कारीगर दुपट्टों, प्रॉप्स, अस्थायी ढांचे को मिलाकर अलग अलग फूलों की कलाकृति से मंदिर को सजा रहे हैं। फूलों से बनी अलग अलग कलाकृतियां मंदिर में भक्तिमय सकारात्मक व खुशनुमा माहौल बना रही हैं।कारीगरों से बात करने पर पता चला कि स्वास्तिक, ॐ, जय माता दी, कलश, इत्यादि हर धार्मिक प्रतीकों को पुष्प सज्जा से ही बनाया गया । पीठाध्यक्ष ने आगे बताया कि इसके साथ ही मंदिर को 11 तरह के फलों से भी सजाया जाएगा जिसमें मौसमी/सन्तरा , केला , सेब , अंगूर, पपीता, अनानास, तेजरींन, अनार, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, वाशिंगटन एप्पल इत्यादि प्रमुख है ।
पीठाध्यक्ष ने सभी भक्तों से निवेदन किया कि वे कल दुर्गाष्टमी को रात्रि 8 बजे तक जागरण में स्थान जरूर ग्रहण कर ले । इस मौके पर एम के मौदगिल, जीवन मौदगिल, मीना जोशी, देवांशु शर्मा , डॉ अन्नु पाल शर्मा ,निकुंज शर्मा, देवेंद्र गर्ग, रामपाल लाठर ,आशीष दीक्षित, हाकम चौधरी, संजीव मित्तल, कर्ण इत्यादि भक्तजन उपस्थित रहे ।