उपायुक्त के आदेशानुसार प्रशासन ने की कार्रवाई, डीटीपी की टीम ने अवैध कॉलोनी में सीवरेज व पानी की लाईन, डीपीसी लेवल, कच्ची सडक़ों को किया नष्ट
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। जिला नगर योजनाकार की टीम ने उपायुक्त के आदेशानुसार राजस्व संपदा गांव सिरसला व ईशरगढ में 1-1 अवैध कॉलोनी में जिला प्रशासन की मदद से तोड़-फोड़ की कार्रवाई अमल में लाई गई। जिला नगर योजनाकार अधिकारी अशोक गर्ग ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राजस्व संपदा गांव सिरसला व ईशरगढ में 1-1 अवैध कालोनी में उपायुक्त के आदेशानुसार प्रशासन के सहयोग से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई अमल में लाई गई है।
डीटीपी अशोक गर्ग ने कहा कि उपायुक्त के आदेशानुसार ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था। डयूटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस बल के साथ डीटीपी की टीम ने राजस्व संपदा गांव सिरसला व ईशरगढ में क्रमशं 2.5 व 1 एकड़ में पनप रही 1-1 अवैध कॉलोनी में डीपीसी लेवल, सीवरेज व पीने के पानी की पाईप लाईन, कच्ची व पक्की सडक़ों को पीले पंजे से हटाया गया। उन्होंने कहा कि डीटीपी विभाग के पास राजस्व संपदा गांव सिरसला व ईशरगढ में 1-1 अवैध कॉलोनी के पनपने का मामला आया था, जिसके उपरांत विभाग द्वारा भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों को एचडीआर एक्ट 1975 की धाराओं के तहत नोटिस जारी कर जरुरी अनुमति लेने के आदेश दिए गए थे। परंतु भूस्वामी और प्रॉपर्टी डीलरों ना तो अवैध कालोनियों में किए जा रहें निर्माण को रोका और ना ही विभाग से अनुमति प्राप्त की। इस पर कार्रवाई करते हुए विभाग द्वारा इन अवैध कालोनियों में निर्माण को नष्टï करने का काम किया गया है।
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए कहा कि सस्ते प्लाटों के चक्कर में प्रॉपर्टी डीलर के बहकावे में आकर प्लाट ना खरीदें और ना ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य करे। इतना ही नहीं जमीन की खरीद करने से पहले डीटीपी कार्यालय से कॉलोनी की वैधता और अवैधता की जानकारी प्राप्त कर लें। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी रजिस्ट्री करने से पहले सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना करें। यदि कोई व्यक्ति अवैध कालोनियों में कोई प्लॉट खरीदता है तो उसके विरुद्ध भी डीटीपी कार्यालय द्वारा कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और जिसमें 50 हजार का जुर्माना व 3 साल की सजा का प्रावधान है। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलाई गई ग्रुप हाउसिंग स्कीम दीनदयाल हाउसिंग स्कीम, अफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग स्कीम के तहत 5 एकड़ भूमि पर लाइसेंस प्रदान किया जाता है, जिसमें आवेदन करके कॉलोनी काटने की जरूरी अनुमति प्राप्त की जा सकती है।