मां की हर बात निराली है…
मां को लगाया गया हलुवा पूड़ी का प्रसाद, कंजक पूजन के बाद शुरू हुआ भंडारा
मां के दर्शन पाकर अभिभूत हो गया हूं : डा. शंभू दयाल शर्मा
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । ब्रह्मसरोवर तट स्थित प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर में रविवार को विशाल भंडारे के साथ ही 14वजं दिवसीय नवरात्रि महोत्सव संपन्न हो गया। संकीर्तन में मंदिर महिला मंडल ने कीर्तन किया, जिसमें श्रद्धालु जमकर झूमे। मंदिर में मुख्यातिथि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय अस्पताल के बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. शंभू दयाल शर्मा
न उनकी पत्नी कल्पना शर्मा रहीं। वहीं विशिष्ट अतिथि केडीबी पूर्व सदस्य एवं श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के मुख्य सलाहकार अधिवक्ता जयनारायण शर्मा, प्रधान महासचिव रामपाल शर्मा, कैथल सिविल अस्पताल के पूर्व प्रधान चिकित्सा अधिकारी डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली रहे। मुख्यातिथियों को मंदिर संचालक पंडित तुषार गौड़, कमेटी सदस्य पंडित अंशुल गौड़, पंडित अभिषेक गौड़ और आरुष गौड़ ने मां की चुन्नरी से सम्मानित किया। इससे पूर्व मां को देसी घी का हलुवा, कढ़ी-चावल, आलू-पूड़ी का प्रसाद का भोग लगाया गया, जिसके बाद भंडारा आरंभ किया गया और फिर कंजक पूजन किया गया।
मंदिर कीर्तन मंडली में नीरू देवी, सुनीता, अनिता, ऊषा और शिल्पा ने एक से बढ़कर एक गीत सुनाए। मैया का चोला है रंग लाल, तेरे दरबार में मैया खुशी मिलती है, मां की हर बात निराली है…, भजनों पर महिला श्रद्धालु जमकर झूम उठीं। मां को विशेष रूप से तैयार गुलाबी रंग का नया चोला, लाल चुन्नरी, नारियल और श्रृंगार का सामान भेंट चढ़ाया गया। मंदिर संचालक पंडित तुषार गौड़ ने बताया कि मंदिर की ओर से चैत्र नवरात्रि महोत्सव चतुर्थदशी तक मनाया जाता है। त्रियोदशी पर मंदिर की ओर से विशाल भंडारा किया जाता है। मुख्यातिथि डा. शंभू दयाल शर्मा ने कहा कि मां के दर्शन से वह अभिभूत हो गए हैं। मंदिर का इतिहास बेहद प्राचीन है। जहां मां दुर्गा और राधा-कृष्ण जी का स्वरूप विराजमान हैं। बताया जाता है कि ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर इसी मंदिर के नजदीक भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी अंतिम बार सूर्यग्रहण मेले में मिले थे। यहीं पर उन्होंने मां दुर्गा की पूजा की थी। विशिष्ट अतिथि पूर्व केडीबी सदस्य अधिवक्ता जयनारायण शर्मा ने कहा कि धर्मनगरी में आए दिन उत्सव का माहौल रहना चाहिए। प्राचीन श्रीदुर्गा माता एवं राधा कृष्ण मंदिर कमेटी की ओर से लगातार भंडारे, स्वास्थ्य जांच शिविर, रक्तदान शिविर और गीता वितरण कार्य किया जा रहा है जो सराहनीय है। पंडित रामपाल शर्मा ने कहा कि मंदिर कमेटी नेक कार्य कर रही है। डा. शैलेंद्र ममगाईं शैली ने कहा कि मंदिर की ओर से भविष्य में जो भी स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए जाएंगे वह उसमें खुद सेवा करेंगे। मंदिर संचालक पंडित तुषार गौड़ ने बताया कि चैत्र माह की हर त्रियोदशी और चतुर्थदशी तिथि को भंडारा करवाने की परंपरा रही है। उन्होंने बताया कि भंडारे में आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के एसोसिएट प्रोफेसर डा. राजा सिंगला, रमाकांत टिबरेवाल और सुषमा टिबरेवाल की ओर से विशेष सहयोग किया गया, जिसके लिए कमेटी सदस्य उनका आभारी हैं। इस अवसर पर हिसार कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त राजकुमार, अरुण गौड़, जसपाल सिंह, पुनीत गोयल और किरण मौजूद रहे।